क्या है वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट, जिसमें शामिल हुआ JN.1 वैरिएंट, WHO का नया अलर्ट
Coroan Virus Omicron Sub Variant JN.1 : डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन JN.1 को वर्गीकृत किया गया है।
जानें क्यों वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में शामिल किया जाता है संक्रमण
क्या है वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट, जिसमें शामिल हुआ JN.1 वैरिएंट, WHO का नया अलर्ट
Coroan Virus Omicron Sub Variant JN.1 : डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन JN.1 को वर्गीकृत किया गया है।
जानें क्यों वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में शामिल किया जाता है संक्रमण
आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ की ओर से वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में कोरोना वायरस के उस वैरिएंट को शामिल किया जाता है, जो ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। वहीं, वैरिएंट ऑफ कंसर्न में कोरोना वायरस के उस वैरिएंट जैसे- अल्फा, बीटा, गामा को रखा जाता है, जो ज्यादा घातक होता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस के वैरिएंट को उसके जोखिम, प्रकार और संक्रमण दर से मिले साक्ष्य के आधार पर वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट और वैरिएंट ऑफ कंसर्न में वर्गीकृत करता है।
WHO ने कहा कि तेजी से विकसित हो रहा वायरस
WHO ने कहा कि नए सब वैरिएंट JN.1 के संक्रमण से लड़ने के लिए मौजूदा कोरोना वैक्सीन काफी कारगार है। यह वायरस तेजी से विकसित होकर फैल रहा है। इस पर डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के प्रति सचेत रहने के कहा है। आपको बता दें कि भारत और सिंगापुर समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के लक्षण पाए गए हैं। इसे लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है और भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क लगाने की अपील की है।
आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ की ओर से वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में कोरोना वायरस के उस वैरिएंट को शामिल किया जाता है, जो ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। वहीं, वैरिएंट ऑफ कंसर्न में कोरोना वायरस के उस वैरिएंट जैसे- अल्फा, बीटा, गामा को रखा जाता है, जो ज्यादा घातक होता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस के वैरिएंट को उसके जोखिम, प्रकार और संक्रमण दर से मिले साक्ष्य के आधार पर वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट और वैरिएंट ऑफ कंसर्न में वर्गीकृत करता है।
WHO ने कहा कि तेजी से विकसित हो रहा वायरस
WHO ने कहा कि नए सब वैरिएंट JN.1 के संक्रमण से लड़ने के लिए मौजूदा कोरोना वैक्सीन काफी कारगार है। यह वायरस तेजी से विकसित होकर फैल रहा है। इस पर डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के प्रति सचेत रहने के कहा है। आपको बता दें कि भारत और सिंगापुर समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के लक्षण पाए गए हैं। इसे लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है और भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क लगाने की अपील की है।
कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 ने एक बार फिर सबको सकते में डाल दिया है. देश के सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा गया है और साथ ही कोरोना के मामलों को गंभीरता से लेने को भी कहा गया है. कोरोना का यह नया सब-वेरिएंट दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहा है. भारत में भी एस सब-वेरिएंट का एक मामला केरल से आ चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए आज सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करने का ऐलान किया है. वहीं अलग-अलग राज्यों में भी सरकारें एडवाइजरी जारी कर रही हैं. हालांकि WHO ने इस नए सब-वेरिएंट को ज्यादा खतरनाक नहीं बताया है.
इसी कड़ी में कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार ने लोगों से सावधानी बरतने की भी अपील की है. कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी. उनकी यह टिप्पणी केरल और अन्य राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बाद आई है. कर्नाटक के कोडागु में पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हमने कोरोना वायरस को लेकर एक बैठक की, जहां हमने चर्चा की कि क्या कदम उठाए जाने चाहिए? हम जल्द ही एक एडवाइजरी जारी करेंगे. जिन लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और जिन्हें हृदय संंबंधित सहित अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए.’ वहीं केरल में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले 24 घंटों में 115 नए कोविड-19 संक्रमण सामने आए, जिससे राज्य में वायरस के कुल सक्रिय मामले 1,749 हो गए.
कोरोना के नए सब-वेरिएंट का जेएन.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक हिस्से के रूप में वेरिएंट के तौर पर क्लासीफाइड किया गया था. लेकिन अब सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ इसके फैलने का खतरा तेजी से बढ़ गया है. इसके चलते इसे अलग से वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के तौर पर क्लासीफाइड किया गया है. WHO ने कहा कि मौजूदा वैक्सीन इसमें कारगर है और इसके जोखिम से मरीजों को बचाती हैं. WHO लगातार मामलों की निगरानी रख रहा है और एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें कहा गया है कि लोग भीड़-भाड़ वाले, बंद या खराब हवा वाले इलाकों में मास्क पहनें. साथ ही जहां तक संभव हो दूसरों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें. WHO ने यह भी कहा कि इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है.
मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे तक देशभर से सामने आए 142 मामलों में से केरल के 115 मामले शामिल थे. पिछले 24 घंटों में राज्य में वायरस से किसी की मौत की सूचना नहीं मिली. संक्रमण का पता चलने के बाद पिछले 24 घंटों में ठीक होने वाले लोगों की संख्या 112 थी. बता दें कि एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट के लक्षण इंफ्लूएंजा जैसे हैं. ऐसे में सर्दी-खांसी को आम समस्या मानना खतरनाक साबित हो सकता है. बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट का पहला मामला लग्जमबर्ग में सामने आया था. चीन में यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है. यह वेरिएंट शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम को चकमा दे सकता है.