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खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही खट्टर सरकार,परिवार पहचान पत्र पर कोर्ट में घेरे में खट्टर सरकार


खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही खट्टर सरकार,परिवार पहचान पत्र पर कोर्ट में घेरे में खट्टर सरकार खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही खट्टर सरकारCET के लिए परिवार पहचान पत्र पर कोर्ट में घेरे में खट्टर सरकारहाईकोर्ट ने CET के लिए PPP को कंपलसरी करने के खिलाफ याचिका को किया मंजूरकल 29 जून को हाईकोर्ट में होगी सुनवाईआधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी की बाध्यता मामले में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ( CET ) पर हुआ कोर्ट केस

चंडीगढ़(ATAL HIND/राजकुमार अग्रवाल )हरियाणा की खट्टर सरकार खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही है और इसलिए उनकी गाइडलाइन की अनदेखी करने में कोताही नहीं बरत रही है।आधार कार्ड के मामले में सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार द्वारा किसी भी तरह की बाध्यता से इनकार किए जाने के बावजूद खट्टर सरकार ने CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) के मामले में परिवार पहचान पत्र को कंपलसरी करके बड़े विवाद को जन्म दिया है। परिवार पहचान पत्र को लेकर काफी संख्या में युवाओं को परेशानी हो रही थी जिसके चलते वह CET में रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे। इस तुगलकी आदेश के खिलाफ युवाओं ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया और सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुनवाई करने की अपील की।हाईकोर्ट में अर्जेंट सुनवाई को फैक्ट के बेस पर सही पाते हुए मंजूर कर लिया और याचिका को स्वीकार करके कल 29 जून को इसकी सुनवाई के लिए आदेश जारी कर दिएआपको बता दे की हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन, पंचकुला द्वारा संचालित CET कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट जिसे ग्रुप C और D की भर्तियों के लिए रखा गया था पर आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी की घोर बाध्यता मामले में याचिकाकर्ता जगदीप सिंह और अन्य ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कोर्ट केस कर दिया है जिसकी आज 28-06-2021 को अर्जेंट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के काबिल मानते हुए उसे मंजूर कर लिया और अब इसको लेकर कल 29 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही खट्टर सरकार,परिवार पहचान पत्र पर कोर्ट में घेरे में खट्टर सरकारयाचिकाकर्ता ज्ञजगदीप सिंह ने बताया की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ( CET ) की परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदक को फैमिली आईडी नं० देने के लिए घोर बाध्य किया जा रहा था। और फैमिली आईडी केवल आधार कार्ड नं० पर आधारित है। बिना आधार कार्ड के फैमिली आईडी नहीं बनवाई जा सकती है। ऐसी योजना जिसमें आधार कार्ड वैकल्पिक नहीं है वह योजना गैर कानूनी ही नहीं बल्कि असंवैधानिक भी है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जब आधार कार्ड मामले में अपना बहुमूल्य फैसला सुना दिया है जिसमें आवेदकों/ अभ्यर्थियों और स्कूली विद्यार्थियों से आधार कार्ड नहीं मांगा जा सकता है और न ही उन्हें इसके लिए बाध्य किया जा सकता है, उसके बाद भी हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन, पंचकुला अपने तानाशाही रवैये के चलते इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान से पालन करने की बजाय उसके फैसले की अवमानना पर अवमानना कर रहा है। आधार कार्ड मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के उलट कार्य करके हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन, पंचकुला भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सरे-आम अपमान ही नहीं कर रहा है बल्कि आम जन में न्यायालय के प्रति अविश्वास की एक बड़ी भावना भी पैदा कर रहा है। खुद को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से ऊपर समझ रही खट्टर सरकार,परिवार पहचान पत्र पर कोर्ट में घेरे में खट्टर सरकारहरियाणा सरकार के अधीनस्थ हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन, पंचकुला भारत सरकार के द्वारा पारित आधार कार्ट एक्ट 2016 की भी पालना नहीं कर रहा है जिसके अनुसार किसी को भी आधार कार्ड नं० के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।वर्तमान कानून मंत्री भारत सरकार, श्री रविशंकर प्रसाद जी ने भी इस संबंध में अपने टवीट दिनांक 20 मार्च 2021 में साफ-साफ दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में आधार कार्ड एक्ट 2016 का हवाला देते हुए साफ-साफ सार्वजनिक दिशा-निर्देश दिए हैं जिसके अनुसार आधार कार्ड पूरी तरह से वैकल्पिक है।जबकि फैमिली आईडी पूरी तरह से आधार कार्ड नं० पर आधारित है।कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ( CET ) की परीक्षा में आधार कार्ड और आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी की घोर बाध्यता मामले में याचिकाकर्ता जगदीप सिंह द्वारा HSSC के चेयरमैन के फोन नं० 01722567058 (Off.) पर इसकी सूचना भी दी गई और मेल के माध्यम से भी प्रार्थना की गई थी की हमें बिना आधार कार्ड के और बिना आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी नं० के ऑनलाइन आवेदन करने की अनुमति प्रदान करें। हम कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ( CET ) की परीक्षा के लिए योग्य आवेदक होते हुए भी आधार कार्ड और आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी की घोर बाध्यता के चलते ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। यह कैसी व्यवस्था है ,,इस मामले में न तो हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन, पंचकुला ने CET के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30-06-2021को अब तक बढ़ाया है और न ही हमें बिना आधार कार्ड और बिना आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी नं० के ऑनलाइन आवेदन करने की अनुमति प्रदान की है और न ही उनकी तरफ से मेल का कोई जवाब मिला है।इससे तो यही प्रति हो रहा है की यहाँ इस देश में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन, पंचकुला पर न तो भारत सरकार के नियम लागू होते हैं और न ही माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले।क्या आम आदमी न्यायालय के फैसलों की पालना करवाने के लिए भी बार-बार न्यायालयों के ही चक्कर लगाता रहेगा। क्या यहाँ सरकारी तानाशाही विभागों को न्यायालय के फैसलों और उनके आदेशों के प्रति उनमें कोई सम्मान या डर नहीं बचा है।(अधिवक्ता का नाम : अर्जुन श्योराणपंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट)नागरिक स्वतंत्रता के लिए जन संघर्षShare this story

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