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HARYANA NEWS-हरियाणा में 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही विधानसभा का नंबर गेम फिर से बदल सकता!

चंडीगढ ,28मई(अटल हिन्द ब्यूरो )
हरियाणा में 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही विधानसभा का नंबर गेम फिर से बदलने वाला है। इसकी वजह यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 2 बड़े राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस के साथ क्षेत्रीय पार्टियां जेजेपी और इनेलो के 5 विधायक मैदान में हैं।
2024 के आम चुनाव में कांग्रेस के 2 वरुण मुलाना व राव दान सिंह, भाजपा के एक मोहन लाल बड़ौली, जेजेपी की नैना चौटाला और इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला लोकसभा उम्मीदवार बनकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यदि ये विधायक लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के 28, भाजपा के 39 और जेजेपी के 9 विधायक बचेंगे। वहीं, आईएनएलडी का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं होगा।
चुनाव जीते तो ये होगी सदन में स्थिति
लोकसभा चुनाव लड़ रहे ये 5 विधायक यदि चुनाव जीत जाते हैं तो विधानसभा में नया समीकरण दिखाई देगा। दौलताबाद के निधन के बाद अभी विधानसभा में विधायकों की संख्या 87 है। 4 जून के बाद यह संख्या 82 हाे जाएगी। इसके साथ ही बहुमत का आंकड़ा भी बदल जाएगा।
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ऐसी स्थिति में भाजपा के पास सदन में विधायकों की संख्या 39 होगी। इसके अलावा भाजपा को हलोपा विधायक गोपाल कांडा और निर्दलीय नयनपाल रावत भी समर्थन दे रहे हैं। जिसके बाद इनकी संख्या 41 होगी। साथ ही कांग्रेस के पास दो विधायक कम होंगे और उसकी संख्या 28 होगी। हालांकि कांग्रेस को 3 निर्दलीयों ने समर्थन दिया है, जिसके बाद सदन में इनकी संख्या 31 हो जाएगी।
नैना चौटाला के जीतने पर JJP के विधायकों की संख्या 9 हो जाएगी। इसके अलावा बलराज कुंडू भी भाजपा विरोध में होंगे। विपक्ष के विधायकों की संख्या सत्ता पक्ष के बराबर 41 रहेगी। सीएम सैनी चूंकि मनोहर लाल खट्‌टर की जगह लड़ रहे हैं, इसलिए उनके जीतने पर भाजपा के विधायकों की संख्या 40 हो जाएगी। तब भाजपा को विधानसभा में बहुमत मिल सकता है।
राकेश दौलताबाद के निधन से अल्पमत में सैनी सरकार
हरियाणा में गुरुग्राम के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से बीजेपी सरकार पर अल्पमत का संकट गहराया हुआ है। 25 मई को उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 87 हो गई है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, लेकिन भाजपा सरकार के पास अभी 42 ही विधायकों का समर्थन बचा है।
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ऐसे में विपक्ष फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेर सकता है। कांग्रेस और जेजेपी पहले ही गवर्नर को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है।
विधानसभा का पूरा गणित..ये:
हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है?
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। इसमें करनाल से मनोहर लाल खट्टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे। फिर बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है।
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ऐसे शुरू हुई अल्पमत की चर्चा
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्‌टर को CM की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी CM बनाए गए। उन्हें भाजपा के 41, हलोपा के 1 और 6 निर्दलीय समेत 48 विधायकों का समर्थन मिला था। हालांकि, पहले खट्टर और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। तब सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा।
अब सरकार के साथ कितने विधायक
खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है।
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विपक्षी दलों की क्या स्थिति
हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा JJP के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं।
हालांकि, जेजेपी की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे।
सैनी चुनाव जीते तो फिर सरकार और विपक्ष बराबर हो जाएंगे
इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्‌टर की जगह करनाल से विधानसभा उप-चुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे। अगर जेजेपी के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्ष, दोनों बराबर हो जाएंगे।
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