2023 में स्वीकृत संख्या के समान बसें चलना तो दूर 2014 में स्वीकृत संख्या के समान बसें भी नही चला पाई भाजपा सरकार : वरुण चौधरी
9 साल में बस ख़रीद कम हुई और कण्डम अधिक : वरूण चौधरी
अम्बाला , अटल हिन्द ब्यूरो /पूर्ण सिंह
प्रदेश में 2014 में बसों की स्वीकृत संख्या 4500 थी जो आज वर्ष 2023 में 5300 है। 2014 से 2023 तक विभाग द्वारा 3270 नई बसें खरीदी गई और 3418 बसें नाकारा घोषित की गई है। आज अक्टूबर 2023 में 3129 स्वामित्व वाली चालू हालत की व किलोमीटर स्कीम के तहत 562 बसें प्रदेश में चल रही है। यह जानकारी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने मुलाना विधायक वरुण चौधरी द्वारा लगाए गए सवाल पर दी।
विधायक वरुण चौधरी ने प्रदेश में बसों की 2014 से 2023 तक बसों की स्वीकृत संख्या के साथ 2014 तक खरीदी गई एवं अनुपयोगी घोषित की गई बसों की वर्षवार संख्या व 2014 से आज तक चालू हालत की बसों की वर्षवार संख्या, महिलाओं के लिए गुलाबी रंग की बसों की संख्या और इनको महिलाओं के लिए न चलाने के कारण तथा बसों की कार्य जीवन अवधि 8 वर्ष से 15 वर्ष करने का औचित्य व नई बसों की खरीद में देरी के कारण को लेकर सदन में जानकारी मांगी थी।
विधायक ने परिवहन मंत्री जी द्वारा सदन में दी गई जानकारी पर मीडिया के माध्यम से बोलते हुए कहा कि मंत्री जी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में स्वीकृत बसों की संख्या 4500 थी और आज अक्तूबर 2023 में 5300 है,लेकिन आज प्रदेश में मात्र 3129 बसें ही चल रही है। भाजपा सरकार 2023 में स्वीकृत संख्या के समान बसें चलना तो दूर जितनी बसें वर्ष 2014 में स्वीकृत थी उतनी बसें भी आज तक ना खरीद पाई न चल पाई है। 9 सालों में बसों की खरीद कम हुई है जबकि ज्यादा बसे कण्डम हुई है। जानकारी के अनुसार महिलाओं के लिए खरीदी गई सभी बसों को भी महिलाओं के लिए नहीं चलाया जा रहा है। जो बड़े दुर्भाग्य की बात है।
विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की आम जनता की सवारी बसों को तो पूरी संख्या के साथ और अच्छी हालत की बसों को चला नहीं पा रही है लेकिन एयरपोर्ट बनाने की बड़ी-बड़ी बातें जरूर कर रही है आज आम जनता को एयरपोर्ट नही बल्कि बसों की जरूरत है और सरकार को प्रदेश में आम जनता की सवारी बसों की संख्या को बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए
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