लॉक डाउन के दौरान जनसंख्या नियंत्रण पर भी ध्यान रखना बहुत जरूरी: अंजना सोनी
It is very important to keep an eye on population control during lock down: Anjana Soni
भिवानी(atal hind)अज्ञानता, अशिक्षा, अंधविश्वास वश जिस उम्र में भारत देश में बेटियां मां बन जाती हैं, जिस उम्र में बेटी पूरे परिवार की जिम्मेवारी उठा लेती है, उस मासूम मन और कमजोर शरीर को खुद भी मालूम नहीं परिवार किस कहते हैं? जिम्मेदारियां क्या होती है, दायित्व क्या होते है, भविष्य क्या होता? आत्मविश्वास की तो बात ही ना करें, इन बेटियों को तो शिक्षा और शरीर के स्वास्थ्य तक का ज्ञान नहीं लाखों तो ऐसी है, जिन्हें अक्षर ज्ञान मात्र भी नहीं है।
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एक तरफ समाज का एक हिस्सा अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर बेटियों के अंतरिक्ष में जाने की बात करता है, संसद में, सरकार में, प्रशासन में, राज कार्यों में, हिस्सेदारी की बात करता है और दूसरी तरफ देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन बेटियों को सिर्फ जनसंख्या वृद्धि का साधन समझता है। दूसरी तरफ इस बहुत बड़े जनसंख्या भाग द्वारा वोट बैंक बने रहने के लिए और अधिक बड़ा वोट बैंक बनाने के लिए बचपन में ही लड़कियों को शादी जैसी परंपरा का शिकार बना दिया जाता है, वहीं उनके सामाजिक जीवन को उनके लिए एक तिरस्कृत अभिशाप में बदल दिया जाता है।
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जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कड़ा कानून बनाकर ना सिर्फ महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने से रोका जा सकता है बल्कि महिलाओं के शरीरिक स्वास्थ्य एवं देश की आने वाली भावी पीढ़ी को भी एक उन्नत भविष्य दिया जा सकता है। साथ ही देश के सीमित संसाधनों को असीमित दोहन से भी बचाया जा सकता है। लोक विकास और वृद्धि आयोग की अध्यक्ष डाक्टर अंजना सोनी का कहना है कि इनकी शिक्षा का प्रावधान तथा इन्हें रोजगार से जोडऩा बहुत जरूरी है अन्यथा देश में गैर उत्पादक मानव संसाधन बढ़ते रहेंगे और लोकतंत्र भीड़तंत्र के नाम पर इस्तेमाल होता रहेगा और कुछ गिने-चुने लोग अपनी तृष्णा दृष्टि में लगे रहेंगे।