Security Breach in Parliament:
संसद भवन के भीतर किसके पास होता है सुरक्षा का जिम्मा? किस-किससे मिलती है मदद
Parliament Security Breach:
संसद सुरक्षा चूक मामले में 5 राज्यों की पुलिस जुटी,100 IPS अफसरों की टीम खंगाल रही आरोपियों का इतिहास,
नई दिल्ली (अटल हिन्द टीम )
संसद सुरक्षा चूक मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि वे देश के अलग-अलग हिस्सों से हैं. बुधवार को संसद के अंदर और बाहर से गिरफ्तार किए गए चारों लोग करीब डेढ़ साल पहले फेसबुक पर मिले थे और भगत सिंह के नाम पर बने एक समूह का हिस्सा हैं.
विशाल शर्मा उर्फ विक्की नामक 5वां आरोपी बाद में गुड़गांव स्थित उसके आवास से पकड़ा गया, वहीं ललित झा नामक एक अन्य आरोपी अभी फरार है.ew Parliament Building Security Breach
बुधवार को संसद में सुरक्षा में चूक के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां हरकत में आ गई है. सुरक्षा में तैनात 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ-साथ टेरेरिस्ट सेल भी जांच कर रही है. वहीं, आईबी, सीबीआई, एनआईए, रॉ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और फॉरेंसिक जांच एजेंसियां सहित कई राज्यों की पुलिस भी आरोपियों को लेकर दिल्ली पुलिस को इनपुट दे रही है. इस काम में हरियाणा, यूपी, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र पुलिस भी दिल्ली पुलिस को आरोपियों के बारे में इनपुट दे रही है. इसके साथ ही सोशल साइट्स पर आरोपियों की गतिविधियों और इनके मित्रों और पोस्ट को लेकर साइबर एकस्पर्ट्स जानकारी जुटा रहे हैं. बता दें कि दिल्ली पुलिस के 200 से अधिक अधिकारी, जवान और विशेषज्ञ इस काम में लगे हैं. इस काम में राज्यों और एजेंसियों को मिलाकर 100 से अधिक आईपीएस अधिकारी लगे हैं.
Security Breach Parliament,दिल्ली पुलिस की बात करें तो सिपाही, सबइंसपेक्टर, इंसपेक्टर और एसीपी स्तर के 200 से अधिक अधिकारी पिछले 24 घंटे से इस काम में लगे हुए हैं. डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, ज्वाइंट सीपी और स्पेशल सीपी लेवल के 25 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बात दें कि पकड़े गए लोगों की पहचान सागर शर्मा, डी मनोरंजन, नीलम देवी, अमोल शिंदे और ललित झा और विक्की के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस के एक बड़े अधिकारी की मानें तो इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ सांसदों सहित 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस ने 5 से ज्यादा लोगों को डिटेन भी कर रखा है.
Parliament Security Breach ,इन एजेंसियों ने संभाली जांच की जिम्मेदारी,
दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट सीपी एसबीएस त्यागी कहते हैं, सुरक्षा के लिहाज से यह बड़ी चूक है. दिल्ली पुलिस सबसे पहले एफआईआर दर्ज करेगी. एफआईआर दर्ज करने के बाद इन लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी कि ये लोग कौन हैं और इनका मकसद क्या था. क्या इन लोगों ने संसद भवन के अंदर वैध तरीके से प्रवेश किया? क्या इनका मकसद आतंकवादी हमले को अंजाम देना के था? दिल्ली पुलिस कई धाराओं में इन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर सकती है. जिस भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े हैं, उस संगठन के बारे में भी पता लगाया जाएगा.’
Indian Parliament Attack आरोपियों पर कसेगा नकेल
बता दें कि बुधवार को शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो शख्स लोकसभा के अंदर कूद गए थे. इन आरोपियों ने रंगीन धुआं छोड़ा और संसद के अंदर और बाहर नारेबाजी की. इस दौरान संसद टीवी के विजुअल में नीली जैकेट पहने एक व्यक्ति को सदन में बेंचों पर कूदते हुए देखा जा सकता है.इसके तुरंत बाद लोकसभा की अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने सत्र स्थगित कर दिया था.
देश की संसद के भीतर निचले सदन में सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक की घटना ने हर किसी को सकते में डाल दिया. दर्शक दीर्घा से दो लोग लोकसभा में अचानक से कूद गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान एक युवक ने अपने जूते में से स्मोक क्रैकर निकाला और स्प्रे करना शुरू कर दिया. हालांकि समय रहते सुरक्षाबलों और सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया.
New Parliament Building Security Breach संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी मनोरंजन को मालूम था, जूतों की चेकिंग नहीं होती …
संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई बड़ी चूक मामले में दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. यहां आरोपियों में से एक मनोरंजन ने पुलिस को बताया है कि संसद भवन की रेकी उसने ही की थी और उसे यह मालूम था कि संसद में जाते समय जूतों को लेकर जांच पड़ताल नहीं होती है. उसने बताया है कि वह घटना वाले दिन के पहले भी संसद भवन गया था और उसने कई अहम जानकारियां हासिल कर लीं थीं.
