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भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में खलबली मच गई थी 

भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में खलबली मच गई थी 
सीआईआई के सीईओ अदार पूनावाला अपने बयानों को गलत ढंग से पेश किए जाने की बात तो कह रहे हैं लेकिन वैक्सीन की जरूरतों को पूरा करने में कितना वक्त लगेगा ये नहीं बता रहे हैं.

पंकज कुमार

वैक्सीन की किल्लत के बीच लंदन में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के बयान से भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में खलबली मच गई थी. एक अखबार को दिए साक्षात्कार में पूनावाला ने देश में दबाव बनाने से लेकर सरकार से समर्थन न मिलने की बात कही. अब सीआईआई के सीईओ अदार पूनावाला अपने बयानों को गलत ढंग से पेश किए जाने की बात कह रहे हैं लेकिन वैक्सीन की जरूरतों को पूरा करने में कितना वक्त लगेगा उस पर उनकी चुप्पी बरकरार है.

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अदार पूनावाला ने इस विषय पर साफ कहा कि वो जल्द ही भारत लौटने वाले हैं. साथ ही भारत आकर वो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि वैक्सीन का प्रोडक्शन भारत में पूरी चरम पर हो. अदार पूनावाला ने परिवार के साथ इंग्लैंड चले जाने की बात को नकारते हुए वापस आने की बात कही. वैसे लंदन जाकर अदार पूनावाला ने वहां की कंपनी के साथ 250 मिलियन पौंड का करार किया है. इसके तहत नज़ल (Nasal) यानि कि वैक्सीन को नाक के जरिए देने की योजना है और इस बात की घोषणा खुद अदार पूनावाला ने की है.
भारत में वैक्सीन की बढ़ रही मांग पर पूनावाला ने क्या कहा?
पूनावाला ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि वैक्सीन बनाना एक स्पेशलाइज्ड प्रक्रिया है और इसका प्रोडक्शन रातों रात बढ़ा देना आसान नहीं है. पूनावाला के मुताबिक भारत जैसे बड़े देश में बड़ी आबादी को देखते हुए तुरंत डोजेज तैयार कर देना आसान नहीं है. इसलिए हम लोगों की भावनाओं और जरूरतों को समझते हैं. इसलिए हमारी भी कोशिश यही है कि हम अपने लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें. इसके लिए हमें मेहनत से काम करना चाहिए ताकि भारत कोरोना माहमारी से निपटने में सही तरीके से कामयाब हो सके.

भारत सरकार को लेकर उठे सवालों पर पूनावाला ने दी सफाई
सीआईआई के सीइओ अदार पूनावाला ने कहा कि हम भारत सरकार की मदद से पिछले साल अप्रैल से लगातार काम कर रहे हैं. हमें सरकार से हर तरह का समर्थन मिला है, चाहे वो वैज्ञानिक हो, रेगुलेट्री हो या फिर आर्थिक हो. अदार पूनावाला ने साफ कहा कि हमें सौ फीसदी एडवांस के तौर पर सरकार से 1732 करोड़ रुपये मिले हैं और हमने 15 करोड़ वैक्सीन सप्लाई कर दिया है और अगला 11 करोड़ कुछ महीनों में सप्लाई करने वाले हैं. इतना ही नहीं पूनावाला 11 करोड़ डोजेज का दूसरा खेप राज्यों और प्राइवेट अस्पताल को देने की बात कर रहे हैं.

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किन बयानों के चलते कंट्रोवर्सी बढ़ती गई?
दरअसल फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा था कि कोरोना के मामले जनवरी महीने में कम होने लगे थे और सरकार इसको लेकर उतनी गंभीर नहीं लग रही थी. इस दरमियान ऑर्डर नहीं मिलने के कारण कंपनी ने क्षमता नहीं बढ़ाई. सरकार ने पूनावाला के साक्षात्कार के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि ऑर्डर दिए जा चुके हैं और कंपनियां सप्लाई नहीं दे रही हैं. पूनावाला पहले भी सरकार से पूरा समर्थन ना मिलने का आरोप लगा चुके हैं. लेकिन पूनावाला अब अपने बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की बात कह रहे हैं और सरकार पर वित्तीय और रेगुलेटरी मदद हर समय देने की बात कह रहे हैं.

वह राज्य जहां वैक्सीन की हो रही है किल्लत
महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, दिल्ली जैसे कई राज्यों ने 18 से 44 साल के नौजवानों को वैक्सीन दिए जाने की योजना को थोड़ा डिले किया है. ज़ाहिर है राज्यों की योजना वैक्सीन की उपलब्धता के हिसाब से शुरू की जाएगी लेकिन कीमत और मात्रा को लेकर अभी भी संशय बरकरार है. प्राइवेट हॉस्पिटल और राज्यों में वैक्सीन की कीमतें क्या होंगी इस पर से पर्दा उठना बाकी है. ज़ाहिर है भारत सरकार फिलहाल वैक्सीन को लेकर उठ रहे जोरदार मांग से दबाव में है. जहां कोरोना के खिलाफ एक ही अस्त्र कारगर दिखाई दे रहा है वो है वैक्सीन.

इसलिए कोविशिल्ड, कोवैक्सीन के बाद स्पूतनिक वी को भी मंजूरी दे दी गई है. लेकिन कोरोना के बढ़ रहे बेतरतीब मामलों के बाद सरकार से लेकर वैक्सीन प्रोडक्शन करने वाली कंपनियां भी काफी दबाव में है. ऐसे में भारत को सप्लाई कर रही 90 फीसदी वैक्सीन वाली कंपनी के सीईओ द्वारा सरकार पर आरोप लगाने से निराशा चरम पर आना लाजमी था, लेकिन जल्द ही खंडन कर उन्होंने निराशा रूपी बादल को हटाने का प्रयास जरूर किया है.

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