नहीं दिया आवागमन का ब्योरा
हरियाणा सरकार की खिंचाई
हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार
Did not give details of the traffic
Government of Haryana pulled up
High court reprimanded the government
Delhi (Atal Hind)दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा के बॉर्डरों पर डॉक्टरों, नर्सों,वकीलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई की आवाजाही पर लगाई गई रोक पर नाराजगी जताते हुए मंगलवार को हरियाणा सरकार की खिंचाई की। पीठ ने हरियाणा सरकार से पूछा कि बॉर्डरों को सील करने के संबंध में अधिसूचनाओं का खुलासा क्यों नहीं किया। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई 14 मई को तय की है। न्यायमूर्ति मनमोहन और संजीव नरुला की पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जरिए सुनवाई की। पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया बार्डरों पर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने वाले लोगों, डॉक्टरों, नर्सों और लोगों की आवाजाही पर लगाई गई रोक केन्द्र सरकार द्वारा 11 मई को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किए गए निर्देशों के विपरीत है।
इन निर्देशों के तहत सभी राज्यों से कहा गया कि मेडिकल प्रोफेशनल्स, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मियों और एंबुलेंस आदि के लिए लॉकडाउन में राहत सुनिश्चित की जाए। इसके तहत सभी राज्यों में निजी क्नीनिक, नर्सिंग होम और लैब्स को उनके स्टाफ के साथ खोलने की छूट दी जाए, ताकि इस समय में लोगों को मूलभूत जरूरतों के लिए परेशानी का सामना ना करना पडे़।
इस दौरान केन्द्र से पीठ से हरियाणा सरकार के साथ बार्डर पर लगी सील के मामलों को सुलझाने के लिए एक दिन का समय मांगा। इसपर पर पीठ ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में बुधवार को जवाब देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पीठ ने हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ बॉर्डरों को सील होने से परेशान लोगों की ओर से दायर याचिका पर भी केन्द्र को उसका रुख स्पष्ट करने के निर्देश दिए।
यह याचिका ओपी गुप्ता की ओर से दायर की गई थी। इस याचिका में दिल्ली से सोनीपत के बीच डॉक्टरों, नर्सों, वकीलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर लगाई गई रोक को आवाजाही के अधिकार हनन बताया था।