चुनाव में विरोधियों की मदद, फंड गबन के आरोप; उम्मीदवारों की शिकायत पर सीएम ने चंडीगढ़ तलब किए
चंडीगढ़ ,31 मई(राजकुमार अग्रवाल )
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लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। इसे थामने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीएम नायब सिंह सैनी ने कमान अपने हाथों में ले ली है।उम्मीदवारों ने बागियों की इन लिस्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इन लिस्टों में भाजपा सांसदों, विधायकों के अलावा लोकल अफसरों के भी नाम बताए गए हैं।
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रिपोर्ट में उम्मीदवारों ने लिखा है कि इन्होंने चुनाव में पार्टी के साथ भीतरघात किया है। उन पर कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर उनके एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया है। आज सीएम नायब सैनी ने चंडीगढ़ के संत कबीर कुटीर में प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री ने प्रत्याशियों के फीडबैक के बाद बुलाई है।
हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा के बागियों की लिस्ट तैयार हो रही है। अब तक 2 लोकसभा सीटों की लिस्ट रेडी हो चुकी है। इनमें सिरसा और सोनीपत का नाम शामिल है। ये लिस्ट मुख्यमंत्री नायब सैनी तक पहुंच गई हैं। बची 8 लोकसभा सीटों की रिपोर्ट रोहतक में होने वाली भाजपा की अहम बैठक में दी जाएगी।
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सिरसा: एक एमएलए, नगर निगम ऑफिसर, एक्शियन का नाम
सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर ने लोकल ऑफिसर, कर्मचारियों, भाजपा नेताओं और यहां तक कि एक मौजूदा विधायक सहित लगभग 15 व्यक्तियों की लिस्ट तैयार की है, जिन्होंने कथित तौर पर प्रचार अभियान के दौरान विपक्षी दलों का पक्ष लिया था।
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जिनके लिस्ट में नाम:
सिरसा की लिस्ट में एक नगर निगम अधिकारी, एक कार्यकारी अभियंता, एक महिला कर्मचारी का नाम हैं। इनकी शिकायत की गई है कि इन्होंने कांग्रेस के लिए चुनाव में एजेंट के रूप में काम किया।
सोनीपत: सीटिंग एमपी, एमएलए ने किया भीतरघात
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और विधायक मोहन लाल बड़ौली ने भी चुनाव में भीतरघातियों की लिस्ट बनाई है। इस लिस्ट में उन्होंने यहां से सीटिंग भाजपा सांसद और उनके करीबी एक विधायक का नाम शामिल किया गया है। इसके अलावा नगर निगम, डीसी ऑफिस के कुछ अधिकारियों की चुनाव में संदिग्ध संलिप्तता का जिक्र किया है।
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लिस्ट के साथ बड़ौली ने भाजपा नेताओं के कुछ वीडियो भी भेजे हैं, जिसमें वह कांग्रेस के लिए काम करते दिख रहे हैं। साथ ही ऐसे ऑडियो भी हैं, जिसमें भाजपा नेता ब्राह्मणों के बड़े नेताओं को कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए कह रहे हैं।
हर सीट पर 15 से 17 बड़े नाम
हरियाणा में लोकसभा उम्मीदवारों द्वारा बनाई जा रही लिस्ट में 15 से 17 बड़े नाम हैं। प्रत्याशियों की लिस्ट में सालों से नगर निगमों, डीसी ऑफिस, आरटीओ ऑफिस, पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने विपक्षी दलों की मदद की है। इसका इनपुट भी प्रत्याशियों ने सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिया है।
बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों ने 5 बीजेपी जिला अध्यक्षों का फीडबैक दिया था, जिसमें पैसे की हेराफेरी, काम न करने और चुनाव में विरोधियों की मदद करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। ये सभी शिकायतें मिलने के बाद पूरे प्रदेश के जिला अध्यक्षों को बुलाया गया है। सीएम आज बैठक में सख्त संदेश दे सकते हैं। साथ ही वे सभी 5 जिला अध्यक्षों को खुद पद छोड़ने को कह सकते हैं। इन जिला अध्यक्षों में सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार के जिला अध्यक्ष शामिल हैं। एक जिले का नाम अभी साफ नहीं हुआ है।
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दरअसल, 26 मई को पंचकूला में मीटिंग के दौरान सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी ने जींद जिलाध्यक्ष राजू मोर, हिसार से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला ने आशा खेदड़, सिरसा से प्रत्याशी अशोक तंवर ने सिरसा और फतेहाबाद के जिलाध्यक्ष की शिकायत दी थी।
