नामांकन के बाद बदल रहे हैं कैथल जिले के राजनीतिक समीकरण !
कैथल विधानसभा से गुर्जर समाज के चार उम्मीदवार होने से राजनीतिक माहौल में हुआ बदलाव !
इनेलो ने उम्मीदवार बदलकर अनिल तंवर क्योड़क को दी टिकट !
कैथल, 04 अक्तूबर (कृष्ण प्रजापति): नामांकन के आखिरी दिन कैथल जिले की राजनीतिक हलचल एक बार फिर पूरे प्रदेश में राजनीतिक गर्मी पैदा कर गई। जहां आज इनेलो प्रत्याशी सिद्धार्थ सैनी के स्थान पर इनेलो ने टिकट क्योड़क गांव निवासी व इनैलो के युवा जिलाध्यक्ष अनिल तंवर को दी है। अनिल तंवर गुर्जर बिरादरी से हैं। उधर बसपा ने भी सांपली खेड़ी निवासी गुज्जर बिरादरी के मदन कुमार को प्रत्याशी बनाया है। कैथल विधानसभा से गुर्जर बिरादरी के चार उम्मीदवार होने से भाजपा उम्मीदवार लीलाराम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि सर्वहित पार्टी से प्रत्याशी जसवीर तंवर मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव क्योड़क से हैं व गुर्जर बिरादरी से हैं। भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक लीला राम भी गुर्जर बिरादरी से हैं, जिससे गुर्जर बिरादरी का वोट बैंक चार धड़ों में बंट सकता है, जिसका फायदा कांग्रेसी उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला को पहुंच सकता है। उधर जेजेपी पार्टी ने रणदीप सुरजेवाला के वोट बैंक पर सेंध लगाने के उद्देश्य से जाट उम्मीदवार रामफल मलिक को टिकट दिया है। रामफल मलिक गांव खुराना से हैं, पंचायत में खुराना गांव व उनके आसपास के जाट बाहुल्य गांव का जनसमर्थन रामफल मलिक के पक्ष में हो गया तो रणदीप सुरजेवाला के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। वहीं किसी भी टिकटार्थी ने टिकट कटने के बाद भी भाजपा कैंडिडेट के खिलाफ आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान नहीं किया है, जिससे लीलाराम को मजबूती मिल सकती है। वहीं आज जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर की अध्यक्षता में पूंडरी हलके के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक चौधरी तेजबीर सिंह ने आज मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में आस्था व्यक्त की और पटका पहनकर भाजपा ज्वाइन की है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया है। चौ० तेजबीर सिंह के आने से पूंडरी हलके में भाजपा को मजबूती मिलेगी, रोड़ बिरादरी के कद्दावर नेता के रूप में तेजबीर सिंह की पहचान है। चौ० तेजबीर सिंह के पिताजी चौधरी ईश्वर सिंह विधानसभा स्पीकर और पुंडरी हल्के से चार बार विधायक रह चुके हैं। चौधरी तेजबीर सिंह पुंडरी, कौल व ढांड स्थित अनेक शिक्षण संस्थाओं के प्रधान भी हैं और 2000 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर पुंडरी हल्के से विधायक रह चुके हैं। चौधरी तेजबीर सिंह इनेलो और कांग्रेस पार्टी में अनेक पदों पर रह चुके हैं, भाजपा को उनके शामिल होने से फायदा मिल सकता है। उधर रोड़ बिरादरी के दिग्गज नेता और भाजपा से दो-तीन बार चुनाव लड़ चुके रणधीर गोलन ने भी पार्टी को अलविदा कहकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, इसके साथ ही हल्के से भाजपा के खत्म होने का दावा भी किया है। चुनाव से ठीक पहले कैथल में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन करने वाले पूर्व विधायक दिनेश कौशिक जहां 5 साल मुख्यमंत्री और भाजपा का गुणगान करते नहीं थकते थे, वही आजकल हर मंच पर भाजपा को जनता और उनका विरोधी बता रहे हैं और भाजपा द्वारा उनके साथ विश्वासघात करने की बात बोल रहे हैं। पुंडरी विधानसभा से उम्मीदवारों की जीत में खास योगदान रखने वाले पाई बेल्ट के गांवों का माहौल भी आजकल बदला बदला हुआ है। अबकी बार कांग्रेस ने भाणा गांव से सतबीर जांगड़ा को टिकट देकर, जेजेपी पार्टी ने राजू ढुल पाई को टिकट थमाकर, बसपा ने पाई निवासी सुनीता ढुल को टिकटार्थी बनाकर पाई बेल्ट में अपना वोट बैंक बढ़ाने व अपनी मजबूती बनाने का प्रयास किया है। अगर राजनीतिक उथल पुथल के बाद पलड़ा भारी होने की बात करें तो पुंडरी में रणधीर गोलन, नरेंद्र शर्मा और सतबीर भाणा के बीच टक्कर होने के आसार बन रहे हैं। कलायत में भी मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है, सतविंदर राणा, कमलेश ढांडा और जयप्रकाश के बीच मुकाबला होने की चर्चा कलायत हल्के में है। गुहला हल्के में मुकाबला रवि तारावाली, देवेंद्र हंस और कांग्रेसी नेता दिल्लू राम बाजीगर के बीच होने वाला है। कैथल विधानसभा में मुकाबला सुरजेवाला वर्सेज लीलाराम होने का अनुमान लगाया जा रहा है।