करीब 31 वर्ष पूर्व जेबतराशी करके 30 रुपए चुराने वाला वांछित अपराधी गिरफ्तार,
कैथल, 14 जुलाई (अटल हिन्द /राजकुमार अग्रवाल ) विभिन्न पुराने आपराधिक मामलों में वांछित पीओ व बेलजंपरों की धरपकड़ के लिए एसपी लोकेंद्र सिंह के आदेशानुसार पुलिस द्वारा विशेष मुहिम चलाई जा रही है। जिसके दौरान में थाना सदर प्रभारी सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र की अगुवाई में पुलिस द्वारा उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए करीब 31 वर्ष पूर्व एक बस स्टैंड पर खड़े व्यक्ति की जेबतराशी करके 30 रुपए चुराने के मामले में वांछित उद्घोषित अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसे अदालत द्वारा जमानत हासिल करने उपरांत भूमिगत हो जाने कारण न्यायालय द्वारा करीब 25 वर्ष पूर्व पीओ घोषित कर दिया गया था।
पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने बताया कि गांव जसवंती निवासी कर्मसिंह दिनांक 3 दिसंबर 1990 को कहीं पर जाने के लिए क्योडक़ बस अड्डे पर मौजूद था। जहां एक व्यक्ति द्वारा उसकी जेव तराशी करके 30 रुपए चुरा लिए गये। 3 दिसंबर को थाना सदर में अभियोग अंकित करके आरोपी सुभाष निवासी धरौदी जिला जींद को भादसं. की धारा 379 अंतर्गत उसी दिन थाना सदर पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके आरोपी के कब्जे से चोरीशुदा नकदी बरामद कर ली गई, जिसने पूछताछ दौरान कबूला कि नशे का आदी होने कारण वह नशे की पूर्ति करने के लिए वारदात को अंजाम दे बैठा। जांच उपरांत अदालत में पेश किए गये आरोपी को न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में आरोपी सुभाष माननीय न्यायालय से जमानत हासिल करने उपरांत आगे समय पर अदालत में पेश नहीं हो कर भूमिगत हो गया। जिसे जेएमआईसी कैथल बशेसर वर्मा की माननीय अदालत द्वारा दिनांक 16 सितंबर 1996 को पी.ओ. करार दे दिया गया था। एसपी ने बताया कि थाना प्रबंधक सदर सबइंस्पेक्टर रमेश चंद्र की अगुवाई में सहायक उप निरीक्षक अशोक कुमार की टीम द्वारा मंगलवार 13 जुलाई को एक गुप्त सूचना मिलने उपरांत सोरगर बस्ती जींद में दबिश देकर करीब 52 वर्षीय वांछित भगौड़े आरोपी सुभाष निवासी धरौदी को वारदात के करीब 31 वर्ष बाद उपरोक्त मामले में काबू करके पुन: भादसं. की धारा 379 अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया। इस मध्य आरोपी प्रेमविवाह कर चुका था, जिसके उपरांत उसे एक लडक़ा व एक लडक़ी सहित 2 संतान है। आवश्यक जांच व पूछताछ उपरांत आरोपी 14 जुलाई को अदालत में पेश कर दिया गया, जहां आरोपी द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अपना गुनाह कुबूल करते हुए अदालत के समक्ष अपनी वृध माता तथा अंधरंग से पीड़ित पत्नी के इलाज व देखरेख करने के लिए रहम की गुहार की गई, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को अंडरगोन (जितने समय तक वह विचाराधीन आरोपी के तौर पर पहले ही कारावास में रह चुका है) का सजायाब करते हुए रिलीज कर दिया गया है।
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