चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा का नया अध्यक्ष बनने के लिए आधा दर्जन बड़े नेताओं में होड़ लगी हुई है?जिसके चलते ऐसा लग रहा है की जाट नेता को ही प्रदेश भाजपा की चौधर सौंपी जाएगी? प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति फरवरी महीने के अंदर ही तय मानी जा रही है। प्रदेश की चौधर हासिल करने के लिए भाजपा के आधा दर्जन बड़े नेता कतार में लगे हुए हैं और यह पद हासिल करने के लिए अपने आकाओं के दर पर बार-बार गुहार लगा रहे हैं।वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के अलावा पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए हर मुमकिन जोड़-तोड़ कर रहे हैं।
जाट नेता ही बनेगा चौधरी
प्रदेश भाजपा की चौधर एक बार फिर से जाट नेता को ही सौंपने की सहमति बन चुकी है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में जाट वोटरों की बड़ी नाराजगी के चलते भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी। इसलिए जाट वोटरों को मनाना भाजपा हाईकमान को सबसे जरूरी लक्ष्य लग रहा है। किसी गैर जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा बचे खुचे जाट वोटरों को नाराज करने का रिस्क नहीं लेगी। इसलिए जाट नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।जाट नेता के नाम पर सहमति बनने के चलते पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गए हैं।
खट्टर की चलेगी वीटो पावर
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की वीटो पावर काम करेगी। मुख्यमंत्री किसी ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनने देंगे जो उनके साथ जुगलबंदी बनाने की सोच नहीं रखता हो।पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह पिछले 5 साल के दौरान कई बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ टकरा चुके हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ट्यूनिंग बैठनी आसान नहीं है। मुख्यमंत्री की नापसंदगी के चलते बीरेंद्र सिंह का प्रदेश अध्यक्ष बनना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है।पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु प्रदेशाध्यक्ष बनने की बजाय राज्यसभा में जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस समय राज्यसभा की 3 सीटें खाली होने के चलते कैप्टन अभिमन्यु के लिए राज्यसभा का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा है।