पोल्ट्री फार्म व्यवसाय पर लॉक डाऊन का असर, हजारों चूजे भूखे मरने की कगार पर
ग्राम पंचायत नैना ने डीसी को पत्र लिखकर की फ़ीड उपलब्ध करवाने की मांग
कैथल, 27 मार्च (कृष्ण प्रजापति): लॉक डाउन की स्थिति में कैथल जिले का पोल्ट्री फार्म बिजनेस खत्म होने की कगार पर आ गया है। समस्या को देखते हुए नैना गांव सहित आसपास के इलाके में काफी किसानों द्वारा पोल्ट्री फार्म लघु उद्योग को अपनाए जाने के चलते और चीजों के मरने की नौबत को भांपते हुए ग्राम पंचायत नैना ने कैथल जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर चूजों के लिए फ़ीड उपलब्ध करवाए जाने की मांग की है। करोना महामारी के बीच में मुर्गों के मरने के बाद होने वाली दूसरी महामारी को फैलने से रोकने की गुहार भी लगाई है। डीसी को लिखे पत्र में ग्राम पंचायत नैना की सरपंच सुमन देवी, सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र व राजीव नैन सहित अन्य पंचायत सदस्यों ने बताया कि आम जनमानस द्वारा पहले ही व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम अंडे व मीट ना खाने के ज्ञान बांटने के बाद पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की कीमत में वैसे ही कमी आ गई थी। लॉक डाउन के बाद पैदा हुई स्थिति में पोल्ट्री फार्म उद्योग से जुड़े व्यवसायियों की कमर तोड़कर रख दी है। इंटर स्टेट ट्रांसपोर्टेशन स्थगित होने के कारण 3 दिन से पोल्ट्री फीड नहीं आ पा रहा जिसकी वजह से मुर्गे भूखे मरने को मजबूर हो रहे हैं साथ ही अंडे भी दूसरे राज्य में सप्लाई के लिए नहीं जा पा रहे, जिसकी वजह से पोल्ट्री फॉर्म में लाखों की संख्या में अंडे जमा हो गए हैं यदि अंडों को कोल्ड स्टोरेज तक नहीं पहुंचाया गया तो सड़ जाएंगे।
बॉक्स– भूख से मर जाएंगे मुर्गे
पोल्ट्री उद्योग से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि एक दो दिन तक यदि मुर्गे भूखे रहे तो मर जाएंगे और जिसकी वजह से महामारी फैल सकती है। कुछ व्यवसाई सड़े अंडों को गड्ढे खोदकर जमीन में दबा रहे हैं तो कुछ जिंदा मुर्गों को ही जमीन में दबाने को मजबूर हैं। पोल्ट्री से जुड़े व्यवसाइयों का कहना है कि यदि मुर्गे मरने शुरू हो गए तो कैथल जिले के लिए नई समस्या शुरू हो जाएगी।पोल्ट्री उद्योग से जुड़े व्यवसायियों ने कैथल जिला उपायुक्त से पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है।