हरियाणा में दो करोड़ मतदाता आप और कांग्रेस में हो सकता है गठबंधन बीजेपी को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है करनी का फल
हरियाणा में कांग्रेस-आम आदमी पार्टी में गठबंधन की चर्चा; राहुल गांधी ने बात चलाई, आप ने कहा- हमारा समर्थन, पर फैसला केजरीवाल करेंगे
चंडीगढ़,3 सितंबर (राजकुमार अग्रवाल ):
हरियाणा बीजेपी के पूर्व जीरो लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर के काले कारनामों का डर हरियाणा बीजेपी को आगामी अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में सताने लगा है।बीते लोकसभा चुनाव में हरियाणा की जनता ने बीजेपी को इतना तो जता ही दिया था की ये हरियाणा की जनता है लाठी गोली से नहीं डरती।
हरियाणा की जनता के बीच इनेलों प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का डर हुआ करता था खासकर व्यापारी वर्ग में लेकिन ओपी चौटाला ने कभी आम जनता को परेशान नहीं किया और हमेशा आम जनता के बीच लोकप्रिय रहे लेकिन 2014 के बाद बीजेपी सत्ता में आने के बाद हरियाणा में बदलाव आया मनोहर लाल खट्टर जिन्हे कोई जनता तक नहीं था को बीजेपी ने हरियाणा की जनता पर तानाशाह बना कर मुख्यमंत्री बना 2016 में हरियाणा जलवाया ,जाट आंदोलन को भड़काया ,किसान आंदोलन में निःहथे लोगों पर लाठी ,गोलिया बरसा कर आम जनता पर अत्याचार किया।
जब तक मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री रहे हरियाणा की आम जनता ने तानाशाही शासन देखा यही नहीं बीजेपी के इस नेता ने डिजिटल हरियाणा के नाम पर बीजेपी को डिजिटल बनाया हरियाणा की जनता का पैसा लूट कर बीजेपी दफ्तरों को दिया। जबकि हरियाणा की जनता पर नए नए कागजी कानून ला कर उसे इतना उलझाया की कुछ सोचने लायक ही नहीं छोड़ा। जिसका जीता जगता प्रमाण मनोहर लाल खट्टर को हटा कर जिस किसान विरोधी नेता नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया उसने आते ही खट्टर के फैंसलों को बदलना पड़ा यानी बीजेपी ने जान बुझ कर हरियाणा की जनता को तानाशाह नेता दिया था ताकि जब से हरियाणा बना है तब से हरियाणा में बीजेपी को हराने का बदला लिया जा सके हुआ भी वही मनोहर ने मुख्यमंत्री रहते हरियाणा की जनता का खूब उत्पीड़न किया था ।
लोकसभा चुनाव के बाद अब हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस-आम आदमी पार्टी में गठबंधन की सुगबुगाहट देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि, राहुल गांधी ने खुद गठबंधन को लेकर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं के साथ बात चलाई है और उनसे इस बारे में राय मांगी है। हालांकि, इस बीच यह चर्चा है कि हरियाणा कांग्रेस के नेता बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने पर ज्यादा इच्छुक हैं। वह अनुमान लगा रहे हैं कि, बिना गठबंधन के भी हरियाणा चुनाव में कांग्रेस इस बार कमाल करेगी और एक अच्छी संख्या में सीटें जीतेगी। लेकिन गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी की तरफ से ही आना है।
आप ने कहा- हमारा समर्थन, पर फैसला केजरीवाल करेंगे
इधर, हरियाणा चुनाव में गठबंधन को लेकर राहुल गांधी के बयान का आम आदमी पार्टी ने स्वागत और समर्थन किया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी की तरफ गठबंधन होगा ही, अभी इसे लेकर कोई बात नहीं की गई है।दरअसल, मीडिया ने जब आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, “मैं राहुल गांधी के इस कथन का स्वागत और समर्थन करता हूं। निश्चित तौर पर बीजेपी को हराना हम सब की प्राथमिकता है। लेकिन इसके बारे में आधिकारिक रूप से हमारे हरियाणा के प्रभारी संदीप पाठक और प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता बातचीत करके गठबंधन पर फैसला लेने के लिए सूचना अरविंद केजरीवाल को देंगे और इसके बाद अरविंद केजरीवाल की सहमति से अंतिम फैसला लिया जाएगा।
संजय सिंह ने आगे कहा कि, इंडिया गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ था। उस राष्ट्रीय चुनाव में उनकी भूमिका थी। लेकिन हरियाणा चुनाव में वह भूमिका में नहीं हैं। पार्टी के नियम के मुताबिक, हरियाणा आप संगठन को गठबंधन को लेकर बातचीत करनी है और कोई फैसला लेकर आगे केजरीवाल को बताना है। इसके बाद गठबंधन पर विचार करके कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।
