निर्वस्त्र घुमाई गई महिला से मिलने वाले नेताओं और समूहों पर अदालत ने रोक लगाई
कर्नाटक के बेलगावी ज़िले का मामला. पुलिस के अनुसार, बीते 11 दिसंबर को एक 42 वर्षीय महिला को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के अलावा उन्हें बिजली के खंभे से बांधकर पीटा गया था. ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि उनका बेटा एक युवती के साथ भाग गया था. पुलिस ने इस संबंध में सात लोगों को गिरफ़्तार किया था.
नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेलगावी में अमानवीय व्यवहार और हमले का सामना करने वाली महिला से मिलने आने वाले लोगों की संख्या पर प्रतिबंध लगा दिया है.
महिला के बेटे के एक लड़की के साथ भाग जाने के बाद उसके गांव के कुछ लोगों ने उसे निर्वस्त्र कर घुमाने के साथ उनके साथ मारपीट की थी. वह जिस आघात से गुजर रही हैं, उसे ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि उनसे मिलने वाले लोगों की संख्या को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले ने बीते शनिवार (16 दिसंबर) को अपने आदेश में कहा, ‘इन परिस्थितियों में पीड़ित को देखने के लिए लोगों का अस्पताल जाना असामान्य नहीं है. यह अदालत आम तौर पर किसी भी नागरिक की आवाजाही की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं करना चाहेगा. हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि महिला को असहनीय आघात का सामना करना पड़ा है और वह चिकित्सा उपचार से गुजर रही है, हमारी सुविचारित राय में उनसे मिलने आने वालों के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति प्रभावित होने और चल रहे इलाज में भी बाधा आने की संभावना है.’
आदेश में अदालत ने कहा, ‘इसलिए हम महिला के सर्वोत्तम हित में और निर्बाध इलाज सुनिश्चित करने के लिए उनसे मिलने आने वाले लोगों को प्रतिबंधित करना उचित समझते हैं. उपरोक्त पृष्ठभूमि में हम निर्देश देते हैं कि कोई भी व्यक्ति, समूह, संघ, राजनीतिक दल या उसके जैसे लोग अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी या इलाज करने वाले डॉक्टर की पूर्व लिखित अनुमति के बिना महिला से मिलने नहीं जाएंगे.’
शनिवार को न्यायाधीश के कक्ष में एक तत्काल सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने टेलीविजन पर एक समाचार रिपोर्ट देखने के बाद आदेश जारी किया, ‘महिला से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुलाकात की जानी है.’
हालांकि हाईकोर्ट ने कहा, ‘आदेश महिला के परिवार के सदस्यों, वैधानिक अधिकारियों/आयोगों या जांच एजेंसियों के आधिकारिक प्रतिनिधियों को आवश्यकता आधारित तरीके से उनसे मिलने से नहीं रोकेगा.’
अदालत ने बीते 12 दिसंबर को बेलगावी जिले के हुक्केरी तालुक के एक गांव में हुई इस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया था.
बीते 14 दिसंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए उसने घटना की जांच पर अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर को बेलगावी कमिश्नर को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि घटना में अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के बेलगावी जिले में बीते 11 दिसंबर को तड़के एक 42 वर्षीय महिला को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के अलावा उन्हें बिजली के खंभे से बांधकर उनके साथ मारपीट की गई थी.
पुलिस ने बताया था कि ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि उनका बेटा एक युवती के साथ भाग गया था. पुलिस ने घटना के संबंध में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने कहा था कि घटना बेलगावी शहर से 9 किमी दूर होसा वंतमुरी गांव में देर रात 1 बजे से 3 बजे के बीच हुई थी, जहां विधानमंडल का सत्र चल रहा था.
पुलिस के अनुसार, ‘महिला का 24 वर्षीय बेटा एक 18 वर्षीय युवती के साथ रिश्ते में था, लेकिन उसके परिवार ने उसकी शादी किसी अन्य व्यक्ति के साथ तय कर दी थी. 11 दिसंबर को होने वाले सगाई समारोह से पहले ही यह जोड़ा भाग गया था.’
इसके बाद युवती के रिश्तेदारों ने कथित तौर पर युवक की मां पर उनके घर पर हमला कर दिया था.
काकाती पुलिस के अनुसार, उन्होंने युवक की मां को नग्न कर घुमाने के साथ बिजली के खंभे से बांधकर पीटा था. महिला को इलाज के लिए बेलगावी अस्पताल में ट्रांसफर किया गया था.