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नोटबंदी के 5 साल- किसको क्या फायदा हुआ: डॉ सारिका ​​​​​​​

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बिना सोचे समझे नीतियों पर फैसला लेना और उसके बाद 135 करोड़ की आबादी को परेशानी में भगाते रहना मोदी सरकार की रणनीति बन चुकी है। 

नोटबंदी के 5 साल- किसको क्या फायदा हुआ: डॉ सारिका  

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बिना सोचे समझे करोड़ों भारतवासियों की जिंदगी नर्क बना दी

पहली बार हुआ 1 के बाद 1, 3 आरबीआई गवर्नर 5 साल में बदले

फतह सिंह उजालागुरुग्राम । 

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5 साल पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने रात देश को संबोधित किया और कहा कि 12 बजे के बाद 500 और 1000 के नोट अमान्य हो जाएंगे। उनका कहना था कि इससे काला धन वापस आएगा, आतंकी हमले बंद हो जाएंगे और नकद का काम देश में खत्म हो कैशलेस रूप में बदल जाएगा। डॉ सारिका वर्मा ने कहा सबको याद है वह 52 दिन जब करोड़ों लोग बैंकों की लाइन में पूरा पूरा दिन लगे रहे अपने ही अकाउंट से 4000 की राशि निकालने के लिए। पूरे देश की अर्थव्यवस्था ठप हो गई, करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई, लाखों कारोबार बंद हो गए और हैरान जनक बात यह है की कोई काला धन नहीं निकला। 98.8 प्रतिशत धनराशि बैंकों में वापस आ गई, आज भी आतंकी हमले हो रहे हैं और पहले से कहीं ज्यादा नकद राशि अब इस्तेमाल की जा रही है। एटीएम में नए नोट ना फिट होने की वजह से लोगों को कई कई घंटे लाइनों में खड़ा होना पड़ा और हर रोज आरबीआई द्वारा नए-नए निर्देश आते रहे।

मुकेश डागर आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष ने कहा बिना सोचे समझे इतना बड़ा फैसला लिया गया जिससे हर हिंदुस्तानी परेशान हुआ। महिलाओं की जमा पूंजी भी छीन ली गई। जहां पर बैंक में रखे पैसे पर 6 प्रतिशत ब्याज आता था आज 3.5 प्रतिशत आ रहा है। पीपीएफ की जमा पूंजी पर भी ब्याज 12 प्रतिशत  से घटा कर 8 हो गया है। रिटायर्ड लोगो की जीवन शैली पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। महावीर वर्मा गुडगांव अध्यक्ष ने कहा देश में जो हम देख रहे हैं पिछले 10 महीने से हर हफ्ते पेट्रोल- डीजल और एलपीजी पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी जा रही है। क्योंकि भारत सरकार आर्थिक तंगी मैं है। यह पहली बार हुआ है कि एक के बाद एक 3 आरबीआई गवर्नर 5 साल के अंदर बदले गए हैं। बिना सोचे समझे नीतियों पर फैसला लेना और उसके बाद 135 करोड़ की आबादी को परेशानी में भगाते रहना मोदी सरकार की रणनीति बन चुकी है।

2016 में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि नोटबंदी 8 लाख करोड़ रुपए का घोटाला है। बैंकों के पास अरबो रूपया वापस आने के बाद सरकार के करीबी व्यापारियों का लोन माफ कर दिया गया और ब्याज कम कर सभी घरों की आमदनी पर प्रभाव पड़ा है। यह कोई मामूली बात नहीं की भुखमरी की सूची में आज भारत 101 स्थान पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के भी पीछे पहुंच चुका है।डॉ सारिका ने कहा कौन भूल सकता है वह 50 दिन जो प्रधानमंत्री ने हर भारतीय से मांगे थे और उसके बाद आज तक माफी भी नहीं मांगी। 150 लोग नोटबंदी के बाद बैंकों की लाइनों में लगकर अपनी जान गवा बैठे। इनके परिवारों को आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया। बिना सोचे समझे नीतियां बनाने वाली यह सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत महंगी पड़ रही है।

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