जिसमें पैसे गबन से लेकर, निष्क्रियता, विरोधियों की मदद करना और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने जैसे आरोप लगे थे। हालांकि मुख्यमंत्री तक यह शिकायतें पहले भी आ रही थी मगर जब फीडबैक मीटिंग में भाजपा प्रत्याशी लिखित में शिकायत देने को भी तैयार हो गए तो नायब सैनी ने जल्द ही इन अध्यक्षों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
बड़े अधिकारियों पर गाज
बता दें, सबसे पहले भाजपा ने 26 मई को चंडीगढ़ में पार्टी प्रत्याशियों, लोकसभा प्रभारियों, संयोजकों और विस्तारकों की बैठक में प्रत्येक लोकसभा सीट का फीडबैक लिया। इसके बाद 27 मई को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में कहा था कि कांग्रेस ने सिरसा और रोहतक सीट पर बोगस वोटिंग कराई है।
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जिन कर्मियों की मिलीभगत से बोगस वोटिंग हुई है, उनके खिलाफ चार जून के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 4 जून के बाद सिरसा और रोहतक के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इसमें आईएएस और आइपीएस स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
भाजपा ने चुनाव से पहले 18001038437 टोल फ्री नंबर जारी किया था। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मतदान से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकता था। इस कंट्रोल रूम में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता हर जिलों के हिसाब से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव रहे। इन शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग में शिकायत करने और ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार की जाएगी, जिन्होंने जानबूझकर मतदान धीमा करवाया और बोगस पोलिंग करवाई। सबसे ज्यादा शिकायत हिसार, सिरसा, सोनीपत, रोहतक, करनाल और कुरुक्षेत्र से आई है।
सरकार ले सकती है एक्शन
चुनावों में भाजपा को हराने का सपना देखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार जिलाध्यक्ष के मार्फत लेकर उन पर जल्द कार्रवाई कर सकती है। सरकार इस मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकती है। इसमें नूंह में तबादला, डेपुटेशन पर भेजने और गृह जिले से दूर तैनाती जैसी कार्रवाई हो सकती है, ताकि अधिकारियों को सबक सिखाया जा सके।
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आपको बता दें कि हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी थी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं।
अधिकारियों के ट्रांसफर होंगे
हरियाणा सरकार के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ अलग रणनीति बनाई है। चुनाव में सरकार के विरोध में एक्टिव रहे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार 10 जून तक कार्रवाई करेगी, जिसमें अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर ऑर्डर की लंबी चौड़ी लिस्ट जारी की जाएगी।
हाशिए पर आएंगे बीजेपी नेता, विधायकों के टिकट कटेंगे
भाजपा नेताओं और पार्टी विधायकों के द्वारा भितरघात करने वालों के लिए सरकार और संगठन ने अलग प्लानिंग की है। भीतरघाती नेताओं व पदाधिकारियों को हाशिए पर डालकर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि कांग्रेस के लिए काम करने वाले विधायकों की टिकट पर भी खतरा होगा। आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट भी कट सकती है।
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रिव्यू मीटिंग में उछला था मुद्दा
हरियाणा के लोकसभा चुनाव में बागी और भीतरघातियों का मुद्दा पंचकूला में हुई रिव्यू मीटिंग में उछला था। इस मीटिंग में लोकसभा उम्मीदवारों ने सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, लोकसभा चुनाव इंचार्ज सतीश पूनिया, संगठन महामंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा के सामने इसकी शिकायत की थी।
इसके बाद सीएम सैनी ने सभी उम्मीदवारों से पार्टी के बागी और भीतरघातियों की लिस्ट के साथ ही कांग्रेस के एजेंट बनने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट बनाने को कहा था।
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