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सरकार को बदनाम करने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्ट की उल्लंघना कर वाइल्ड लाइफ कर्मी करते हैं रेड 

कबूतर प्रतियोगिता को पंजाब की तर्ज पर खेल मेला घोषित करने की मांग को लेकर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
वन्य प्राणी विभाग अधिकारी पंचकूला द्वारा जारी पत्र के अनुसार घरेलू पालतू कबूतर वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत नहीं संरक्षित
पालतू कबूतर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में संरक्षित नहीं होने के बावजूद भी सरकार को बदनाम करने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्ट की उल्लंघना कर वाइल्ड लाइफ कर्मी करते हैं रेड
कलायत। (atal hind/तरसेम सिंह
कबूतर प्रेमियों द्वारा एसडीएम कार्यालय प्रांगण में प्रदर्शन कर पालतू घरेलू कबूतर वन्य प्राणी विभाग अधिकारी पंचकूला के अनुसार वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित नहीं होने के बावजूद भी हिसार वाइल्ड लाइफ रेंज के कुछ जिलों में सरकार को बदनाम करने के इरादे से वाइल्ड लाइफ एक्ट की उल्लंघना करते हुए घरेलू पालतू कबूतर रखने वालों पर जुर्माना लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की। पशु पक्षी प्रेमियों द्वारा कबूतर प्रतियोगिता को हरियाणा में पंजाब की तर्ज पर खेल मेला में शामिल करने की भी मांग की। एसडीएम वीेरंद्र ढुल ने ज्ञापन सौंपनों वालों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने वाले घरेलू पालतू कबूतर प्रेमी तरसेम चंद, रवि कुमार, राजेश कुमार, हैप्पी राणा, राहुल राणा, सन्नी, सोमपाल, वकील, सतीश कुमार, मोनू व दूसरे युवाओं ने बताया कि घरेलू सफेद कबूतर पालने वाले कबूतरों की सेवा बच्चों से भी बढक़र करते हैं। उन्होंने बताया कि कलायत में भी विगत 2 वर्ष पूर्व 27 मई 2019 को कबूतर प्रेमियों द्वारा एक प्रतियोगिता करवाई गई थी। प्रतियोगिता को करवाने में किसी प्रकार का कानूनी उल्लंघन न हो इसके लिए तत्कालीन एसडीएम को कलायत के कबूतर प्रेमी व गणमान्य लोगों द्वारा हस्ताक्षरयुक्त पत्र लिखकर अनुमति व पुलिस सहायता के लिए सुरक्षा मांगी गई थी। माननीय एसडीएम द्वारा पत्र पर संज्ञान लेने के लिए एसएचओं को पत्र भेजा गया। एसएचओ द्वारा पालतू कबूतर वन्य प्राणी विभाग की अनुमति व वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में संरक्षित है या नहीं के लिए पत्र जिला वन अधिकारी को भेज दिया गया। जिला वन अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 825 के माध्यम से मंडलीय वन्य प्राणी अधिकारी पंचकूला को प्रेषित किया गया। पंचकूला से वन्य प्राणी विभाग अधिकारी द्वारा जिला वन अधिकारी को पत्र क्रमांक 611 जारी कर जानकारी दी गई थी कि घरेलू पालतू कबूतर वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित की श्रेणी मेंं नहीं आते जबकि जंगली कबूतर एक्ट में संरक्षित हैं। पालतू कबूतर वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित की श्रेणी मेंं नहीं आने के बावजूद भी हिसार मंडल के कई जिलों में भी वाइल्ड लाइफ वाले पालतू कबूतरों को संरक्षण प्राप्त बताकर रेड करते हैं तथा रेड के दौरान कई जगहों से तो पैसों की वसूली भी की जाती है जिन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
मामला गंभीर, जांच कर की जाएगी कार्रवाई: एसडीएम
एसडीएम वीरेंद्र ढुल ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्रदर्शन कर ज्ञापन देने पहुंचे कबूतर प्रेमियों को आश्वासन दिया कि पत्र को मुख्यमंत्री को प्रेषित करने के साथ साथ हर पहलु पर गहनता से छानबीन की जाएगी। मामले में संज्ञान लेकर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ढुल द्वारा कबूतर प्रेमियों को दिए गए ठोस आश्वासन से वे पूरी तरह से संतुष्ट दिखाई दिए तथा उनका आभार जताया।
हर 15 दिन बाद किया जाएगा प्रदर्शन:
ज्ञापन देने पहुंचे घरेलू कबूतर पालने वालों ने कहा कि प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए कुछ कर्मियों द्वारा एक्ट की उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई व पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी कबूतर प्रतियोगिता को खेल मेले में शामिल करवाने को लेकर सरकार व प्रशासन के नियमों के तहत पहले 10 से 15 हलकों में प्रदर्शन किए जाएंगे। उसके उपरांत जिला स्तरीय व प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किए जाएंगे।
हरियाणा प्रदेश में लाखों कबूतर पालने वाले हैं कबूतर प्रेमी:
कबूतर पालने वालों के अनुसार हरियाणा प्रदेश में लाखों कबूतर पालने वाले कबूतर प्रेमी हैं जो घरेलू पालतू कबूतरों पर अत्याचार नहीं बल्कि अपने परिवार व बच्चों से बढक़र उनकी देखभाल व सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगें में पंजाब राज्य की तर्ज पर हरियाणा में भी कबूतर प्रतियोगिता को खेल मेला में शामिल, सरकार द्वारा नियम बनाकर कर सार्वजनिक करने जिससे प्रतियोगिता में सरकार को भी राजस्व प्राप्त हो सके,  पंचकूला से वन्य प्राणी विभाग अधिकारी द्वारा पालतू कबूतर संरक्षित नहीं देने के बावजूद वाइल्ड लाइफ द्वारा रेड करना निंदनीय, जिस प्रकार से प्रदेश में कबड्डी, कुश्ती व अन्य प्रतियोगिताऐं होती हैं उसी तर्ज पर अनुमति देने, कोई अप्रिय घटना न हो व प्रतियोगिता के दौरान नियमों की अनदेखी न हो सके इसके लिए प्रशासक द्वारा कबूतर प्रतियोगिता की परमीशन देकर पुलिस की व्यवस्था किए जाने की मांग की।
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