खालिस्तान चरमपंथ अब भारत के साथ कनाडा की सुरक्षा के लिए खतरा।
कैथल (Atal Hind): नवंबर 2020 में होने वाले रेफरेंडम 2020, स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करने वाले लोगों द्वारा शुरू किया गया अभियान है जिसे विश्व भर के सिख समुदाय द्वारा ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई है।
जबकि असलियत में इस खालिस्तान आंदोलन को सिखों के गृह राज्य पंजाब में भी ज्यादा समर्थन नहीं मिला है तथा भारत के अन्य राज्यों व दूसरे देशों में रह रहे सिख समुदाय के लोगों ने भी इसे नकार दिया है। खालिस्तानी आंदोलन हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान द्वारा लाया जा रहा एक प्रायोजित षड्यंत्र है। भारत और अन्य देशों में रह रहे सिख समुदाय लोगों को यह समझना चाहिए और पाकिस्तान की साजिश और नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना चाहिए।
हाल ही में कनाडाई थिंक टैंक ‘मैकडोनाल्ड-लॉयर इंस्टीट्यूट’ ने खालिस्तानी चरमपंथ के उभरने में पाकिस्तान की भूमिका पर एक अध्ययन जारी किया है। वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की द्वारा लिखित शोध पत्र खालिस्तान को पाकिस्तान द्वारा विकसित और पोषित एक भू-राजनीतिक परियोजना के रूप में इसकी वास्तविकता को बताता है। भारत के पंजाब प्रांत में सक्रिय खालिस्तानी आतंकियों को पाकिस्तान ने पैदा किया था और ये आतंकी अब न केवल भारत बल्कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं।