हरियाणा में करोड़ों का कूड़ा कचरा घोटाला,इफटू ने प्रदर्शन कर सरकार को चेताया
नगर निगम में करेाड़ों रूपये के कूड़ा कचरा घोटाले के विरूद्ध लघु सचिवालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व निकाय मंत्री को ज्ञापन
भिजवाया।
– मेयर व कमिशनर पर कमीशनखोरी के आरोप
– ठेका रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा ही नहीं
– पीएमयू की स्वीकृति के बगैर जेबीएम को 38 करोड़ रूपये की गैर कानूनी पेमेंट की
– जुर्माने के प्रावधान के बावजूद जेबीएम पर नहीं लगाया जुर्माना
पानीपत 7 सितम्बर (अटल हिन्द ब्यूरो )
नगर निगम के करोड़ों रूपये के कूड़ा कचरा घोटाले के विरूद्ध मजदूर संगठन इफटू ने लघु सचिवालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री
व निकाय मंत्री अनिल विज को डीसी की मार्फत ज्ञापन भिजवाया। प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम मेयर अवनीत कौर, निगम
आयुक्त के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि मेयर अवनीत कौर के कार्यकाल में निगम कार्यालय चम्बल घाटी बन चुका
है। हर काम में करोड़ों रूपये के घोटाले व कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। भाजपाई विधायक व सांसद धृतराष्ट्र बने हुए हैं।
कपूर ने कहा कि जेबीएम कम्पनी, मेयर, निगम आयुक्तों की मिलीभगत से कूड़ा कचरा उठाने के कार्य में घोटाला चल रहा है।
मेयर ने निगम के सदन की बैठक में 4 जुलाई 2019 को पहले तो जेबीएम कम्पनी का ठेका रद्द करने का प्रस्ताव पारित करवाकर
जेबीएम पर दबाव बनाया। फिर इस प्रस्ताव को भिजवाया ही नहीं। मेयर अवनीत कौर व निगम आयुक्त के मुंह बंद हो जाने के
पीछे कमीशनखोरी का बड़ा खेल है या कोई राजनैतिक दबाव, वे खुद ही बता सकते हैं। जनचर्चा अनुसार मेयर व निगम आयुक्त
को दस-दस लाख रूपये प्रति माह कमीशन मिल रही है। ठेका रद्द होने पर ये कमीशन का खेल बंद होना था।
प्रोजैक्ट मैनेजमैंट यूनिट (पीएमयू) की मॉनिटरिंग व बिलों की वैरिफिकेशन व अप्रुवल के बगैर ही जेबीएम कम्पनी को 38 करोड़
रूपये की पेमेंट गैरकानूनी तरीके से कर दी। टैंडर एग्रीमेंट में जुर्माने का प्रावधान होने के बावजूद जेबीएम कम्पनी के डिफाल्टर
होने पर भी जुर्माना नहीं लगाया गया। इस घोटाले के कारण निगम को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि व जनता को गंदगी से
परेशानी हो रही है। इस भ्रष्टाचार के सूत्रधार मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर को ईनाम स्वरूप गत माह रिटायर होने पर एक वर्ष का
सेवा विस्तार निगम आयुक्त की सिफारिश पर सरकार ने दिया। बाईस वर्ष तक चलने वाले इस ठेेके को रद्द ना किया तो नगर
निगम दिवालिया हो जाएगा व शहर कूड़े का ढेर बन जाएगा।
मुख्य मांगे:
(1.) जेबीएम के विरूद्ध 4 जुलाई 2019 को निगम द्वारा पारित प्रस्ताव अनुसार ठेका रद्द हो। ठेका रद्द करने के प्रस्ताव की फाईल
गायब कराने के कांड में मेयर, कमिशनर, जेबीएम कम्पनी व मुख्य सफाई निरीक्षक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हो। (2.) पीएमयू
के मॉनिटरिंग व अप्रुवल के बगैर जेबीएम को भुगतान किए गए 38 करोड़ रूपये की वसूली की जाए। (3.) नगर निगम मेयर
अवनीत कौर, निगम आयुक्त सुशील कुमार व पूर्व निगम आयुक्त ओमप्रकाश के विरूद्ध भ्रष्टाचार का मुकद्दमा दर्ज कर कारवाई
की जाए। (4.) मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर को रिटायरमेंट के पश्चात दिया गया एक वर्ष का सेवा विस्तार रद्द हो। (5.) नगर निगम
क्षेत्र में कूड़ा उठाने व सफाई कार्य सुचारू हो।
प्रदर्शन में महिला नेत्री सुषमा, आशा कपूर, सुरेन्द्र कौर, आनन्द, कामरेड तैय्यब, गिरिश, संजय, सुरेश,
मोहन सहनी, गुड्डू, राजकुमार, जहीर, अभिनव शर्मा, सौरभ शर्मा, शरणजीत आदि शामिल हुए।