AtalHind
राष्ट्रीय

साइंस और टेक्नोलॉजी ने हमें अभिमानी बना दिया – डॉ पीबी शर्मा

साइंस और टेक्नोलॉजी ने हमें अभिमानी बना दिया – डॉ पीबी शर्मा
शांति के भाव में स्थित होने से ही मन शांति का अनुभव कर सकता
Advertisement
चांसलर डॉ.पीबी शर्मा ने कहा आध्यात्मिकता भारत की सबसे बड़ी शक्ति
Advertisement
आज पूरा विश्व भारत की आध्यात्मिक शिक्षा की ओर आकर्षित हो रहा
फतह सिंह उजाला
Advertisement
बोहड़ाकला / पटौदी । बेहतर जीवन के लिए आध्यात्मिक ज्ञान विषय पर ब्रह्माकुमारीज़ के गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। दादी प्रकाशमणी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में यूनिवर्सिटी, कॉलेज एवं स्कूल के रजिस्ट्रार, प्रिंसिपल, डीन, प्रोफेसर एवं लेक्चरर उपस्थित थे। सभा को सम्बोधित करते हुए एमिटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.पीबी शर्मा ने कहा कि आध्यात्मिकता भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। आज विश्व की स्थिति बड़ी चिंताजनक है। साइंस और टेक्नोलॉजी ने हमें अभिमानी बना दिया है। उन्होंने कहा कि ओम शांति के भाव में स्थित होने से ही मन शांति का अनुभव कर सकता है।
ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की आध्यात्मिक शिक्षा की ओर आकर्षित हो रहा है। ब्रह्माकुमारीज़ के आध्यात्मिक मूल्यों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ डिविनिटी में एक विषय के रूप में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि बिना आध्यात्मिकता के हम चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते। आध्यात्मिकता हमें देना सिखाती है। हम सबको मिलकर आध्यात्मिकता को शिक्षा की मूल धारा से जोड़ना है। दिल्ली, हरीनगर से राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने कहा कि बुराइयों के कारण मनुष्य का मन कमजोर हो गया है। आध्यात्मिकता संजीवनी बूटी का कार्य करती है। आध्यात्मिकता हमें सत्य से जोड़ती है। सत्यता में ही सच्ची सुख-शांति समाई है। वीएनआईटी, नागपुर के निदेशक डॉ. प्रेमलाल पटेल ने कहा कि आध्यात्मिकता भी एक पढ़ाई है। आध्यात्मिक ज्ञान को जीवन में उतारने के लिए योग जरूरी है। उन्होंने कहा कि वो 14 वर्षों से राजयोग का आभास कर रहे हैं।
Advertisement
Advertisement
एसजीटी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रो वाइस चांसलर डॉ. एसपी अग्रवाल ने कहा कि आध्यात्मिकता के बिना कोई भी शिक्षक सम्पूर्ण नहीं हो सकता। सबसे पहले शिक्षकों के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता है। आध्यात्मिकता से ही हम जीवन को बेहतर ढंग से संतुलित रख सकते हैं। एआईसीटीई के उप निदेशक डॉ. निखिल कांत ने कहा कि विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन विनाश का कारण बन रहा है। आध्यात्मिक ज्ञान की समझ ही मन को बदल सकती है। जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ. अनुराधा ने कहा कि आध्यात्मिकता से ही हमें समझ आता है कि हमारे लिए अच्छा क्या है। आध्यात्मिकता का पाठ हमें पहले खुद को सिखाना है।
Advertisement
आईएसटीई के एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी डॉ. एस.एम. अली ने कहा कि नई शिक्षा पद्धति में आध्यात्मिक प्रशिक्षण जरूरी है। टेक्नोलॉजी के साथ आध्यात्मिक ज्ञान आवश्यक है। इंसानियत है तो सब कुछ है। गुजरात से विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल बीके ममता ने ब्रह्माकुमारीज़ के शिक्षा प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं की विशेष जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था ने मूल्यपरक शिक्षा पर 40 से भी अधिक विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। जिनके अंतर्गत अनेक कोर्सेज सिखाए जाते हैं। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान एवं जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के मध्य 3 वर्ष के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। कार्यक्रम की शुरुआत में बीके सुदेश ने अपना स्वागत वक्तव्य दिया। बीके चांद ने मधुर गीत के द्वारा सबका स्वागत किया। बीके विजय ने योग के अभ्यास से सबको शांति की अनुभूति कराई।
Advertisement
Advertisement

Related posts

नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के राजस्व में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट

admin

बीते 20 सालों में हिंदुओं की तुलना में मुस्लिम आबादी घटीः रिपोर्ट

atalhind

हरियाणा में न तो पुस्तकें उपलब्ध और न ही छात्रों के खाते में पैसे आये

admin

Leave a Comment

URL