भारत देश के 10 जिले , जहाँ भारत सरकार की भी नहीं चलती !
पूरे भारत में ऐसे 10 जिले हैं जिनका शासन और प्रशासन भारत सरकार नहीं देखती बल्कि वह जिले खुद अपना शासन और प्रशासन देखते हैं ऐसे जिलों को स्वशासित जिले कहा जाता है
इन जिलों का नियंत्रण भारत सरकार ने स्थानीय लोगों को दिया हुआ है और यह कोई आज ही हुई घटना नहीं है जब से हमारा संविधान बना है तब से यह जिले स्वशासित जिले हैं
मतलब कि भारत सरकार इनके कामकाज में कोई दखलंदाजी नहीं करती इनको अपना निर्णय खुद लेने के लिए स्वतंत्रता है यह अपने लिए कानून बना सकते हैं उनका इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने ही कानून के अनुसार से किसी भी चीज को गैरकानूनी घोषित कर सकते हैं इसके लिए पूरी एक प्रक्रिया तय की गई है और हमारे संविधान की अनुसूची 6 में उन क्षेत्रों का वर्णन भी किया गया है जिन क्षेत्रों का यानी जिन जिलों का प्रशासन भारत सरकार नहीं बल्कि स्थानीय लोग संभालेंगे.
ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि भारत की कुछ पहाड़ी इलाकों में बहुत गहराई में जनजाति लोग रहते थे जो आधुनिक समाज से पूरी तरह से कटे हुए थे और आधुनिकता को स्वीकार नहीं कर पाए थे कुछ ऐसे समुदाय भी थे जो थोड़े बहुत तो आधुनिक हुए थे लेकिन उनसे यह आशा नहीं की जा सकती थी कि वह पूरी तरह से चीजों को समझेंगे और उसके अनुसार कार्य करेंगे कुछ ऐसे क्षेत्र भी थे जहां थे जहां पर भौगोलिक रूप से बहुत गहरी विविधता शामिल थी और उसकी जानकारी केवल स्थानीय लोगों को ही थी अगर वहां पर सीधे भारत सरकार का शासन होता तो वह उन नीतियों से मिलना ना खा पाते और यह संभव था कि अलगाववाद की भावना उनमें घर कर जाती. स्थानीय जरूरत को ध्यान में रखते हुए संविधान निर्माताओं ने यह निर्णय लिया था कि इन जिलों का नियंत्रण यहां कि खुद के लोग ही संभालेंगे और भारत सरकार इस चीज के प्रति लिए सीधे उत्तरदाई नहीं होगी.
लेकिन भारत सरकार ने उन राज्यों में जहां पर जिले को पूरी स्वतंत्रता दी गई है यह जिम्मेदारी राज्यपाल को दी है कि वह स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए कानून की समीक्षा करें और यह तय करें कि वह कोई ऐसा कानून ना बनाएं जो असंवैधानिक और पक्षपाती हो राज्यपाल ही ऐसे क्षेत्रों को घोषित करता है जहां पर वहां के जिले की सरकार वहां के स्थानीय लोग चलाएंगे, राज्यपाल के पास ही अधिकार है कि वह उन लोगों को कानून बनाने की शक्ति दे और राज्यपाल के पास यह भी अधिकार है कि वह उन जिलों का क्षेत्रफल घटा दिया बढ़ा दे जो जिले शासित है
ऐसे अधिकतर जिले पूर्वोत्तर भारत में ही है इसमें पश्चिम बंगाल आसाम, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, राज्य शामिल है लद्दाख में भी दो ऐसे जिले हैं हालांकि भारत सरकार सीधे इन जिलों पर शासन नहीं करती लेकिन फिर भी नियम और कायदे के अनुसार भारत सरकार अप्रत्यक्ष रूप से इन जिलों की सरकारों को अपने नियंत्रण में रखती है जैसे कुछ बड़े और महत्वपूर्ण खर्चों के लिए बजट भारत सरकार द्वारा ही जारी किया जाता है अगर किसी क्षेत्र में अशांति हो तो भारत सरकार अपनी सेना वहां पर निर्बाध रूप से से भेज सकती है इसलिए कहा जा सकता है कि भले ही वे जिले किसी राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार की सीधे आधीन ना हो हो ना हो लेकिन फिर भी भारत सरकार का उनके ऊपर ऊपर नियंत्रण है और वह पूरी तरह से आजाद नहीं है।
डा. सतीश त्यागी की वाल से