नरवाना श्री गीता भवन मंदिर के वार्षिकोत्सव समारोह का हुआ समापन
समापन पर किया गया हवन यज्ञ, लगाया गया विशाल भंडारा
प्रभु भक्ति करके अपने जीवन का सदुपयोग करना चाहिए : स्वामी मुक्तानंद
नरवाना, 28 फरवरी (राजीव) : शहर के पंजाबी चौंक पर स्थित श्री गीता भवन मंदिर में चले रहे 27वें वार्षिकोत्सव समारोह का रविवार को समापन हो गया। स्वामी मुक्तानंद जी महाराज के सान्निध्य में तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम का समापन हवन यज्ञ के साथ हुआ। हवन यज्ञ में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। लोगों ने मंत्रोच्चारण के बीच हवन यज्ञ में आहूति डाली। बाद में विशाल भंडारा लगाया गया जिसमें काफी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। समापन अवसर पर नगरपरिषद की चेयरपर्सन सुनीता चोपड़ा के प्रतिनिधि सुदेश चोपड़ा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की। इस मौके पर अपने प्रवचनों में स्वामी मुक्तानंद जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को निस्वार्थ भाव से प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।
स्वामी मुक्तानंद जी महाराज ने कहा कि केवल पुरूष योनी में ही प्रभु का भजन व भक्ति करने का मौका मिलता है इसलिए मनुष्य को इसे गवाना नहीं चाहिए और प्रभु भक्ति करके अपने जीवन का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत व्यवहार का नाम ही सत्संग हैं इसलिए जब तक व्यवहार में सत्यता नहीं आएगी तब तक मनुष्य को सत्संग का भी लाभ नहीं होगा। स्वामी मुक्तानंद जी महाराज ने कहा कि हमारा जीवन व आदर्श इतने महान होने चाहिए कि हम किसी को भी गलत निगाह से न देखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को गीता और रामायण पढ़ कर उससे सीख लेनी चाहिए।
मुक्तानंद जी महाराज ने कहा कि रामायण का प्रत्येक चरित्र हमें जीवन के लिए कुछ न कुछ प्रेरणा अवश्य देता है। उन्होंने कहा कि हम सबको श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, जानकी जी व कौशल्या के जीवन चरित्रों से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके दिखाए आदर्शों पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भाग्य से ज्यादा कुछ नहीं मिल सकता और जो कुछ उसके भाग्य में लिखा है उसे कोई भी व्यक्ति छीन नहीं सकता इसलिए बिना वजह चिन्ताग्रस्त नहीं रहना चाहिए और निस्वार्थ भाव से प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। इस अवसर पर मंगला देवी जी महाराज ने भी अपने प्रवचनों से उपस्थित लोगों को सरोबार किया। फागुन के सुंदर- सुंदर भजनों पर लोग झूमने पर मजबूर हो गए। कार्यक्रम के दौरान फूलों की होली भी खेली गई। इस अवसर पर अशोक कक्कड़, अशोक नागपाल, कृष्ण नागपाल, देशराज माटा, अनिल गुप्ता, पंकज सहित अनेक लोग मौजूद रहे।