हरियाणा सरकार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हावी, मुख्यमंत्री मनोहर बैकफुट पर
मनोहर के लिए टर्निंग प्वाइंट सिद्ध हो सकता है नया वित्त वर्ष l
अटल हिन्द ब्यूरो /धर्मपाल वर्मा
चंडीगढ़ l
हरियाणा की मौजूदा मनोहर सरकार फिलहाल अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पा रही है lऐसा ही 2014 में तब भी हुआ था जब यह सरकार पहली बार बनी थी lराजनीतिक पर्यवेक्षक यह मानकर चल रहे हैं कि फिलहाल सरकार पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हावी नजर आ रहे हैं और मुख्यमंत्री बैकफुट पर हैं l
जहां तक मंत्रियों का सवाल है अधिकांश अभी विभाग को और अधिकारियों की कार्यशैली और उनके टेंपरामेंट को समझने में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं वे कोई विजनरी परिणाम नहीं प्रस्तुत कर पाए हैं l आज न तो जे जे पी के विधायक खुश और संतुष्ट नजर आ रहे है न निर्दलीय और न ही सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक lभारतीय जनता पार्टी अभी संगठन चुनाव में व्यस्त है lअभी बजट पेश होना है फिर राज्यसभा के चुनाव आ जाएंगे l कुल मिलाकर अप्रैल तक ऐसे ही मिले-जुले हालात रहने वाले हैं परंतु इसके बाद अप्रैल के अंत तक हरियाणा की सरकार में कई आमूलचूल परिवर्तन होने की खबरें हैं और आसार भी लग रहे हैं l
इसमें एक खास बात यह है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों की अग्नि परीक्षा की समय सीमा नजदीक आ रही है l अब इन दोनों को परफॉर्म करके दिखाना होगा lजहां अनिल विज को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विकल्प बताया और दिखाया जा रहा है वहीं शायद भाजपा ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की कमर पर भी लगाम फेंक दी है l पार्टी के बड़े लोग अब उनकी चाल देखना चाहते हैं lयदि वह इतनी सुख सुविधाएं और पावर के बाद भी अपने विभागों में परफॉर्म नहीं कर पाए तो फिर उनकी अहमियत उसी तरह नहीं रहेगी जैसे भाजपा के अपने जाट नेताओं की नहीं रह गई है lहरियाणा में उपमुख्यमंत्री तो और भी रहे परंतु किसी को इस तरह से कंसीडर नहीं किया गया l
दुष्यंत के पास आज विधानसभा में भी कार्यालय है l स्वर्गीय चौधरी चांदराम मास्टर हुकुम सिंह बी डी गुप्ता और चंद्रमोहन को कभी यह सुविधा नहीं मिली lदुष्यंत चौटाला परफेक्ट उपमुख्यमंत्री नजर आते हैं lउन्हें तो अब सरकार ने जेड सुरक्षा भी प्रदान कर दी हैl उनके पास 11 विभाग हैं और सारे अति महत्वपूर्ण
उपमुख्यमंत्री को उद्योगों में 75% हरियाणवी बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने और आबकारी नीति को व्यवहारिक एवं अधिक राजस्व प्रदाय बनाने की जिम्मेदारी है lयहां उनकी बड़ी अग्निपरीक्षा होनी है l यदि वे सफल नहीं हो पाते तो उनके पास कोई बहाना नहीं बचेगा lअब देखते हैं कि वे इसमें सफल कितने होते हैं l
इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विरोधी पहले से ज्यादा हो गए हैं जो दो-तीन कामों पर विशेष तौर पर लगे हुए हैं lउनका एक प्रचार यह है कि पार्टी मनोहर लाल को बदलने पर विचार कर रही है l उनका यह भी कहना है कि गृह मंत्री अनिल विज उनका स्थान लेने वाले हैं l दूसरा यह कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तो ईमानदार बता दिया जाता है परंतु उनके सहयोगी और विश्वासपात्र लोग भ्रष्ट और बेईमान है lवह पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर कविता और राजीव जैन आदि और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और कई अफसरों पर गंभीर आरोप भी लगाते हैं l
अब मनोहर विरोधी भाजपाई बार-बार यह कह रहे हैं कि मार्च के बाद हरियाणा में बहुत कुछ बदल जाएगा l इसके पीछे का सच जो वह कहना चाह रहे हैं वह यह है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री बदलेगा तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री को भी दरकिनार कर दिया जाएगा और निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार चलेगी l वे कहते हैं कि जहां तक जीजेपी के विधायकों का सवाल है वे बीजेपी को छोड़कर जाएंगे भी कहां l
यह देखा गया है कि सरकार के साथ खड़े विधायक भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे उधर मंत्रियों में ज्यादातर इस बात को लेकर परेशान बताए गए हैं कि उनकी मर्जी से काम नहीं हो पा रहे हैं आप जान सकते हैं कि ताकतवर मंत्री अनिल विज उन पुलिस अधिकारियों को विभाग में वापस लाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं जो दूसरे विभागों में या सिविल सेवाओं में तैनात हैं lबताते हैं कि अब भी कई ऐसे अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं जिन की कार्यशैली से मंत्री संतुष्ट नहीं हैl
बिजली मंत्री रणजीत सिंह भी चाहते हैं कि उनके विभाग में निर्णायक सीट पर बैठे एक प्रभावशाली आईपीएस अधिकारी को वापस बुलाया जाए परंतु हटाना लगाना तो दूर की बात उक्त अधिकारी विभाग में बनाए गए अपने नेटवर्क से किसी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है l बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री उनके काम से संतुष्ट हैं l इसलिए मार्च के बाद कुछ ऐसा समायोजन भी संभव है कि कुछ विभाग ऊपर नीचे किए जाएं lकुछ विधायकों को ऊपर नीचे किया जाएl वैसे मुख्यमंत्री की पार्टी में अहमियत और घुसपैठ का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकेगा कि हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष उनकी मर्जी का बनेगा या विरोधी हावी रहेंगे l