बिल्डर पर गलत दस्तावेज इस्तेमाल कर प्रोजेक्ट पास करने का आरोप
बिल्डर ने आरोपों को नकारा
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रोहित गुप्ता
जीरकपुर 28,जुलाई
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आज जीरकपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता सुखदेव चौधरी ने पीरमुछल्ला के एक बिल्डर पर राजस्व विभाग और स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। सुखदेव चौधरी ने कहा कि पहले गलत प्रोजेक्ट पास कर अधिकारी अब अपनी खाल बचाने के लिए प्रोजेक्ट का नक्शा रद्द करने और बिल्डर पर सख्त कार्रवाई करने की जानकारी मिल रही है।
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सुखदेव चौधरी ने कहा कि वह मामले की शिकायत विजिलेंस, के क्राइम विभाग और मुख्यमंत्री को भेज रहे है। सुखदेव चौधरी ने बताया कि 2012 में जीवन गर्ग नाम के बिल्डर का रॉयल अपार्टमेंट नाम से 84 फ्लैट्स का प्रोजेक्ट पास हुआ था, लेकिन बिल्डर ने अपना प्रोजेक्ट बीच में ही छोड़ दिया. जिसके कारण उस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले लोगों ने जीवन गर्ग के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके कारण जीवन गर्ग को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि जीवन गर्ग ने गर्ग रियल्टी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक फर्म बनाई और प्राप्त भुगतान के साथ अपने सभी फ्लैट रॉबिन मंगला नमक व्यक्ति को बेच दिए। उन्होंने कहा कि गर्ग रियल्टी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक को 16 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया है और रजिस्ट्री पर 4 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए है। जबकि इस फर्म में इतना पैसा नहीं था।
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सुखदेव चौधरी ने आरोप लगाया कि रॉबिन मंगला की कंपनी साल 2021 में बनी थी, जबकि उन्होंने अपने फ्लैट 2020 में ही बेच दिए, लेकिन बिल्डर ने विभिन्न विभागों में गलत शपथ पत्र देकर अधिकारियों को भी गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त बिल्डर ने अपना प्रोजेक्ट पास करवाया था, उस वक्त प्रोजेक्ट में छह मंजिलें दिखाई गई थी, लेकिन बिल्डर इस प्रोजेक्ट पर पहले ही आठ मंजिलें बना चुका था। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी के कारण विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शिकायत देने के बावजूद कोई भी अधिकारी बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि एक-दूसरे विभागों के बीच पत्राचार कर समय काट रहे है। उन्होंने कहा कि बिल्डर पहले से आवंटित फ्लैटों के मालिकों से फ्लैट देने के बदले 6 से 15 लाख रुपये भी वसूल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस बिल्डर के खिलाफ विभिन्न विभागों द्वारा कार्रवाई की जाएगी और अगर विभागीय अधिकारियों ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है, तो पूरे मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में लाया जाएगा।
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कोट्स
हम इस प्रोजेक्ट की जांच कर रहे है। विभाग की आंतरिक जांच का खुलासा नहीं किया जा सकता, अगर कोई कार्रवाई होगी, तो सभी को जानकारी मिल जाएगी।
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अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद जीरकपुर
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कोट्स
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हमने अपने प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए किसी भी गलत दस्तावेज का इस्तेमाल नहीं किया है। सुखदेव चौधरी द्वारा हम पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है, जिसकी जांच विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही है। सुखदेव चौधरी का मकसद हमें ब्लैकमेल कर पैसे ठगना है।
रॉबिन मंगला, बिल्डर ग्रिप
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