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आवाज़ उठाई तो जेल जाओगे ,40 पत्रकार, यूट्यूबर्स कथित तौर पर हिरासत में

  आवाज़  उठाई तो जेल जाओगे ,40 पत्रकार, यूट्यूबर्स कथित तौर पर हिरासत में

-तेलंगानाः ‘मुख्यमंत्री विरोधी रवैये’ को लेकर

BY Atal Hind ON 15/01/2022नई दिल्ली तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की आलोचना करने के आरोप में कथित तौर पर 40 पत्रकारों और यूट्यूबर्स (यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स) को हिरासत में लिया है.

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ये यूट्यूब क्रिएटर्स अपने प्लेटफॉर्म पर खबरें प्रसारित करते हैं और साथ में राजनीति पर चर्चा भी करते हैं.

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कई क्रिएटर्स ने पत्रकार होने का दावा किया है. इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए पुलिस ने कहा कि इनके पास समाचार प्रसारित करने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से कोई अनुमति नहीं है.हालांकि, ====अटल हिन्द  ===== पुलिस द्वारा इन्हें हिरासत में लिए जाने की अभी पुष्टि नहीं कर पाया है.

तेलंगाना में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जहां सत्तारूढ़ सरकार ने सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी करने वाले पत्रकारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राय बनाने वालों पर नकेल कसी है.

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इस ताजा कार्रवाई को लेकर कंटेंट क्रिएटर्स का कहना है कि इन्हें लगभग 12 घंटे की पूछताछ के बाद बिना किसी नोटिस के गलत तरीके से पुलिस ने हिरासत में लिया है.

कुछ का आरोप है कि पुलिस ने इनके फोन भी जब्त कर लिए और उन्हें फॉर्मेट कर दिया.

तेलुगू डिजिटल न्यूज चैनल तोलीवेलुगू के रिपोर्टर मुशम श्रीनिवास ने बताया, ‘आप सरकार के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं? आप मुख्यमंत्री के इतना खिलाफ क्यों हैं? ये वे सवाल थे, जो पुलिस लगातार पूछ रही थी.’

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श्रीनिवास का मानना है कि उनकी हालिया हुजुराबाद चुनाव की कवरेज सत्तारूढ़ टीआरएस के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी, जिसके बाद सरकार ने स्टेट मशीनरी का इस्तेमाल कर उन्हें और अन्य को धमकाया.

दरअसल हुजुराबाद चुनाव में केसीआर के कभी करीबी सहयोगी रहे भाजपा के इताला राजेंद्र ने जीत दर्ज की.

श्रीनिवास ने बताया, ‘हैदराबाद के मधुरनर में पेट बशीराबाद से सादे कपड़ों में स्पेशल ऑपरेशन टीम के चार से पांच पुलिसकर्मी मेरे कमरे में आए. वे बिना मुझे कुछ बताए सुबह लगभग 11.30 बजे अपने साथ ले गए. मैं लगभग 12 घंटे तक बिना किसी वैध कारण के हिरासत में रखा गया. मेरा फोन जब्त करने के बाद उन्होंने उसे फॉर्मेट कर दिया, जो पूरी तरह से कानून के खिलाफ है.’

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श्रीनिवास ने इस घटना को भयावह बताते हुए कहा कि जब उन्हें हिरासत में रखा गया तो उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं पता था कि मैं कहां हूं. कोई भी यह अंतर नहीं कर सकता था कि जो लोग मेरे घर आए थे, वे पुलिसकर्मी थे या गुंडे.

उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. टीआरएस सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलने की चेतावनी के बाद उन्हें लगभग आधीरात को जाने दिया गया.

एक अन्य उदाहरण में यूट्यूब चैनल कलोजी टीवी चलाने वाले दसारी श्रीनिवास के खिलाफ बालानगर की पुलिस ने मामला दर्ज किया.

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उन पर मुख्यमंत्री केसीआर और उनकी बेटी के. कविता (विधायक) की आलोचना करने के लिए आईपीसी की धारा 505 (1)(बी) (जनता के बीच भय फैलाने का इरादा), 505(2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), 504 (शांतिभंग करने के लिए जानबूझकर अपमानित करना) और 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, नस्ल, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों में वैमनस्य पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया.

