भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियों से एक दर्जन महिला दावेदार
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सबसे अधिक कांग्रेस पार्टी के 42 दावेदारों में से 8 महिला दावेदार
दोनों पार्टियों के पुरुष दावेदार उम्मीदवार भी फील्ड में हो चुके सक्रिय
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फतह सिंह उजाला
पटौदी । महिलाओं को राजनीति में आरक्षण देने की बात और दावे अक्सर पॉलिटिकल पार्टियों और नेताओं के द्वारा किए जाते आ रहे हैं । 33 प्रतिशत महिला आरक्षण का मामला राजनीतिक गलीयारों में चर्चा का विषय बना ही रहता है । यह बात अलग है कि पंचायती राज व्यवस्था में हरियाणा राज्य में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण उपलब्ध करवाया गया है । लेकिन बड़ा सवाल महिला आरक्षण को लेकर राज्य विधानसभा और लोकसभा के लिए अभी भी राजनीतिक पार्टियों नेताओं के लिए पहेली बना हुआ है।
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लोकसभा चुनाव में चुनाव परिणाम को देखते हुए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र पटौदी में 2024 विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी संख्या में महिला दावेदार के द्वारा अपनी दावेदारी मजबूती के साथ प्रस्तुत की गई है। यह बात भी बेहद रोचक है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को मिलाकर अभी तक एक दर्जन महिला दावेदार चुनाव के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर चुकी है। इन महिला दावेदारों में आठ टिकट की दावेदार महिला उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी से ही है । जबकि कुल 42 टिकट के दावेदारों के द्वारा कांग्रेस पार्टी की टिकट के लिए आवेदन किया गया है । दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की टिकट के लिए अभी तक चार महिला दावेदारों के नाम सामने आए हैं।
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पटौदी सहित जिला गुरुग्राम की राजनीति पर ध्यान दिया जाए तो हरियाणा बनने के बाद अभी तक पटौदी विधानसभा क्षेत्र से ही एकमात्र महिला उम्मीदवार 2014 में चुनाव जीत कर जिला की पहली विधायक बनी है । विधानसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों की टिकट पर महिला उम्मीदवारों के द्वारा चुनाव लड़े जा चुके हैं । लेकिन विधायक बनने का सौभाग्य पटौदी विधानसभा क्षेत्र से विमला चौधरी को ही प्राप्त हुआ है । यह बात अलग है कि गुरुग्राम नगर निगम में मेयर और डिप्टी सीनियर मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर भी तीन महिला चुनी जा चुकी है । जिला परिषद अध्यक्ष, पंचायत समिति अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर भी महिलाओं का दबदबा बना रहा है। बदलते राजनीतिक माहौल और अपने अपने पक्ष में जनमानस का रुझान होने का दावा कर रही पॉलिटिकल पार्टियों के सामने टिकट की दावेदार महिला उम्मीदवारों के द्वारा कहीं ना कहीं टेंशन पैदा कर दी गई है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की टिकट के लिए पुरुष दावेदारों के द्वारा भी अपना जनसंपर्क अभियान आरंभ किया जा चुका है । इसी कड़ी में महिला दावेदारों के द्वारा भी गांव-गांव में अपने ही अंदाज में ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्यक्रम आरंभ किया गया है । बड़ा सवाल यह है कि क्या जिस पार्टी की चुनाव के लिए टिकट मांगी जा रही है, वह पार्टी और उसके नेता भी आकर्षित हो सकेंगे ? चुनाव में टिकट देने का पॉलिटिकल पार्टियों और चुनाव कमेटी अथवा समिति का अपना ही अलग एक पैमाना रहा है । इसी पैमाने पर खरा उतरने वाले पुरुष या फिर महिला दावेदार को ही पॉलिटिकल पार्टियों अपना उम्मीदवार बनाने को प्राथमिकता प्रदान करती आ रही है। 5 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। अब यह देखना रोचक रहेगा की भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी महिला अथवा पुरुष किस पर अधिक भरोसा करते हुए अपना उम्मीदवार बनाकर जनता के बीच भेजने का काम करेगी।
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