


बॉक्स-बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती थी सरकार ने दी रहने के लिए छत- लाभार्थी
वार्ड-5 की निवासी प्रवीन कौर का कहना है कि मेरे पति मजदूरी का कार्य करते हैं, जिससे वह मकान बनाने में असमर्थ थे। पहले हमें कच्चे मकान में रहना पड़ रहा था और बरसातों के दिनों में काफी परेशानी होती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए नगर पालिका में मैंने प्रार्थना पत्र दिया था, जिससे सरकार की योजना के तहत 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि 3 किस्तों में जारी की गई दी गई और मेरा बहुत जल्दी एक अच्छा मकान बनकर तैयार हो गया।
बॉक्स-प्रधानमंत्री आवास के एक और लाभार्थी निशा पत्नी सलीम निवासी वार्ड-3 बताया कि जीवन में एक आम आदमी का सपना यही होता है कि उसके सर पर पक्की छत हो और वो अपने बच्चों के लिए पक्का मकान बनाकर उन्हें दे सके। मेरे पति की आय का साधन इतना सीमित है कि संभवत: मैं अपना मकान बनाने की शायद सोच भी नहीं सकती थी। ये तो भला हो प्रधानमंत्री आवास योजना का जिसने हम जैसे मजबूर लोगों की सुध ली और हम इस काबिल बन सके कि आज इस योजना के तहत मिली राशि से पक्का मकान बनाकर उसमें जिन्दगी बसर कर रहे हैं। निशा ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन पर हृदय से आभार व्यक्त किया, वहीं यह भी उम्मीद जाहिर की आने वाले वक्त में मुझ जैसे न जाने कितने जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ उठाकर अपने मकान बनाने के सपने को हकीकत बना सकेंगे।
बॉक्स: राजकुमार अब अपने मकान में रह रहा है सुकून से
दिन भर की जी तोड़ मेहनत कर पसीना बहाने के बाद अपने व अपने बच्चों को लिए दो वक्त की रोटी जुटाने वाला दिहाड़ीदार मजदूर राजकुमार भी अब इस योजना की रूह से पक्का मकान बनाकर अपने आपको किसी रियासत के राजकुमार से कम नहीं समझ रहा है। बात करने पर खुशी चेहरे पर साफ दिखाई दी और उसने भावुक होते हुए बताया कि अगर प्रधानमंत्री आवास योजना हम जैसे लोगों के लिए जमीन पर न उतरती तो शायद जिंदगी भर कच्चे मकान में रहकर अपना समय काटना पड़ता। आज अगर पक्की छत है तो बारिश, लू और तुफान की कोई चिंता नहीं है। दिन भर की मेहनत के बाद बेफिक्र होकर अपने परिवार के साथ अपने खुद के मकान में सुकून से सोते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर ये मदद न मिली होती तो अपना छोटा सा मकान बनाने के लिए जिंदगी भर कर्ज में डूबा रहता।