साजिश : वर्ष 2020 में तब्दील हो जाएगा बरनाला का मुख्य बस स्टैंड…….?
राजनेताओं की प्राप्र्टी डीलरों, कॉलोनाईजरों, भू-माफियाओं एवं उद्योगपतियों के साथ हो रही हैं गुप-चुप बैठकें।
अखिलेश बंसल/करन अवतार, बरनाला।
BARANALA PUNJAB बरनाला शहर के व्यापार पर काले बादल छाने वाले हैं। कारण है एक ऐसे राजनेता ने शहर का विकास करने की आड़ तले मुख्य बस स्टैंड वर्ष 2020 में बठिंडा-बरनाला राष्ट्रीय राज मार्ग पर तब्दील करने का खाका तैयार करना शुरु कर दिया है, जो चुनावों में बुरी तरह हार प्राप्त कर चुका है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि उस राजनेता ने उक्त परिवर्तन के लिए प्राप्र्टी डीलरों, कॉलोनाईजरों, भू-माफियाओं एवं उद्योगपतियों के साथ गुप-चुप बैठकें करना शुरु कर दिया है। लेकिन शहरवासियों एवं व्यापारियों को संपर्क में नहीं लिया है।
शहर का आस्तित्व खतरे में:-
बरनाला का मुख्य बस स्टैंड तब्दील होने से बरनाला शहर का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। शहर का पूरा कारोबार आने वाले एक साल में लगभग ठप हो जाएगा। गौरतलब हो कि बस स्टैंड शहर का दिल है। शहर का कारोबार चारो ओर से दो किलोमीटर के अंदर ही फैला हुआ है। जिला से जुड़े 150 से ज्यादा गांव के लोग शहर से खरीददारी करने रोजाना बस स्टैंड पहुंचते हैं। जो मात्र डेढ़-दो घंटे के बीच खरीदो-फरोखत कर अपने अपने गांव आसानी से लौट जाते हैं। यद्यपि मौजूदा जगह से बस स्टैंड हिल जाता है तो गांवों से पहुंचने वाले लोगों को (पुलिस थाना, सदर थाना, मुख्य बाजार, स्कूल-कालेज, सिविल अस्पताल, रेलवे स्टेशन, कृषि दफतर, नगर काऊंसिल कार्याल्य, नगर सुधार कार्याल्य समेत अनेक दफतरों) तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर अधिक सफर तय करना पड़ेगा। शहर के अंदर बेरोजगारी बढ़ जाएगी। लोग बरनाला शहर के मुख्य धार्मिक स्थल माने जाते बाबा आला सिंह (चूल्हे साहिब) के दर्शन कभी कभार ही कर सकेंगे। आधी रात को शहर में दाखिल होती बसों से पहुंचने वाले शहरवासियों को महंगी ऑटो मिलेगी। बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन एवं रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड पहुंचने वाले यात्रियों को पैसे व समय की बर्बादी झेलनी पड़ेगी।
बस स्टैंड तब्दीली के संकेत:-
बरनाला-हंडियाया रोड पर किसी बड़े राजनीती घराने से संबंधित व्यक्ति द्वारा मॉल निर्माण तेजी से करवाया जा रहा है। बठिंडा-बरनाला राष्ट्रीय राज मार्ग पर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल के लिए जगह निर्धारित हो चुकी है। वहां छोटी छोटी गैर कानूनी कालोनियां कटनी शुरु हो गई हैं। मालवा कॉटन स्पिनिंग मिल का सौदा किसी दिज्गज राजनेता द्वारा खरीदना बताया जा रहा है। इन मिल रहे संकेतों से छोटे-छोटे भू-माफियाओं प्राप्र्टी में सट्टा लगाने की योजनाएं तैयार कर ली हैं।
शहर के यह हैं अनेक काम अधूरे:-
* राज्य के सेहत मंत्री जिला के तपा मंडी निवासी हैं। यह जानते हुए भी स्थानीय राजनेता सरकारी अस्पताल को अपग्रेड कराना तो दूर की बात किसी डिस्पेंसरी तक को अपग्रेड नहीं करवा रहे।
* शहर में बेसहारा पशुओं की आमद दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, आम राहगीर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। काओ-सेस वसूले जाने के बावजूद राजनेता कोई समाधान नहीं कर रहे। इधर लोगों द्वारा दान की भारी भरकम राषि मिलने तथा सरकार से ग्रांट राषि आने के बावजूद गौ-शाला प्रबंधक पशुओं की संभाल नहीं कर रहे।
* पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से लोगों को बाजारों से पैदल तक निकलना मुश्किल है।
राजनेता ही जिम्मेदार:-
भाजपा के पूर्व जिला प्रधान (एस.सी. मोर्चा) हरपाल सिंह का कहना है कि यदि बस स्टैंड बदल कर किसी दूसरी जगह पर ले जाया जाता है और उससे पूरा जिला प्रभावित होता है, उसके लिए मुख्य जिम्मेदार जिला के सांसद, तीनों विधायक, सत्ताधारी पार्टी के हल्का प्रभारी होंगे। हैरानी इस बात की है कि मुग्ल शासक तुग्लक जैसे राजनेता अभी तक जीवत हैं।