चंडीगढ़/अटल हिन्द ब्यूरो
हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को मंगलवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. 22 साल पुराने डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह मर्डर केस (Ranjeet Singh Murder Case) में दोषी करार राम रहीम की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया.
सीबीआई कोर्ट ने इस मामले राम रहीम सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया था. लेकिन अब हाईकोर्ट ने सीबीआई अदालत के इस फैसले को खारिज कर दिया.पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया.
हाईकोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट की तरफ से 4 साल पहले दिए गए फैसले को पलट दिया.गौरतलब है कि पहले इस मामले की जांच पुलिस ने की थी. लेकिन पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. बाद में मामला सीबीआई को सौंपा गया था और फिर अक्तूबर 2021 में डेरा मुखी सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था. इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे.
हालांकि, शुरूआत में इस मामले में आरोपियों की लिस्ट में राम हीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई. फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया.हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की जांच में बहुत सारी कमियां मिली हैं.
सीबीआई वारदात में इस्तेमाल हथियार और कार को बरामद नहीं कर सकी है. वहीं, सीबीआई ने हत्या में 455 बोर पिस्टल का इस्तेमाल का दावा किया था, वो वो पिस्टल साल 1999 में मोगा पुलिस को सपुर्द कर दी गई थी. हत्याकांड के दो गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंदर सिंह के बयानों में भी काफी अंतर पाया गया है. उधर, मृतक रणजीत सिंह के पिता जोगिंदर सिंह ने पहले हत्या को लेकर गांव के सरपंच पर आरोप लगाए थे. जिस हथियार से रणजीत सिंह की हत्या करने के आरोप लगाए थे, वो मोगा पुलिस कस्टडी में जमा था.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) के लिए राहत की खबर है. डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड (Ranjeet Murder Case) मामले में डेरा मुखी को हाईकोर्ट (High Court) से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को रद्द कर दिया है. इस मामले में डेरा मुखी सहित 5 दोषियों को बरी किया.
दरअसल, 10 जुलाई 2002 का यह मामला है. Gurmeet RAM RAHIM डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी.
उसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था और फिलहाल, अक्तूबर 2021 में डेरा मुखी सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था रामरहीम फिलहाल, जेल में बंद है और पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में उसे सजा हुई है.इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से सजा रद्द करने के बाद भी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह जेल में ही रहेगा. क्योंकि दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसे वह काट रहा है. राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने इन मामलों में दोषी करार दिया था.
फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे परिजन,
कुरुक्षेत्र. डेरा सच्चा सौदा के पूर्व सदस्य और मैनेजर रहे रणजीत मर्डर केस (Ranjeet Murder Case) में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) सहित अन्य पांच दोषियों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. हाईकोर्ट (High Court) के इस फैसले के बाद अब रणजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने प्रतिक्रिया दी है. राम रहीम के बरी होने पर प्रभदयाल ने कहा कि कहां कि अब हम सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे और मरते दम तक लड़ाई हमारी जारी रहेगी.
प्रभदयाल ने कहा कि सीबीआई ने हमें न्याय दिलाया था. लेकिन हाईकोर्ट में फैसला हमारे अनुसार नहीं आया है. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.राम रहीम फिलहाल, जेल में बंद है और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और दो साध्वियों के दुष्कर्म के मामले में उसे सजा हुई है.
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