पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस नहीं रहे
88 साल की उम्र में निधन, स्वाइन फ्लू से थे पीड़ित
जब मैं उदय प्रताप कालेज, वाराणसी में छात्र था तो मुझे पुरकृत किया था। उनके निधन पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।
गैरकांग्रेसवाद की धुरी,बेहद ईमानदार,संसद में अपने तर्को से प्रतिपक्षियों को चित करने वाले राजनेता पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार सुबह 7 बजे से 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वह स्वाइन फ्लू से पीड़ित थे। काफी लंबे समय से वह बीमार थे और सार्वजनिक जीवन से दूर थे। जॉर्ज फर्नांडिस ने राजधानी दिल्ली में अंतिम सांस ली। पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक योगदान रहा है, फिर चाहे वह रक्षा क्षेत्र में उठाए गए बड़े फैसले हो या फिर इमरजेंसी के दौरान अपनी आवाज उठाने का मुद्दा रहा हो, जॉर्ज फर्नांडिस ने हमेशा ही आगे बढ़कर नेतृत्व किया। पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस 1974 में ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के प्रमुख थे, तब उन्होंने ऐतिहासिक रेलवे स्ट्राइक की थी जिसने सरकार को काफी परेशान किया था। इमरजेंसी के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस काफी एक्टिव रहे थे, आपातकाल हटने के बाद वह राजनीति में कूदे और पहली बार चुनाव लड़ा। उन्होंने जेल में रहते हुए ही बिहार के मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ा और जीते भी। केंद्र में जब मोरारजी देसाई की अगुवाई में सरकार बनी तो उन्हें मंत्री पद भी दिया गया। इसके बाद वीपी सिंह की सरकार में वह रेल मंत्री भी रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी तो जॉर्ज फर्नांडिस को रक्षा मंत्री का पद दिया गया। उन्होंने यहां भी अहम भूमिका निभाई। उस दौरान अगर कोई रुठता तो उन्हें मनाने का काम जॉर्ज फर्नांडिस के जिम्मे ही रहता था। 3 जून 1930 को मैंगलोर में पैदा हुए जॉर्ज फर्नांडिस नौ बार लोकसभा के सांसद रहे। अपने संसदीय जीवन में वह संसद की कई कमेटियों का हिस्सा रहे, सरकारों में कई पदों पर भी रहे।