मोदी सरकार के 8 मंत्रियों सहित बीजेपी के 32 सांसदों का कार्यकाल हो रहा खत्म,
क्या इस्तीफा देकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) में शामिल कई केंद्रीय मंत्रियों का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसमें मोदी सरकार के दिग्गज मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पुरुषोत्तम रुपाला, राजीव चंद्रशेखर, नारायण राणे और अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल है. अगर बीजेपी संगठन की बात करें तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सुशील कुमार मोदी, प्रकाश जावड़ेकर, सरोज पांडेय, अनिल बलूनी, सुधांशु त्रिवेदी, अनिल जैन, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जेवीएल नरसिम्हा राव सहित कई और बड़े नाम शामिल हैं.
बता दें कि नए साल की शुरुआत में ही में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी Modi Cabinet के 32 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. इनमें ज्यादातर सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2 अप्रैल 2024 के बाद मोदी सरकार के ये मंत्री इस्तीफा देंगे या उनका मंत्री पद बरकरार रहेगा?
इतनी सीटें हो रही हैं खाली
नए साल में राज्यसभा की 69 सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें से 56 सीटें लोकसभा चुनाव से पहले यानी अप्रैल-मई तक खाली हो जाएंगी. इनमें कांग्रेस,आरजेडी, जेडीयू, शिवसेना सहित कई पार्टियों के सांसद शामिल हैं. वहीं, बीजेपी के भी आठ मंत्रियों का कार्यकाल इसी अवधि में खत्म होगा. हालांकि, जब इन मंत्रियों का कार्यकाल खत्म होगा, उस समय देश में आम चुनाव का ऐलान हो चुका होगा. ऐसे में कई राज्यसभा सांसद और मंत्री लोकसभा का चुनाव भी लड़ते हुए नजर आ सकते हैं.
इन मंत्रियों और नेताओं का कार्यकाल हो रहा है खत्म
1- जे पी नड्डा, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
2- डॉ मनसुख मंडाविया, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
3- धर्मेंद्र प्रधान, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
4- पुरुषोत्तम रुपाला, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
5- नारायण राणे, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
6- राजीव चंद्रशेखर, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
7- भूपेंद्र यादव, 4 अप्रैल 2018- 3 अप्रैल 2024
8- अश्विनी वैष्णव, 29 जून 2029- 3 अप्रैल 2024
9- अनिल अग्रवाल, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
10- अशोक बाजपयी, 03 अप्रैल 2018 – 02 अप्रैल 2024
11- अनिल बलूनी, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
12- अनिल जैन, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
13- प्रकाश जावड़ेकर, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
14- कांता कर्दम, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
15- सुशील कुमार मोदी, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
16- वी मुरलीधरण, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
17- डॉ एल मुरुगन, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
18- समीर ओरांव, 04 मई 2018- 03 मई 2024
19- सरोज पांडेय, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
20- सकलदीप राजभर, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
21- राकेश सिन्हा, 14 जुलाई 2018- 13 जुलाई 2024 (राष्ट्रपति द्वारा नामित)
22- अजय प्रताप सिंह, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
23- जीवीएल नरसिम्हा राव, 03 अप्रैल 2018 02 अप्रैल 2024
24- डॉ सीएम रमेश, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
25- राम शकल, 14 जुलाई 2018- 13 जुलाई 2024
26- हरनाथ सिंह यादव, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
27- रि. ले. जनरल डॉ डीपी वत्स, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
28- सुधांशु त्रिवेदी, 9 अक्टूबर 2019- 2 अप्रैल 2024
29- विजय पाल सिंह, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
30- कैलाश सोनी, 03 अप्रैल 2018- 02 अप्रैल 2024
31- महेश जेठमलानी, 2 जून 2021- 13 जुलाई 2024
32- डॉ सोनल मान सिंह, 14 जुलाई 2018- 13 जुलाई 2024 (राष्ट्रपति द्वारा नामित)
ये मंत्री लड़ सकते हैं लोकसभा का चुनाव
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कार्यभार देख रहे डॉ. मनसुख मंडाविया, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रेल और दूर संचार मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अश्विनी वैष्णव और पुरुषोत्तम रुपाला उन प्रमुख नामों में शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो मनसुख मांडविया गुजरात से, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश से, भूपेंन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव राजस्थान से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं, धर्मेद्र प्रधान ओडिशा से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
क्या कहता है नियम
Modi Cabinet के आठ मंत्रियों के सांसदी खत्म होने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि संविधान में संसद के सदस्य बने बिना भी छह महीने तक कोई भी शख्स मंत्री बना रह सकता है. संविधान के नियम के मुताबिक, ‘कोई भी शख्स संसद या विधानमंडल का सदस्य रहे बिना भी अधिकतम छह महीने तक मंत्री पद पर रह सकता है. यदि छह महीने के अंदर संसद या विधानमंडल में सदस्य नहीं बनता है तो उसे तब इस्तीफा देना पड़ेगा.’ इस लिहाज से देखें तो मोदी सरकार के इन मंत्रियों का मंत्री पद जाने का कोई खतरा नहीं है.
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