हमारी सभी 90 सीटों पर पूरी तैयारी- सुशील गुप्ता
वही आप हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशानुसार हम सभी 90 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं और चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरने को तैयार हैं। हर विधानसभा में लगातार हमारी बैठकें हो रही हैं, हम लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हम अगले 15 दिनों में 40 और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। गुप्ता ने कहा कि, आम आदमी पार्टी बहुमत की सरकार बनाने के लिए, व्यवस्था परिवर्तन के लिए, भाजपा की अहंकारी और तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संघर्ष कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सुशील गुप्ता ने कहा कि यह फैसला हाईकमान करेगा।
हरियाणा कांग्रेस के 34 उम्मीदवार तय
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को लेकर बैठकों का दौर जारी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों में उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर गहरा मंथन चल रहा है। बीते कल ही दिल्ली में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई है। बैठक में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया, हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य नेता मौजूद रहे।
वहीं बैठक में उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई। बैठक खत्म होने के बाद प्रभारी दीपक बाबरिया ने बताया कि, बैठक में हरियाणा की 49 सीटों पर उम्मीदवारों की चर्चा हुई है। जिनमें से 34 उम्मीदवारों पर फैसला हो चुका है। अन्य 15 सीटों पर उम्मीदवारों को समीक्षा के लिए भेजा गया है। बावरिया ने जानकारी दी कि, 34 में से 22 मौजूदा विधायक हैं. जिन्हें टिकट मिल रही है। बता दें कि, दिल्ली में आज शाम भी कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। जिसमें 41 उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी विनेश फोगाट
हरियाणा चुनाव में महिला पहलवान विनेश फोगाट के मैदान में उतरने की चर्चा है। माना जा रहा है कि, विनेश, कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। इस बारे में कांग्रेस का भी बयान सामने आया है। कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव से जब पूछा गया कि, क्या विनेश, कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहीं हैं तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, विनेश फोगाट बताएंगी कि वह चुनाव लड़ने को तैयार हैं या नहीं। अभी उनके नाम पर चर्चा नहीं हुई है। वहीं विनेश के बारे में प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि, हम जल्द विनेश फोगाट के बारे में स्पष्टीकरण देंगे। हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची दो दिनों के भीतर जारी कर दी जाएगी।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शेड्यूल बदला
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 के शेड्यूल में बदलाव किया गया है। इलेक्शन कमीशन ने नया शेड्यूल जारी किया है। जहां नए शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी थी और 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया जाना था।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानी हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है।
वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी
गौरतलब है की 2014 में हरियाणा की जनता ने बीजेपी को सर माथे बैठाया ,2019 में कंधे पर उतारा लेकिन अब 2024 में फिर से फर्श पर लाने यानी बीजेपी को उसकी औकात याद दिलाना जरुरी हो गया और हरियाणा की जनता बदलाव लाने को कितनी तैयार है इसका परिणाम अगले महीने अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सबके सामने आ जाएगा।
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