भारतीय योग संस्थान श्री बनखंड महादेव जींद जिला इकाई द्वारा 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह
रोहतक रोड पर गुरु तेग बहादुर धर्मशाला में धूमधाम से मनाया गया
इस समारोह में प्रमुख समाजसेवी डा. राजकुमार गोयल ने
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मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की
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अटल हिन्द ब्यूरो /जींद
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भारतीय योग संस्थान श्री बनखंड महादेव (Shri Bankhand Mahadev)जींद जिला इकाई द्वारा 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Yoga Day)समारोह रोहतक रोड पर गुरु तेग बहादुर धर्मशाला में धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह में अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी डा. राजकुमार गोयल ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय योग संस्थान के प्रदेश सह प्रवक्ता धर्मबीर दलाल द्वारा की गई।
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इस अवसर पर जिला प्रधान वीरेन्द्र गोयल, ब्रह्माकुमारी सोनिया बहन, संरक्षक श्याम लाल गोयल, महिला जोन प्रधान कुसुम गुप्ता, महिला जोन मंत्री सुदेश, महासचिव नवीन गुप्ता, कोषाध्यक्ष बिच्छाराम जिंदल, संगठन मंत्री नवीन गर्ग, प्रेस प्रवक्ता सोमनाथ गोयल, अनीश, दीक्षित, लाजपत गोयल, ओम प्रकाश चौहान, सावर गर्ग, रमेश गोयल, सुशील सिंगला, जसवंत लाठर इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सफल मंच संचालन पुष्पा गोयल द्वारा किया गया।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि राजकुमार गोयल ने कहा कि योग से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। योग का नियमित अभ्यास हम सब के जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाता है इसलिए आज के दिन हम सबको यह प्रण लेना चाहिए कि हम सभी योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएँगे और स्वस्थ एवं सुखी जीवन की ओर कदम बढाएंेगे। गोयल ने कहा कि भारतीय योग संस्थान श्री बनखंड महादेव जीन्द जिला इकाई द्वारा आज जो सुंदर और भव्य समारोह का आयोजन किया गया है उसके लिए जीन्द जिला इकाई के अध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल व समस्त पदाधिकारी बधाई के पात्र है।
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गोयल ने कहा कि आज से करीब 57 साल पहले 10 अप्रैल 1967 को परम श्रद्धेय स्व. श्री प्रकाश लाल जी ने भारतीय योग संस्थान की स्थापना की। आज यह भारतीय योग संस्थान पूरे देश में एक वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है जिसकी टहनियां विभिन्न देशों तक पहुंच चुकी है। मैं नमन करता हुं ऐसी शख्सियत को जिन्होंने योग को अपना कर्म बनाया और जिनके आर्शिवाद से आज पूरे देश में 4000 से ज्यादा निशुल्क योग साधना चल रहे है। अनेकों देशों में भी भारतीय योग संस्थान के योग का डंका बज रहा है। अब उन्ही के पद चिन्हों पर चलते हुए वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष देशराज जी उस वट वृक्ष की एक एक टहनी को अपने पसीने से सीच रहे है।
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इस समारोह में करीबन 200 साधक साधिकाओं ने भाग लिया। इस समारोह के तहत दीप प्रवजलन, सरस्वती वंदना, वैदिक प्रार्थना, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शंख ध्वनि और शांति पाठ इत्यादि के कार्यक्रम हुए। साथ ही आसन, प्राणायाम, योगासन इत्यादि योगा भी करवाए गए। समारोह के अंत में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर वीरेन्द्र गोयल ने कहा कि योग एक प्राचीन अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई। अब योग ने अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के लिए दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है।
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योग हम सब की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है यही वजह है कि लोग इसे लगातार अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। इसे करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी बहुत सारे फायदे पहुंचते हैं। योग की इसी अहमियत को देखते हुए हर साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में भारतीय योग संस्थान द्वारा भी हर साल यह समारोह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
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इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष धर्मवीर दलाल और ब्रहमकुमार सोनिया बहन ने कहा कि पूरे देश में 21 जून को जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है इसकी शुरुआत करने वाला अपना देश ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। बड़ी खुशी की बात रही कि महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया उसके बाद यूनाइटेड नेशन में शामिल सभी 193 देशों के सदस्यों ने भी इसे स्वीकार किया और उसके बाद ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हर साल 21 जून के दिन अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाए जाने की घोषणा कर दी गई। तब से वर्ष 2015 से हर साल पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को दिल्ली से राजपथ पर मनाया गया जिसमें 35 हजार से ज्यादा लोगों ने और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बार यह 10वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में योग के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।
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इस मौके पर संरक्षक श्याम लाल, बिच्छा राम जिंदल, नवीन गुप्ता, नवीन गर्ग इत्यादि ने कहा कि जिस योग का हम जिक्र कर रहे है वह कलियुग में शुरू नहीं हुआ बल्कि प्राचीन काल से यहां फिर कहे ऋग्वेद काल से ही योग का जिक्र होता आया है। योग का पिता ‘पतंजलि’ को माना जाता है क्योंकि उन्होंने ही योग सूत्रों के माध्यम से इसे और अधिक सुलभ बनाया। इसके अलावा उन्होंने योग के जरिए लोगों को ठीक प्रकार से जीवन जीने की प्रेरणा दी। वास्तव में योग क्या है? सामान्य भाव में योग का अर्थ है जुडना। यानी दो तत्वों का मिलन योग कहलाता है। इस अवसर पर कुसुम गुप्ता, सुदेश इत्यादि ने कहा कि योग की पूर्णता इसी में है कि जीव भाव में पड़ा मनुष्य परमात्मा से जुड़कर अपने निजी आत्म स्वरूप में स्थापित हो जाए। योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हम मन, श्वास और शरीर के विभिन्न अंगों में सामंजस्य बनाना सीखते है।
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मंच संचालन कर रही पुष्पा गोयल ने कहा कि हमारा यह फर्ज बनता है हम जिस समाज में पैदा हुए उस समाज के लिए पॉजिटिव सोच रखे और समाज के भलाई के काम करे। समाज के काम चाहे किसी गरीब की सहायता करना है। रक्तदान शिविर का आयोजन करना है, पौधारोपण का कार्यक्रम करना है ऐसे दर्जनों काम पॉजिटिव सोच से जुडे है। योग भी कही ना कही पॉजिटिव सोच को दर्शाता है और मेरा यह मानना है जो कि भारतीय योग संस्थान की टीम निस्वार्थ भाव से जो हर रोज योग करवा रही है वह भी समाज की सबसे बडी सेवा है और इसके लिए मैं उनको सैल्यूट करती हुं।
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