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कैथल अदालत ने तीन आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा 

कैथल अदालत ने तीन आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
कोर्ट सामने परिसर में खड़े युवक पर कातिलाना हमला करने के मामले में शामिल थे
किसी मामले में गवाही दे रही थाना प्रबंधक महिला एसआई रेखारानी द्वारा बहादूरी का परिचय देकर मौके पर काबु किए गये थे तीनों आरोपी
कैथल, 07 मई ( अटल हिन्द/राजकुमार अग्रवाल  ) कोर्ट सामने बरामदे में खडे युवक पर दिन-दहाड़े कातिलाना हमला करने के मामले में शुक्रवार को एससी/एसटी एक्ट स्पैशल कोर्ट की एडिशनल सैशन जज मैडम पूनम सुनेजा की माननीय अदालत द्वारा महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सभी तीनों आरोपी उम्रकैद व 15-15 हजार रुपए जुर्माना के सजायाब किए गये है। जुर्माना अदा ना करने की सुरत में दोषियोंं को अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 20 मई 2019 की दोपहर एएसजे कैथल  हुक्म सिंह की माननीय न्यायालय में कलायत निवासी प्रदीप गवाही देने के लिए अदालत में उपस्थित था। कोर्ट परिसर के सामने बैठे उसके साथी हुक्म चंद उर्फ डिंपल निवासी कलायत पर अचानक तीन युवकों ने चाकु व बर्फ तोडने वाले सुए से कातिलाना हमला करते हुए कई वार करके डिंपल को घायल कर दिया। घायल का शोर सुनकर एएसजे हुक्म सिंह की माननीय अदालत अंदर किसी अन्य मामले में गवाही देने के लिए आई हुई तत्कालीन थाना प्रबंधक महिला सबइंस्पेक्टर रेखा रानी द्वारा तत्परता व मुस्तैदी का परिचय देते हुए कोर्ट में गवाही की कार्रवाई छोडक़र यायालय सामने के परिसर में आई, जहां पर घायल युवक को देखकर माजरा समझते हुए बहादूरी का परिचय देकर अन्य कर्मचारियों की मदद से तीनों आरोपियों को मौके पर काबु कर लिया। जिनकी पहचान प्रदीप, सागर दत्त व सोमबीर सभी निवासी नरवाना जिला जींद के रुप में हुई। तीनों आरोपी न्यायालय में गवाही दे रहे प्रदीप कलायत के विरोधी पक्ष के बताए गये थे। एसआई रेखा की सुचना उपरांत मौके पर पहुंचे थाना प्रबंधक सिविल लाईन इंस्पेक्टर प्रह्लाद रॉय द्वारा आरोपियों को गिरफतार करके वारदात में प्रयुक्त सुए तथा पत्तीनुमा चाकु कब्जे में लेकर जांच के दौरान अभियोग में एससी/एसटी एक्ट की धाराए ईजाद होने उपरांत आगामी जांच डीएसपी मुख्यालय कुलवंत सिंह के सुपूर्द कर दी गई।
पुलिस द्वारा जांच को संजीदगी एवं गभीरता पूर्वक करते हुए ठोस साक्ष्य जुटाए गये, तथा मामले का चालान तैयार करके दिनांक 22 जुलाई 2019 को अभियोग माननीय न्यायालय के सुपूर्द कर दिया गया। उपरोक्त मामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 18 मई तक अभियोग का फैसला सुनाने हेतू समय पाबंद किया गया था। जिसके उपरांत पुलिस द्वारा समय-समय पर निरंतर रुप से गवाहियां देकर मामले की मुस्तैदी पुर्वक पैरवी की गई। जिसके दौरान लोक अभियोजक/सरकारी वकील जयभगवान गोयल द्वारा दी गई दलीलों को मध्य नजर रखते हुए उपरोक्त मामले में 7 मई कोएससी/एसटी एक्ट स्पैशल कोर्ट की एडिशनल सैशन जज मैडम पूनम सुनेजा की माननीय अदालत द्वारा तीनों आरोपियों को भादसंं. की धारा 307,34 तथा एससी/एसटी एक्ट की धारा 3, (2), (5) अंतर्गत उम्रकैद व 15-15 हजार रुपए जुर्माना के सजायाब किए गये है। तीनों दोषी करीब-करीब 21 वर्ष आयु के बताए गये है। जुर्माना अदा ना करने की सुरत में दोषियोंं को अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। एसपी ने कहा कि माननीय न्यायालय द्वारा सुनाया गया उपरोक्त फैसला अपराधियों में कानून का डर पैदा करने के लिए माईल स्टोन का काम करेगा।
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