AtalHind
टॉप न्यूज़रोहतकहरियाणा

हरयाणा का टिटौली गांव सील , 32 लोगों की मौत का दुखड़ा किसके सामने रोएं।न कोई बाहर जाएगा, न ही कोई अंदर आएगा

हरयाणा का टिटौली गांव सील , न कोई बाहर जाएगा, न ही कोई अंदर आएगा
रोहतक (अटल हिन्द ब्यूरो ) हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो लम्बे-चौड़े दावे सरकारी स्तर किए जाते हैं, वे कोरोना महामारी के दौरान टिटौली गांव में ये खोखले दिखाई दे रहे हैं। कोविड को अगर अपवाद मान लें तो सामान्य परिस्थितियों में भी टिटौली के किसी व्यक्ति को अगर देर सवेरे स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कत हो जाए तो उसे 14 किलोमीटर दूर पीजीआईएमएस रोहतक या फिर 19 किलोमीटर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिड़ी जाना पड़ता है। जबकि इस गांव की आबादी लगभग साढ़े बारह हजार है। ऐसा नहीं है कि जिले के दूसरे गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं टिटौली से जुदा हैं।टिटौली के लोगों के लिए थोड़ा राहत लेकर आया। कोरोना की वजह से कोई मौत नहीं हुई। प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंचे और लोगों से बातचीत की। उनसे अनुरोध किया कि वे महामारी के संक्रमण की जांच के लिए काेरोना टेस्ट करवाएं। लोगों ने प्रशासन पर गुब्बार निकाला। बोले, गांव में स्वास्थ्य की प्राथमिक सेवाएं भी नहीं हैं। ऐसे में महामारी में अपनो के इलाज के लिए किसके सामने गिड़गिड़ाएं। 32 लोगों की मौत का दुखड़ा किसके सामने रोएं।

क्या प्रशासन की जिम्मेदारी यह नहीं बनती थी कि तड़प-तड़प के मरते लोगों को बचाने के लिए कोई तो मदद को आता। ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और चिकित्सा के दूसरे साधन क्यों उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। इन सवालों समेत कई और प्रश्न पीड़ित गांव टिटौली ने बुधवार दोपहर को अधिकारियों से किए। लोगों ने बार-बार अधिकारियों के समक्ष मांग रखी कि महामारी के दौरान गांव में एक कोविड केयर सेंटर बना दिया जाए। ताकि कोई भी आपात स्थिति हाेने पर लोगों को उपचार मिल सके।बातचीत के दौरान लोगों ने कहा कि उनके गांव में इतनी मौत हो चुकी हैं तो फिर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रात में कौन लोगों की सम्भाल करेगा। इस पर डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि वे इस बारे में मौके पर कुछ नहीं कह सकते हैं। इसके लिए सिविल सर्जन से बातचीत करनी पड़ेगी। इस पर लोगों ने कहा कि आप सिविल सर्जन से बात करते रहना और हमारे यहां फिर कोई अनहोनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य सही रहे। यह विभाग की प्राथमिकताओं में है। डॉ. सिंह ने कहा कि कोविड सेंटर की मांग के बारे में सिविल सर्जन को अवगत करवा दिया जाएगा।
लोगों का कहना है कि उनके में लोगों की मौत मोबाइल फोन कम्पनियों के टावर की वजह से होती है। क्योंकि इनमें नियमित रूप से खतरनाक किरण निकलती हैं। स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालने की बात लोगों ने अधिकारियों के समक्ष कही और कि दस दिन में इन टॉवर को बंद करवाया जाए। इसके अलावा लोगों ने भी बताया कि गांव के पास एक पोल्ट्री फार्म हैं, जिसकी वजह से गांव में हमेशा दुर्गन्ध फैलती है। लोगों का मानना है कि बीमारी पनपने का यह भी कारण है।

Advertisement

Related posts

मैं कई भ्रष्ट अफसरों के नाम बता दूं, आपसे हटाए नहीं जाएंगे, तुरंत ग्राम सचिव को किया सस्पेंड-विधायक सिहाग

atalhind

Ram Temple Invitation Card की पहली झलक सामने आई , किसको-किसको न्योता?

editor

सोशल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हुआ प्योर इंडिया ट्रस्ट – प्रशांत पाल

editor

Leave a Comment

URL