हरियाणा में बीजेपी की मांग- चुनाव आगे बढ़ाया जाए; वोटिंग डेट बदलने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने इलेक्शन कमीशन को लिखा लेटर
चंडीगढ़,24 अगस्त (राजकुमार अग्रवाल ):-
हरियाणा बीजेपी के पूर्व जीरो लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर के काले कारनामों का डर हरियाणा बीजेपी को आगामी अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में सताने लगा है।
हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली हरियाणा में पार्टी की संभावित हार को साफ़ साफ़ देख रहे है जिसके चलते है हथकंडे अपना कर चुनाव की तारीख आगे बढ़वाना चाहते है। गौरतलब है की 2014 से लेकर 2024 तक हरियाणा में बीजेपी का शासन रहा जिसके चलते हरियाणा की जनता को सरकार का उत्पीड़न सहना पड़ा।
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने 2016 से लेकर 2024 तक मुख्यम्नत्री रहते जो तानाशाही चलाई और हरियाणा को आग की लपटों में धकेला सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उसे हरियाणा की जनता भूली नहीं है।
मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यंमत्री रहते अपने पद का खूब दुरूपयोग किया हरियाणा की आम जनता को कागजी प्रक्रिया में उलझा कर स्वेत पत्र तक जारी किया की हरियाणा का खजाना खाली है लेकिन उसके बाद अपने पाने हजारों करोड़ खर्च किये। पार्टी के दफ्तर हजारों करोड़ खर्च करके कैसे बन गए जमीन कहा से आई और पैंसा कहाँ से आया।
बेरोजगारी हरियाणा में चरम पर पहुँच गई ,व्यापर ठप हो गए ,प्रॉपर्टी टैक्स में लूट ,परिवार पहचान पत्र में उलझाई हरियाणा की जनता ,जन्म प्रमाण पत्र को लेकर आम जनता को अदालतों तक में जाना पड़ा ,डिजिटल हरियाणा के नाम पर बीजेपी को डिजिटल बनाया ,2016 में जाट आंदोलन को सुलझाने की बजाये जाट बिरादरी को 36 बिरादरी से अलग करने की कोशिश की ,कोरोना काल में आम जनता पर पुलिसिया अत्याचार करवाए ,मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला कोरोना काल में मिलबांट कर मलाई खाते रहे शराब घोटाला में खूब कमाई की और आम जनता को घरों में नजरबन्द कर दिया।
यही नहीं मनोहर लाल खट्टर ने अपने आका को खुश करने के लिए किसान आंदोलन को भी सुलझाने की बजाय जंग में बदल दिया और निहत्थे किसानों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिल के अत्याचार किये यह बात जगजाहिर है।
जिसके चलते अब हरियाणा में 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव-2024(Assembly elections in Haryana 2024) को लेकर शेड्यूल जारी किया जा चुका है। इलेक्शन कमीशन ने 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की घोषणा की थी। लेकिन अब बीजेपी की तरफ से इस वोटिंग डेट को बदलने की मांग की जा रही है. हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने इलेक्शन कमीशन को इस संबंध में बकायदा लेटर भी लिखा है और मांग की है कि चुनाव आगे बढ़ाया जाए। प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने इसके पीछे छुट्टियों और बिश्नोई समाज के धार्मिक अनुष्ठान जैसे कारण बताए हैं।
डेट बदलने से वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा
हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली का कहना है कि, मैंने इलेक्शन कमीशन को लेटर लिखकर विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग डेट चार से पांच दिन बढ़ाने की अर्जी लगाई है। क्योंकि इलेक्शन कमीशन ने वोटिंग की जो डेट घोषित की है। उसके आसपास वीकेंड के साथ छुट्टियां आ रहीं हैं। जिसके कारण लोग प्रदेश से बाहर भी रह सकते हैं। इसके साथ ही उस दौरान बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है इसका इफेक्ट भी वोटिंग पर पड़ेगा। वोटिंग परसेंटेज में गिरावट होगी। जबकि इलेक्शन कमीशन की भी प्राथमिकता होती है कि 100% वोटिंग हो।बडौली ने कहा कि यह सब देखते हुए मैंने इलेक्शन कमीशन चुनाव आगे बढ़ाने और वोटिंग डेट बदलने की मांग की है। अगर चुनाव की तारीख 4 से 5 दिन आगे बढ़ती है तो ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करने के लिए मतदान केंद्र पहुंच सकेंगे। जिससे वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा। बडौली ने कहा कि तमाम पार्टी के लोगों के साथ बात होने के बाद मैंने इलेक्शन कमीशन को लेटर लिखा है।
हरियाणा में 1 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग
हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक फेज में होगा। हरियाणा में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 16 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट एक साथ 4 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 एसटी और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं।वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानी हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।
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