टीआरएस के एक कार्यकर्ता जलिगम राजेश द्वारा दसारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई.राजेश ने अपनी शिकायत में कहा कि दसारी ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये बड़े पैमाने पर लोगों में दहशत पदा की. उन्होंने इन पोस्ट को झूठ बताया.

दसारी ने कहा, ‘पुलिस मेरे सूत्रों के बारे में जानना चाहती है, जहां से मुझे के. कविता की अवैध संपत्ति के बारे में जानकारी मिली. इस संबंध में कि मैं सरकार का आलोचक क्यों हूं? अगर आप मेरी फेसबुक पोस्ट देखोगे तो यह स्पष्ट होगा कि मैंने कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की.’

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उनका आरोप है कि पुलिस ने उनके उपकरणों कैमरा, माइक्रोफोन, लैपटॉप और अन्य सामान को जब्त कर लिया है, जिस वजह से वह अपने यूट्यूब चैनल पर कोई और वीडियो नहीं बना पा रहे.

एक अन्य मामले में यूट्यूब चैनल जीएसआर टीवी तेलुगू और राइट वॉयस चलाने वाले जी. शिवराम और प्रवीण रेड्डी को बिना अनुमति के चैनल चलाने के आरोप में करीमनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

पुलिस ने ‘राइट वॉयस’ के खिलाफ एक मामला और ‘जीएसआर टीवी तेलुगू’ के खिलाफ चार मामले दर्ज किए.

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शिवराम ने कहा, ‘मैं भाजपा से जुड़ा हुआ नहीं हूं. मैं सभी पार्टियों को कवर करता हूं, फिर चाहे वह कांग्रेस, भाजपा या टीआरएस हो.’

इन गिरफ्तारियों के बारे में बात करते हुए करीमनगर के पुलिस आयुक्त वी. सत्यनारायण ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर लोगों, सेलिब्रिटी, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसदों को निशाना बनाया जा रहा है. विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली पोस्ट की जा रही हैं. यह आईटी अधिनियम के तहत अपराध है.’

सत्यनारायण ने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे किसी मीडिया हाउस से पंजीकृत नहीं है. उनके पास कोई मान्यता नहीं है और न ही उनके पास सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से किसी तरह की अनुमति है.

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पुलिस अधिकारी का दावा है कि दोनों यूट्यूब चैनलों ने थंबनेल और टैगलाइन का इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है.

उन्होंने कहा, ‘वे तो पुलिस अधिकारियों तक को निशाना बना रहे थे. इसके लिए हमने उनके फोन और अन्य उपकरण जब्त किए. उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया है. वैध मीडिया आउटलेट होने का दावा करते हुए वे लोगों को भर्ती कर रहे थे और किसी भी मुख्यधारा के मीडिया हाउस के वहां पहुंचने से पहले हर घटना को कवर कर उसे अपने नैरेटिव के हिसाब से बदल रहे थे.’

उन्होंने कहा कि अगर यूट्यूब चैनलों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ इस तरह की अपमानजक टिप्पणियां करनी जारी रखी तो उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.

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न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी पत्रकार टीआरएस सरकार के आलोचक हैं. कलोजी टीवी, जीएसआर टीवी और राइट वॉयस के वीडियो को देखने से पता चलता है कि इन चैनलों का झुकाव भाजपा के प्रति है.

इसके अलावा हाल ही में हैदराबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर हेट और अपमानजनक टिप्पणियों करने वाले एनआरआई के पासपोर्ट रद्द करने की धमकी भी दी थी.

बता दें कि तेलंगाना के कई एनआईआर नियमित तौर पर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर राज्य में राजनीति को लेकर चर्चा करते हैं और उसमें हिस्सा लेते हैं.

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हैदराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने इस तरह की गतिविधियों में शामिल एनआईआर के खिलाफ मामला दर्ज करने और उनके लुकआउट नोटिस जारी करने को कहा था.

आनंद ने चार जनवरी को कहा था, ‘उनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे और कानूनी प्रावधानों के तहत उनके वीजा भी रद्द किए जाएंगे.’

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