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अम्बाला छावनी में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के खिलाफ लोगों का हल्ला बोल

अम्बाला छावनी में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के खिलाफ लोगों का हल्ला बोल

वार्षिक शुल्क व मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाए सरकार:-ओंकार सिंह


अम्बाला(पूर्ण सिंह)।

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अम्बाला छावनी में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि, वार्षिक शुल्क वसूली, किताबें व वर्दी एक निश्चित स्थान से खरीदने के आदेशों के खिलाफ अम्बाला छावनी के सभी स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों ने बाज़ारो में रोष मार्च निकाला और हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अनेक अभिभावकों ने सरकार की नीतियों और निजी स्कूल प्रबन्धको के निर्णयों की कड़ी निंदा की।

इस अवसर पर ओंकार सिंह ने कहाकि शिक्षा के लिए पूरे भारत की एक नीति बने और निजी स्कूलों द्वार वार्षिक शुल्क व मनमानी फीस वृद्धि पर सरकार रोक लगाए। उन्होंने कहाकि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत भारत मे सभी को शिक्षा का अधिकार तो प्राप्त है लेकिन धरातल पर स्थितियां बिल्कुल विपरीत है।

सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि गरीब हो या अमीर सबके बच्चों को एक स्तर की शिक्षा प्राप्त हो। बहुत अजीब बात है कि प्रत्येक वर्ष दाखिले के समय अभिभावकों की यह समस्या उतपन्न होती है लेकिन सरकार कोई ठोस कदम उठाकर समस्या का समूल हल नही करती।

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धारा 134्र के मामले में प्रत्येक वर्ष अभिभावक परेशान होते हैं, निजी स्कूल प्रबन्धकों की आपत्ति हैं कि उन्हें सरकार निर्धारित फीस नही देती इसलिए वे बच्चों को दाखिला नही देंगें लेकिन सरकार समस्या का स्थायी हल निकालने की बजाए टाल मटोल की नीति अपनाए है।

People shout against the arbitrariness of private school operators in Ambala Cantonment
Government should ban annual fee and arbitrary fee hike:- Onkar Singh

सरकार ने आम जनता को रियायत व सहूलत देने की बजाए निजी स्कूलों का कोरोनाकाल का एक वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स माफ किया है, क्या निजी स्कूल गरीब है और आम जनता शहंशाह। जबतक गरीब व अंतिम छोर के व्यक्ति के बच्चे की अच्छी शिक्षा नही मिलेगी तबतक शिक्षा का अधिकार बेमानी होगा।

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शिक्षा ही अच्छे व अनुभवी नागरिक पैदा करती है इसलिए सरकार को सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता देकर अपग्रेड करना चाहिए और ऐसी व्यवस्था लागू करनी चाहिए जिसमें सरकारी फंड से किसी भी तरीके से धन व वेतन प्राप्त करने वाले व्यक्ति चाहे वो चपरासी हो, मंत्री हो, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति सबके बच्चे  सरकारी स्कूल में अनिवार्यत पड़े।

जब डीसी व एसपी तक के बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ेंगे तो शिक्षा का स्तर अवश्य सुधरेगा। इस अवसर पर विशाल पासीअमित अग्रवाल, संजीव कुमार, शेरी सिंह, संजय कुमार, धर्म ढींडसा सहित अनेक अभिभावक उपस्थित थे।

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