करनाल में है बासमती चावल का कारोबार,411 करोड़ का चूना लगाकर फरार हुए
Basmati rice business in Karnal, escaped with lime of 411 crore
The promoter of Ramdev International, who escaped by licking 411 crores, had his business in Haryana
एसबीआई ने शिकायत में कहा है कि कंपनी की करनाल जिले में तीन बासमती चावल मिलें, आठ छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां हैं। कंपनी ने व्यापार के लिए सऊदी अरब और दुबई में कार्यालय भी खोले हुए हैं। एसबीआई के अलावा कंपनी को ऋण देने वाले बैंकों में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं।
SBI के अलावा बैंकों के इस कंसोर्शियम में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉर्पोरेशन बैंक शामिल हैं.रिपोर्ट के मुताबिक, रामदेव इंटरनेशन ने कुल 414 करोड़ रुपये का कर्ज बैंकों से लिया है. इसमें 173.11 करोड़ SBI से, केनेरा बैंक से 76.09 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 64.31 करोड़ रुपये, 51.31 करोड़ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से, 36.91 करोड़ कारपोरेशन बैंक से और 12.27 करोड़ रुपये IDBI बैंक से कर्ज लिया गया है.
CBI ने कंपनी और उसके निदेशक, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, संगीत और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इसमें धोखाधड़ी, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते अभी तक इस मामले में छापेमारी की कार्रवाई नहीं की गई है। जांच एजेंसी इस मामले में आरोपियों को समन की प्रक्रिया शुरू करेगी। अधिकारियो ने कहा कि यदि आरोपी जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि एसबीआई की शिकायत के अनुसार इस कंपनी का खाता 27 जनवरी, 2016 को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि बैंक 4 साल चुप क्यों रहा?