भाजपा और बिमला चौधरी के लिए जीत का मार्जिन चुनौती !
मुख्य मुकाबले के उम्मीदवारों के बीच उनकी शिक्षा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
2024 में इलेक्शन के कंपटीशन में मिल रहा है जबरदस्त चैलेंज
मौजूदा चुनावी दौर में नहीं मोदी की लहर और न ही भाजपा की हवा
फतह सिंह उजाला
पटौदी ग्राउंड रिपोर्ट । 2024 विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में 10 दिन का समय ही बाकी रह गया है । एक-एक दिन और एक-एक घंटा कम होने के साथ मुकाबला रोचक बनते हुए लोगों के बीच राजनीतिक चर्चा भी बनता जा रहा है । पटौदी से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की समर्थक पूर्व विधायक विमला चौधरी है। पटौदी के ही पूर्व विधायक स्वर्गीय भूपेंद्र चौधरी की उच्च शिक्षित पुत्री पर्ल चौधरी के द्वारा मुकाबला को आमने-सामने का बना दिया गया है।
राजनीति में गहरी रुचि रखने वालों और जानकारों के मुताबिक 2024 के चुनाव में भाजपा की विमला चौधरी और भाजपा के लिए जो राजनीतिक हालात बने हुए हैं । उसमें जीत के दावे के मुताबिक जीत का पहले जितना मार्जिन बनाए रखना चुनौती ही बनता चला जा रहा है ? इसका मुख्य कारण लोगों की चर्चा के मुताबिक लोकसभा चुनाव और उसके बाद से मोदी नाम की लहर राजनीति के मैदान से गायब होना बताया जा रहा है । इतना ही नहीं कहने वाले तो यहां तक कहते चले जा रहे हैं कि अब पहले जैसी भाजपा की हवा भी नहीं रही । 2014 में भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की समर्थक विमला चौधरी भाजपा की टिकट पर पटौदी से चुनाव लड़ी और लगभग 40000 वोट के अंतर से जितने में सफल रही। इसी प्रकार से 2019 में भाजपा के लिए जीत के वोट का अंतर भी लगभग 36000 रहा है । इन दोनों ही चुनाव में सबसे बड़ा कारण मोदी के नाम की लहर जीत के मार्जन को बढ़ाने में बड़ा फैक्टर माना जा रहा है।
समय का चक्र चलता रहता है, लोगों का मूड और मिजाज भी बदलता रहता है । बदलाव होना भी एक प्रकृति का नियम है और बदलाव लाना अथवा किया जाना भी इंसान की फितरत रही है । इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं । लेकिन राजनीति में चुनाव के दौरान मुद्दे बिलकुल अलग ही हो जाते हैं, जो की राजनीतिक बदलाव का मुख्य कारण बनते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते चले आ रहे हैं। पटौदी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2,52,000 मतदाता है । अब यह देखना रोचक रहेगा की 5 अक्टूबर को कितनी संख्या में मतदाताओं के द्वारा अपने मत का अधिकार प्रयोग किया जाएगा।
पूरे प्रदेश में जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक बदलाव का माहौल और लोगों का मन बना हुआ है । इन सबको देखते हुए रुझान कांग्रेस पार्टी की तरफ अधिक महसूस किया जा रहा है। हालांकि अभी भी लोग खुलकर बोलने से या अपनी बात कहने से बचाने में परहेज ही करते चले आ रहे हैं । लेकिन जहां भी समूह के बीच चर्चा होती है, वहां राजनीतिक बदलाव ही चर्चा का मुख्य विषय और मुद्दा बना रहता है । इन सब हालात में निश्चित रूप से भाजपा और भाजपा उम्मीदवार विमला चौधरी के लिए पिछले दो विधानसभा चुनाव की तरह जीत के मार्जिन को बनाए रखना गंभीर चुनौती ठहराया जा रहा है । कहने वाले तो यहां तक दावा करते आ रहे हैं कि जिस प्रकार से कांग्रेस और कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती पर्ल चौधरी के लिए जनता के बीच दीवानगी दिखाई दे रही है । उसके मुताबिक इस बात से भी इनकार नहीं की चुनाव परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है।
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