संसद हमले की बरसी के दिन बुधवार को देश की संसद में सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी छह आरोपी देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए आपस में संपर्क बनाया था.
संसद भवन हमला, मैसूरु में खेती का काम कर रहा था मनोरंजन, 2016 में किया था बीई
मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा का कहना है कि संसद हम सबकी है. संसद के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करना किसी को भी स्वीकार्य नहीं है. चाहे वह मेरा बेटा ही क्यों न हो. यह अस्वीकार्य है. उन्होंने बताया कि मनोरंजन गौरा ने 2016 में इंजीनियरिंग में बैचलर की पढ़ाई पूरी की. उसने कुछ कंपनियों में काम भी किया है. अब लंबे समय से वह मैसूरु में रहते हुए खेती का काम देख रहा था. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है. वह ईमानदार और सच्चा है. उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है. वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था.
Indian Parliament Attack भगत सिंह का फैन, बहुत शांत है मनोरंजन
पुलिस ने बताया कि मनोरंजन सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़ा हुआ था और वह महान क्रांतिकारी भगत सिंह के सेंट्रल असेम्बली में बम फेंकने के कृत्य को दोहराना चाहता था. पुलिस ने कहा कि अभी तक हमें किसी आपराधिक पृष्ठभूमि का पता नहीं चला है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि वह बहुत शांत व्यक्ति है लेकिन उन्होंने जो किताबें पढ़ीं, उन्हें देखकर वह ‘क्रांतिकारी प्रकार’ के प्रतीत हो रहा है.
Security Breach in Parliament: संसद भवन के भीतर किसके पास होता है सुरक्षा का जिम्मा? किस-किससे मिलती है मदद
संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी कई स्तरों पर और कई एजेंसियों के जिम्मे होती है. संसद परिसर के भीतर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से वॉच एंड वॉर्ड की होती है. दरअसल, बाकी एजेंसियां उसे सहयोग करती हैं. सदन के भीतरी हिस्से में सुरक्षाकर्मी भी वॉच एंड वॉर्ड के ही होते हैं. इस तरह से कहा जा सकता है कि संसद के अंदर की सुरक्षा-व्यवस्था वॉच एंड वॉर्ड की ही होती है. इसका मुखिया ज्वाइंट सेक्रेटरी सिक्योरिटी होता है और उसकी रिपोर्टिंग दूसरी तमाम एजेंसियों से अलग स्पीकर को होती है. यहां ये भी महत्वपूर्ण है कि अगर संसद में प्रधानमंत्री होते हैं तो उनकी सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली एसपीजी भी संसद की सुरक्षा में लग जाती है.
खुफिया तंत्र की जिम्मेदारी
दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट सीपी एसबीएस त्यागी, जो साल 2001 में संसद हमले के वक्त दिल्ली पुलिस के वीआईपी ट्रैफिक डीसीपी थे,मिडिया से बात करते हुए कहते हैं, ‘देखिए संसद की सुरक्षा में हथियारबंद जवानों के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों को भी लगाया गया है. ये एजेंसियां नियमित तौर पर आगंतुकों और उनकी हरकतों पर नजर रखती हैं. साथ ही नियमित रिपोर्ट अपने-अपने अधिकारियों को भेजते रहते हैं. संसद में किसी तरह की घुसपैठ और हमले को इन खुफिया एजेंसियों की लापरवाही के तौर पर भी देखा जाता है. स्टैंडर्ड प्रैक्टिस के मुताबिक खुफिया महकमों को इस तरह की किसी घटना की जानकारी पहले से ही हो जानी चाहिए. खासतौर से 13 दिसंबर को ही अब से 22 साल पहले संसद पर आतंकी हमला हुआ था और बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पीकर ओम बिड़ला समेत सभी बड़े नेताओं ने उस हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को याद किया. यानी इस दिन तो विशेष सतर्कता की जरूरत थी.
पुलिस और सुरक्षा बल
एसबीएस त्यागी आगे कहते हैं, ‘अलग-अलग राज्यों की पुलिस समेत सशस्त्र सुरक्षा बलों के जवान संसद के बाहरी घेरों की सुरक्षा करते हैं. जिससे कोई व्यक्ति बिना वैध पास के संसद भवन परिसर में घुस न सके, इसकी जिम्मेदारी पुलिस और सशस्त्र बलों की होती है. इस व्यवस्था का इंचार्ज दिल्ली पुलिस का एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होता है. इसके अलावा कई दूसरे वरिष्ठ आईपीएस अफसर भी संसद की सुरक्षा में लगे रहते हैं.’
स्पेशल सेल
त्यागी आगे कहते हैं, ‘दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल भी संसद की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहता है. दरअसल स्पेशल सेल के पास अत्याधुनिक तकनीक वाले असलहे होते हैं. इसलिए संसद में किसी भी तरह की गतिविधि होने पर स्पेशल सेल तुरंत एक्टीवेट हो जाता है. स्पेशल सेल की ये भी जिम्मेदारी होती है कि किसी तरह का हमला होने पर वो हमलावरों को काबू कर सके. इसके अलावा तकनीक के जरिए खुफिया तरीके से सुरक्षा पर नजर रखने का जिम्मा भी उसी का होता है.’