हरियाणा में सर्विस वोटर बीजेपी से नाराज:बैलट पेपर में खट्टर भी हारे, 6 सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले; नाराजगी की 2 वजहें
चंडीगढ़ ,07 जून(अटल हिन्द ब्यूरो )
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना बीजेपी को लोकसभा चुनाव में करना पड़ा। 10 लोकसभा सीटों में सिर्फ 4 ही सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा सर्विस वोट मिले। 6 सीटों पर सर्विस वोटरों की पहली पसंद कांग्रेस रही।ओ पी एस के साथ खट्टर के कर्मचारी विरोधी बयान का हुआ खेल,विधानसभा में न हो खेला इसके लिए सरकार को अभी से कर्मचारियों को खुश रखने की सोच बनानी होगी।भीतर खाते देखे तो किसान से ज्यादा कर्मचारी चुनाव में सीधे रोल रखते है।
कर्मचारियों से सीधे पंगे का असर पूर्व में मुख्यमंत्री रहे चौधरी बंसीलाल अच्छे से इसके रिजल्ट देख चुके ही है अबकी बार खट्टर साहब की कर्मचारी,अधिकारी विरोधी भाषा के परिणाम चुनावो में भाजपा को देखने ही पड़े। मगर जानकारों का मत है कि विधानसभा चुनाव में सरकार को कर्मचारी विरोध भारी पड़ सकता है।
अंबाला, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक और सिरसा लोकसभा में सर्विस वोट यानी पोस्टल बैलट से मतदान में भाजपा पिछड़ गई। पूर्व सीएम मनोहर लाल की करनाल और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को जहां सर्विस वोट कम पड़े हैं, उन सीटों पर भाजपा को हार मिली है। सबसे ज्यादा सर्विस वोट भाजपा को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर मिले हैं।
हरियाणा में 1 लाख 11 हजार 143 सर्विस वोटर हैं। कांग्रेस की बात करें तो रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा, सिरसा में कुमारी सैलजा, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला में वरुण चौधरी, हिसार में जयप्रकाश और करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा को सबसे ज्यादा सर्विस वोट मिले।
अंबाला से बंतो कटारिया, हिसार से रणजीत सिंह, करनाल से मनोहर लाल, सोनीपत से मोहन लाल बड़ौली, रोहतक से अरविंद शर्मा, सिरसा से डॉ. अशोक तंवर को कम सर्विस वोट मिले।
सरकार से इसलिए नाराज थे कर्मचारी
1. ओल्ड पेंशन स्कीम : सरकारी कर्मचारी लगातार हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की मांग कर रहे हैं। लगातार हरियाणा सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती रही। इस कारण कर्मचारी लगातार नाराज चल रहे थे। सरकार के खिलाफ कर्मचारी कई बार बड़े प्रदर्शन कर चुके हैं। मगर सरकार ने एक नहीं सुनी।
2. पक्की भर्ती : विभागों में रेगुलर भर्ती न करने और प्राइवेटाइजेशन के विरोध में सरकारी यूनियनें लगातार विरोध कर रही थीं। रोडवेज और एजुकेशन जैसे विभागों में सरकार प्राइवेट कर्मचारी रख रही थी, जिसका यूनियन लगातार विरोध कर रही हैं।
सीएम-पूर्व सीएम कर्मचारियों पर दे चुके बयान
सैनी बोले- ऐसे अफसरों की लिस्ट तलब की जाएगी:
हरियाणा लोकसभा चुनाव के बाद रिव्यू मीटिंग में चर्चा के बाद सीएम नायब सैनी ने कहा था- अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। जिन अफसरों ने चुनाव में अपनी मनमानी की है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। इस पर 4 जून के बाद फैसला होगा।
अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति को लेकर काम करना चाहिए। तीन महीने तक सरकार अपना पूरा काम करेगी। इस दौरान आमजन की जो भी दिक्कत परेशानी होगी, उसे सरकार प्राथमिकता के आधार पर दूर करेगी।
पूर्व सीएम ने कहा- 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा।
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