टॉप 4 मंत्रालय में कोई परिवर्तन नहीं, शिवराज को कृषि, कद्दावर हुए मनोहर लाल को ऊर्जा
चंडीगढ़ ,10 जून (अटल हिन्द ब्यूरो )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई टीम में नए चेहरों और अनुभव दोनों को महत्व दिया है। शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल, सर्बानंद सोनोवाल, एचडी कुमारस्वामी और जीतन राम मांझी को कैबिनेट में जगह दी गई है। ये सभी पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इन अनुभवी नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल करने की वजह यह है कि इनके आने से मंत्रालयों के काम में तेजी आएगी। सीएम के रूप में शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल के पास एक लंबा अनुभव भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं।
मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक सीएम बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय बीजेपी के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए।
बीजेपी ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का सीएम बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत कई अनुभवी नेताओं को मोदी के मंत्रिपरिषद में जगह मिली है। मंत्रिपरिषद के माध्यम से मोदी सरकार ने क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन भी बैठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई टीम अनुभव से भरी है। वहीं 33 नए चेहरों को भी मौका दिया गया है।
मोदी की सोशल इंजीनियरिंग
मोदी सरकार ने मंत्रिपरिषद के गठन में हर समुदाय का ध्यान रखा है। सबसे अधिक 47 मंत्री ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग से बनाए गए हैं। 27 मंत्री ओबीसी, 10 एससी, पांच एसटी और पांच अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं।
अनुभव से भरी मोदी की नई टीम
मोदी की नई टीम में शामिल 43 मंत्री तीन या इससे अधिक बार सांसद रह चुके हैं। 39 मंत्रियों के पास पहले से ही केंद्रीय मंत्री के रूप में काम करने का अनुभव है। मोदी 3.0 में अनुभवी नेताओं की कमी नहीं है। 71 में से 23 चेहरे पहले भी राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। 34 के पास विधानसभा का अनुभव भी है। पीएम मोदी ने सहयोगी दलों के 11 सांसदों को भी मंत्री बनाया है।This is why Narendra Modi made Manohar Lal and Shivraj ministers,
सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले मंत्री
अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीआर पाटिल ऐसे नवनियुक्त कैबिनेट मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में बड़े वोटों के अंतर से जीत हासिल की। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा से 8.21 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की।अमित शाह गांधीनगर से 7.44 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीते। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के गुना से 5.40 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। वहीं, गुजरात के नवसारी से भाजपा के सीआर पाटिल ने 7.73 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
टॉप 4 मंत्रालय में कोई परिवर्तन नहीं, शिवराज को कृषि, मनोहर लाल को ऊर्जा; किसे मिला कौन सा मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई सरकार के 71 मंत्रियों के साथ शपथ ली । इनमें से तीस को कैबिनेट मंत्री पांच को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 को राज्य मंत्री बनाया गया। मंत्रियों और उन्हें आवंटित विभागों की पूरी सूची जारी कर दी गई है । बता दें कि पहली कैबिनेट बैठक दिल्ली में आयोजित की गई है।
हरियाणा को बड़ी चौधर;
करनाल को 25 साल बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह:आजादी के बाद यह दूसरा मौका, 1999 में आई डी स्वामी बने थे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हरियाणा की करनाल लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मंत्री बनने वाले दूसरे सांसद हैं। उनसे पहले आईडी स्वामी को 1999 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया था। इतिहास के पन्नों को पलटें तो आजादी से लेकर आज तक करनाल लोकसभा को सिर्फ दो मंत्री पद मिले हैं।
आज एक बार फिर करनाल लोकसभा का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। स्पीकर द्रौपदी मुर्मू ने मनोहर लाल को 8वें नंबर पर कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई है। मनोहर लाल एक ताकतवर मंत्री बन चुके हैं और अब करनाल की जनता की निगाहें इस पर टिकी हैं कि वे करनाल के लिए क्या तोहफा लेकर आते हैं।
25 साल बाद करनाल को मिला कैबिनेट मंत्री
दिवंगत आईडी स्वामी के बाद अब 25 साल बाद करनाल लोकसभा को सौभाग्य मिला है और लोकसभा को कैबिनेट मंत्री मिला है। चूंकि आईडी स्वामी का जिक्र हो चुका है तो सबसे पहले उनके बारे में जान लेते हैं। आईडी स्वामी का पूरा नाम ईश्वर दयाल स्वामी है।
सीएम रहते हुए करनाल को दिए कई बड़े प्रोजेक्ट
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आज मनोहर लाल केंद्रीय मंत्री बने है। अब लोगों की उम्मीदे उनसे ओर भी ज्यादा बढ़ चुकी है, क्योंकि सीएम रहते हुए उन्होंने करनाल में हजारों करोड़ के विकास कार्य करवाए। सबसे बड़े प्रोजेक्टों की बात की जाए तो उसमें महाराणा प्रताप बागवानी यूनिवर्सिटी और कुटेल मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम आता है। कुटेल मेडिकल यूनिवर्सिटी सबसे बड़े प्रोजेक्टों में शामिल है और इस पर 2250 करोड़ रुपए खर्च होने है।
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करनाल में ही कुटेल के पास से रिंग रोड निकल रहा है, जिस पर 1750 करोड़ खर्च होने है। जिससे ट्रेफिक लोड कम होगा। इसके अलावा पश्चिमी बाइपास, रेलवे पुल रामनगर, ऊंचा समाना फ्लाईओवर और कर्णलेक के पास पश्चिमी यमुना नहर पर सिक्स लेन फ्लाईओवर, जीटी रोड पर ऊंचा समाणा फ्लाईओवर और कर्णलेक के पास पश्चिमी यमुना नहर पर सिक्स लेन फ्लाईओवर, करनाल से यमुना तक फोरलेन सड़क, करनाल से कैथल फोरलेन, करनाल से असंध फोरलेन सड़क सहित हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए।
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करनाल को मिला दूसरा मौका
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आईडी स्वामी के बाद अब मनोहर लाल के रूप में करनाल वासियों के लिए एक सुनहरा मौका सामने आया है। ऐसे में लोगों की भी अपेक्षाएं बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। जब सीएम रहते हुए मनोहर लाल मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे प्रोजेक्ट लेकर आ गए थे, अब तो वे कैबिनेट में एक पावरफुल मंत्री है और वह भी प्रधानमंत्री के चेहते। ऐसे में तो करनाल की काया कल्प ही पलट सकती है।
फिलहाल सारी धाराओं और मिथको को तोड़कर मनोहर लाल कैबिनेट मंत्री बन चुके है, अब देखने वाली बात यह है कि जो 25 साल के बाद करनाल के पास यह मौका आया है तो करनाल लोकसभा क्षेत्र में मनोहर लाल क्या कुछ कमाल करके दिखाते है, क्योंकि पूर्व सांसद संजय भाटिया के कार्यों से लोकसभा की जनता नाखुश नजर आई थी और खट्टर से भी लोग नाराज थे, क्या अब कैबिनेट मंत्री के रूप में खट्टर लोगों की नाराजगी को दूर कर पाएंगे, वह समय के गर्भ में है।
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मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
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भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में बीजेपी में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया।प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को पीएम मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है।
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5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे मनोहर लाल खट्टर
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरबंस लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे।हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे।
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दिल्ली का दुकानदार, पहले सीएम बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह आरएसएस से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए।भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और एमएलए बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैर जाट नेता को सीएम की कुर्सी मिली थी।
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परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में सीएम की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया।
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3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए।
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2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं।
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