केंद्र ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई; Z+ सिक्योरिटी अब ए एस एल में तब्दील, आईबी की इस रिपोर्ट के बाद अचानक फैसला
दिल्ली ,28 अगस्त ((राजकुमार अग्रवाल ):
भारत की जनता बीजेपी प्रधानमंत्री के अनुसार 80 करोड़ 5 किलो महीने के राशन पर निर्भर है और बाकि बची 20 प्रतिशत जनता उसे भारत की बीजेपी सरकार ने धर्म और सम्प्रदायिकता में उलझा रखा है।
बीजेपी सरकार के खिलाफ अगर कोई आवाज उठाता है तोउस पर राज द्रोह या यूएपीए लगा दिया जाता है और न्याय मिलना में देरी या यूँ कहे भारत की अदालतों के जज अब जज नहीं बीजेपी समर्थक है जैसा की पिछले दिनों हुआ सेवानिवृत के बाद जजों के बीजेपी सदस्य बन कुछ जज सांसद बन गए कुछ बीजेपी आका के प्रिय अब भारत की जनता न्याय के लिए किस का दरवाजा खटखटाये।
2014 के बाद जब से केंद्र में बीजेपी सत्तारूढ़ हुई है भारत की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमा गई अब आरएसएस प्रमुख को ही ले लें यह वह संगठन है जिसका भारत में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है फिर भी बीजेपी सरकार संघ प्रमुख पर हजारों करोड़ सालाना खर्च कर रही है आखिर क्यों ?एक आदमी की सुरक्षा पर हजारों करोड़ खर्च करने की बजाये क्यों नहीं बीजेपी सरकार और सारा पैसा भारत की 80 प्रतिशत आबादी में बाँट देती और 5 किलो महीने राशन वाली लाइन से बाहर कर भारत की उन्नति के सहयोग करती।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief)की सुरक्षा बढ़ाई गई है। भागवत की सुरक्षा अब और मजबूत कर दी गई है। मोहन भागवत को पहले से ही Z+ सिक्योरिटी मिली हुई थी। लेकिन केंद्र ने भागवत की Z+ सिक्योरिटी अब ए एस एल में तब्दील कर दी है। जिसके बाद अब मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद सबसे तगड़े सुरक्षा घेरे में रहेंगे।
आईबी की इस रिपोर्ट के बाद अचानक फैसला
रिपोर्ट्स के अनुसार, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की थ्रेट रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाए जाने का फैसला लिया। आईबी ने अपनी रिपोर्ट में मोहन भागवत पर खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया था। मोहन भागवत को ए एस एल सिक्योरिटी मिलने के बाद अब उनकी सुरक्षा बेहद सख्त रहेगी। भागवत का सुरक्षा घेरा परिंदा भी नहीं तोड़ पाएगा।
मोहन भागवत को एस ए एल सिक्योरिटी मिलने के बाद क्या होगा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहन भागवत की सुरक्षा सीआईएसएफ जवानों के द्वारा की जाती है। मौजूदा समय में भागवत की सुरक्षा में 58 कमांडो क्लॉक वाइज तैनात रहते हैं। वहीं अब नई सिक्योरिटी के बाद सीआईएसएफ कमांडो भागवत के आसपास और ज्यादा एक्टिव हो जाएंगे साथ ही सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ जाएगी। अब सीआईएसएफ टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को जाना होगा।बताया जाता है कि, जिस शख्स को एस ए एल स्तर की सुरक्षा मिलती है उसकी सुरक्षा के संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी अनिवार्य हो जाती है। जानकारी के अनुसार, इसमें बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। इसके अलावा साथ ही चॉपर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती है। जिसके लिए अलग तरह का प्रोटोकॉल होता है।
कैसे तय होती है सिक्योरिटी की कैटेगरी?
भारत में विशेष सुरक्षा कैटेगरी में X,Y,Y+,Z और Z+ की सिक्योरिटी शामिल की गई है। खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरे को भांपने के बाद सिक्योरिटी की कैटेगरी तय की जाती है। यानि अगर खतरा बहुत बड़ा है तो फिर ऐसे में Z या Z+ की सिक्योरिटी दी जाती है। सुरक्षा की इन पांचों कैटेगरी में Z+ भारत में सर्वोच्च कैटेगरी की सिक्योरिटी है। इस सिक्योरिटी में किसी व्यक्ति को 10+ एनएसजी कमांडो + सीआईएसएफ़ और सीआरपीएफ़ व पुलिस कर्मियों सहित 50 से ज्यादा कर्मियों की सुरक्षा प्रदान की जाती है।
Z+ सुरक्षा में प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का विशेषज्ञ होता है और सुरक्षा परिष्कृत आधुनिक हथियारों और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस होता है। देश में X,Y,Y+,Z और Z+ की सिक्योरिटी पाने वालों में कई वीवीआईपी, वीआईपी, नेता, एक्टर, उद्धोगपति समेत तमाम दिग्गज हाई-प्रोफाइल हस्तियां शामिल हैं। एनएसजी और वीवीआईपी, वीआईपी, राजनेताओं, हाई-प्रोफाइल हस्तियों एनएसजी और सीआईएसएफ का इस्तेमाल केवल वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है। इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं।
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