आम चुनाव से पहले ही क्यों जली दिल्ली,
-राजकुमार अग्रवाल –
दिल्ली में फरवरी में आम चुनाव होने जा रहे है लेकिन राजनीति की काली नजर दिल्ली की शान्ति को सहन नहीं कर पाई और आम चुनाव से ठीक पहले आखिर दिल्ली क्यों जल उठी ,दिल्ली में जंगलराज क्यों कायम हुआ। दिल्ली पोलिस और दिल्ली प्रशासक दिल्ली के उप राज्यपाल केंद्र सरकार के अधीन आतें है और केंद्र में भाजपा की सरकार है फिर समय रहते क्यों केंद्र सरकार ने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाये। जबकि दिल्ली की सत्ता पर आप आदमी पार्टी का कब्जा है जिसे भाजपा पचा नहीं पा रही थी और दोनों राजनीतिक दलों के बीच 36 का आंकड़ा बना हुआ है इन सबके बीच केंद्र सरकार दिल्ली में भाजपा की सरकार बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन इसमें दिल्ली और देश की जनता का क्या कसूर ,आखिर क्यों जल उठता है देश इसके पीछे कौन लोग है इस विषय पर जनता को गहराई से सोचना होगा की दंगों में आम जनता हो क्यों शिकार होती है। नेता बिरादरी जनता को बेवकूफ बनाने में सबसे अहम् रोल अदा करते है क्योंकि आखिर नेताओ को सत्ता की भूख जो सताती रहती है एयरकंडीशनर कमरों और फ्री के बंगलों में बैठ कर ये नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते है क्यों.हमने तो आज तक किसी भी दंगे में कोई नेता या नेताओ के परिवार का कोई सदस्य शिकार होते नहीं दिखाई दिया। कानून बनाते है नेता और उन्हें तोड़ते भी नेता बिरादरी के लोग ही है क्योंकि देश का कानून इन नेताओ ने ही जो बनाया है वो कानून नेताओ पर नहीं आम जनता पर लागू होता है। अगर भारत की आम जनता नेताओ या देश के किसी मुद्दे पर आवाज उठाती है तो उसे देश द्रोही कहा जाता है या फिर साबित कर दिया जाता है। आखिर क्यों ,क्यों हो रहा है भारत में ऐसा ,और कौन लोग है इसके पीछे और पोलिस क्यों उन्हें नहीं पकड़ पाती ,कभी हरियाणा जलता है ,कभी राजस्थान ,कभी आसाम ,कभी बंगाल ,तो कभी यूपी और बिहार त्रिपुरा ,मेघायल आखिर क्यों। और ये दंगे फसाद भी तब होते है जब किसी राज्य में आम चुनाव नजदीक होते है। समझ नहीं आ रहा आखिर भारत 21 वीं शद्दी में जा रहा है या किसी दूसरी दिशा में एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में घूम घूम कर प्रचार कर रहे है लेकिन प्रचार किसका कर रहे है देश का या खुद का क्योंकि जहाँ जहाँ और जिस भी देश में मोदी गए वहां सिर्फ मोदी मोदी सुनाई दिया भारत का नाम कहीं सुनाई नहीं दिया इसके बावजूद भारत क्यों आये दिन आगजनी का शिकार हो रहा है क्यों भड़काऊ ब्यान देने वाले सत्ता के भूखे नेताओ पर कार्यवाही नहीं हो रही ,क्यों ये छुटभैये नेता अनाप शनाप ब्यान देकर अशांति फैला रहे है खासकर जब से देश की जनता ने भाजपा को बहुमत दिया है तब से हर छोटे -बड़े भाजपा नेताओ के पर निकल आये है इसलिए भाजपा को चाहिए की पहले वह अपने नेताओ की नकेल सके। यही नहीं पोलिस क्यों तमाशबीन बनी रहती है क्यों आम जनता की सुरक्षा नहीं कर पा रही है पुलिस। क्या पोलिस का काम नेताओ की चापलूसी करना रह गया है ?दिल्ली के बड़े पोलिस अधिकारी क्या काम कर रहे होते है आज तक समझ नहीं आया आखिर पोलिस के बड़े अधिकारी अपनी ड्यूटी किसके लिए कर रहे होते है। क्यों पोलिस तब घटना स्थल पर पहुँचती है जब आम जनता और सार्वजनिक सम्पत्ति दंगो का शिकार हो गई होती है। आखिर कौन होता है इन दंगो के पीछे और किन लोगो के कहने पर होते है ऐसे खतरनाक दंगे ?