बिलासपुर फ्लाई ओवर मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर महापंचायत
भाजपा नेताओं के द्वारा अपने वरिष्ठ नेता वह पार्टी का नाम लेना पड़ा भारी
भाजपा के ही स्थानीय विधायक का नहीं पहुंचाना भी बन गया चर्चा
फतह सिंह उजाला
पटौदी । लोकसभा चुनाव के बाद और विधानसभा चुनाव से पहले बिलासपुर फ्लाई ओवर मुद्दे को लेकर संपन्न महापंचायत के मंच से निकली बात निश्चित रूप से दूर तलक जाएगी। जिस प्रकार से महापंचायत के मंच से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आईना दिखाया गया। उसे देखते हुए यह बात कहने में कोई झिझक नहीं है कि महापंचायत का मिजाज कहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का हाजमा ही न बिगाड़ दे ? इतना ही नहीं महापंचायत से एक दिन पहले ही बिलासपुर फ्लाई ओवर तथा बिलासपुर गांव में भरे हुए पानी और ढाणी लाल सिंह के बदहाल रास्ते की समस्या के समाधान के लिए हरियाणा के सीएम नायब सैनी के द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिलवाने के दावेदार स्थानीय विधायक और भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सत्य प्रकाश के द्वारा भी महापंचायत से दूरी बनाए रखना राजनीतिक गलियारों में लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
108 गांव की इस महापंचायत में सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष कांग्रेस के साथ-साथ अन्य पॉलिटिकल पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता भी अपनी हाजिरी लगाते हुए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समस्या के समाधान को समर्थन देने के लिए पहुंचे । मंच से अधिकांश पॉलिटिकल पीपल्स के द्वारा केवल और केवल बिलासपुर चौक पर जाम के कारण गंभीर होती जा रही समस्या की निंदा करते हुए इसके समाधान के पक्ष में ही आवाज उठाई। दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर मानेसर और धारूहेड़ा के बीच औद्योगिक गांव बिनौला के नजदीक बिलासपुर चौराहे को सबसे अधिक व्यस्त चौराहा कहा जा रहा है । यहां ओवर ब्रिज को बनाने के लिए मुख्य सड़क मार्ग दोनों दिशाओं में बंद करके बराबर में सर्विस रोड बनाया गया, यही सर्विस रोड बदहाली के कारण जी का जंजाल बन चुका है।
एक दिन पहले ही संपन्न महापंचायत के मंच पर जैसे ही भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेहद नजदीकी पूर्व विधायक विमला चौधरी के द्वारा नेताजी का नाम लेकर उनके पास चलकर समस्या के समाधान की वकालत की। इस समय महापंचायत में मौजूद लोगों का पारा भी गर्म हो गया। लोगों ने साफ-साफ कह सुनाया कई बार नेता जी के पास समस्या के समाधान के लिए जाने पर आश्वासन दिया गया । अब ऐसे झूठे आश्वासन क्षेत्र की जनता को नहीं चाहिए ।
लोकसभा चुनाव में भी यह समस्या उनके सामने लाई गई । कुल मिलाकर निचोड़ यह निकला की 108 गांव की महापंचायत में मौजूद जनमानस को मोदी मंत्रिमंडल में तीसरी बार वजीर राव इंद्रजीत सिंह की गारंटी पर भी अब भरोसा नहीं रह गया ? इसी प्रकार से विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट की दावेदारी को लेकर पसीना बहा रहे पूर्व सरपंच लखन सिंह के द्वारा भी जब अपनी ही पार्टी के नेताओं से बात कर समस्या समाधान का दावा किया गया । तो लखन को भी महापंचायत के मंच पर ही आइना दिखा दिया गया। जिस प्रकार से सत्ताधारी भाजपा के पूर्व विधायक और विधायक बनने के दावेदार को महापंचायत मंच पर आईना दिखाया जाने की बात बिलासपुर के चारों तरफ दूर-दूर तक पहुंच कर अब भाजपा विरोधी लहर के बीच चर्चा का विषय बनती जा रही है । महा पंचायत के मंच से साफ-साफ कहा गया 8 सितंबर संडे तक समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो 8 सितंबर को 360 की महापंचायत दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के बीच टेंट लगाकर की जाएगी । इस महापंचायत में देश भर के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।
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