चंडीगढ़. हरियाणा में लोकसभा चुनाव(Lok Sabha elections in Haryana) के लिए दस सीटों पर 25 मई को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में वोटिंग में दस दिन बचे हैं और ऐसे में यहां पर प्रचार जोर पकड़ रहा है. भाजपा अब जहां अपने कद्दावर नेताओं को प्रदेश में रैलियां करवाने की तैयारी कर रही है. वहीं, भाजपा और जेजेपी के लिए प्रचार के दौरान चुनौतियां भी आ रही हैं. जेजेपी और भाजपा प्रत्याशियों को लगातार लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
हरियाणा भाजपा को हरियाणा के सबसे नाकाम और अलोकप्रिय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर सरकार के जान विरोधी फैंसलों का भुगतान कर पड़ रहा है। यही नहीं बीजेपी की सहयोगी रही जेजेपी को भी जबस्दस्त विरोध का सामना हरियाणा के आम जनता के बीच करना पड़ रहा है। यानी हरियाणा की जनता ने जिन दो पार्टियों को हरियाणा की सरकार चलाने का मौका दिया था वे हरियाणा की जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उत्तरी इसलिए बीजेपी के मुख्यंमंत्री मनोहर लाल खटटर खुद तो डूबे ही साथ में अपनी पार्टी बीजेपी और सहयोगी पार्टी जेजेपी को भी जनता के बीच जाने लायक नहीं छोड़ा। जिसके चलते मनोहर लाल खटटर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया और अब बीजेपी ने उन्हें करनाल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है और मनोहर लाल खटटर जहाँ भी प्रचार के लिए जाते है जनता के विरोध का सामना करते है। Not only did Manohar Lal Khattar drown, he also did not leave his party BJP and ally JJP in a position to be known among the publi
जानकारी के अनुसार, भाजपा और जेजेपी नेताओं को पानीपत, सिरसा, सहित कई जगहों पर लोगों ने काले झंडे दिखाए हैं. अहम बात है कि करनाल से भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर के अलावा हिसार से पार्टी के उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला को कई बार विरोध का सामना करना पड़ा है. सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर, अंबाला से बंतो कटारिया, सोनीपत से मोहन लाल बडोली, रोहतक से अरविंद शर्मा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मवीर सिंह और कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल को भी कई बार अपने कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा है. भाजपा से सरकार में रही जेजेपी के नेताओं को भी विरोध हो रहा है. सोनीपत से भाजपा उम्मीदवार मोहन लाल बडोली को भी किसानों का विरोध का सामना करना पड़ा था.
मंगलवार को भी हुआ विरोध
कैथल के गुहला चीका में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल का भी मंगलवार को किसानों ने विरोध किया. किसानों ने कार्यक्रम में जमकर नारेबाजी की और काले झंडे भी लहराए और बाद में किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने विरोध कर रहे किसानों को हिरासत में ले लिया. डीएसपी कुलदीप बेनीवाल ने बताया कि किसानों को डिटेन किया गया है. किसान रैली स्थल की तरफ बढ़ रहे थे जिन्हें रोका गया, लेकिन वो नहीं रुके और बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार गुहला मनजीत मलिक के आदेशों पर किसानों को डिटेन किया गया है.Manohar Lal of Haryana BJP
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कौन कर रहे विरोध
दरअसल, 13 फरवरी को किसान आंदोलन शुरू हुआ था. इस बार किसान हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर बैठे थे. क्योंकि इन्हें दिल्ली जाने से हरियाणा पुलिस ने रोक दिया था. क्योंकि इस दौरान हरियाणा में भाजपा और जेजेपी की सरकार थी और अब पूर्व सीएम मनोहर लाल और जेजेपी के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उधर, चुनाव आयोग ने भी किसानों से अपील की है कि वह चुनाव प्रचार में बाधा ना बनें. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला है.
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