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योगी आदित्यनाथ  ‘बजरंग बली’ की आरती करना शुरू करो, ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करो, बंदर कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा.’बोले तो शाबाश ,मोहम्मद जुबैर बोले तो गुन्हा 

योगी आदित्यनाथ  ‘बजरंग बली’ की आरती करना शुरू करो, ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करो, बंदर कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा.’बोले तो शाबाश ,मोहम्मद जुबैर बोले तो गुन्हा
जिस ट्वीट को ज़ुबैर की गिरफ़्तारी की वजह बताया गया है, वो 1983 की हिंदी फिल्म का दृश्य है
BY नाओमी बार्टन
नई दिल्ली: फैक्ट-चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने जिस ‘अपमानजनक’ हनीमून-टू-हनुमान होटल साइन बोर्ड का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया है, वह 1983 की एक हिंदी कॉमेडी फिल्म का है, जिसे नामी निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया था.

जुबैर को सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और 295 ((किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए किया गया जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
एएनआई के मुताबिक, पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वजह 2018 का एक ट्वीट बताया गया है, जिसमें जुबैर ने एक होटल साइनबोर्ड की तस्वीर साझा की थी
जुबैर का ट्वीट 24 मार्च 2018 का है और चार साल से अधिक समय से मौजूद है.
पुलिस ने सोमवार को यह भी कहा कि जांच के दौरान जुबैर का आचरण ‘संदिग्ध’ पाया गया, जिससे ‘इस मामले में साजिश को उजागर करने के लिए’ हिरासत में पूछताछ की जरूरत थी.
जिस ट्विटर हैंडल से इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई है, वह अक्टूबर 2021 में बना था और तब से इससे केवल एक बार ट्वीट किया गया है. वह ट्वीट 19 जून को जुबैर को निशाना बनाते हुए किया गया था.
ट्वीट में होटल के साइन बोर्ड की तस्वीर, जिसने दिल्ली पुलिस को जुबैर को गिरफ्तार करने प्रेरित किया, का इस्तेमाल 2018 में इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख की लीड तस्वीर बनाने में भी किया गया था, और धार्मिक रूप से आक्रोशित लोगों का उस पर कोई विशेष ध्यान नहीं गया.
वास्तव में, जैसा कि ट्विटर यूजर @SquareGas ने बताया, तस्वीर 1983 में हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘किसी से न कहना’ के एक दृश्य का स्क्रीनशॉट है, जिसे तत्कालीन सेंसर बोर्ड द्वारा विधिवत मंजूरी दी गई थी और तब से टेलीविजन पर असंख्य बार दिखाया जा चुका है.

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बीते कुछ समय से जुबैर उन्हें ‘हिंदूफोबिक’ के रूप में पेश करने वाले एक संगठित अभियान के निशाने पर रहे हैं. यह तब शुरू हुआ जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपदस्थ भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित बयान वाले वीडियो को पोस्ट किया.
इसके बाद नूपुर शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें मिल रहीं शारीरिक नुकसान पहुंचाने और जान से मारने की धमकियों के लिए जुबैर की रिपोर्टिंग जिम्मेदार है. इसके बाद #ArrestMohammedZubair हैशटैग राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेंड करने लगा और उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर उनके द्वारा हिंदुत्ववादी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला‘ बताने के कारण हुई थी.
हालांकि, अब उनके पुराने व्यंग्यात्मक ट्वीट्स को भी बिना किसी संदर्भ के फैलाया जा रहा है कि ताकि यह साबित किया जा सके कि जुबैर का इतिहास ऐसे ट्वीट करने का रहा है जो हिंदू धर्म का अपमान करते हैं.

 

 

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जिस ट्वीट के लिए जुबैर को अभी गिरफ्तार किया गया है, वह उनकी व्यंग्य श्रृंखला का एक हिस्सा है, जिसमें प्रत्येक का एक विशिष्ट संदर्भ है

 

 

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1. सितंबर 2018 में, जुबैर ने भाजपा के झंडे के बगल में एक छत पर बैठे बंदरों के एक जोड़े की तस्वीर पोस्ट की, जिसमें एक बंदर की पूंछ उस बैनर को ढंक रही थी जिसमें नरेंद्र मोदी का चेहरा था, उस पोस्ट का कैप्शन था, ‘बजरंग बली’ की आरती करना शुरू करो, ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करो, बंदर कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
ट्वीट को अब हिंदू भगवान हनुमान और भाजपा के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि उस समय योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए एक बयान पर कटाक्ष था.
यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘मैं यहां आया तो मुझसे कहा गया कि यहां पर बंदर बड़े परेशान कर रहे हैं. मैंने कहा ‘बजरंग बली’ की आरती करना शुरू करो, ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करो, बंदर कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1035765688756064256?s=20&t=EripmvFhm18G0J0cgSrkwA
जुबैर के ट्वीट में भी वही बात थी और उन्होंने उस टिप्पणी को मजाकिया लहजे में कहा था.
2. 2018 में जुबैर ने एक संपादित फोटो पोस्ट किया जिसका कैप्शन था, ‘संजय धृतराष्ट्र को महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध का फेसबुक लाइव वीडियो दिखाते हुए: बिपल्ब देब’
इस व्यंग्य का सीधा उद्देश्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधना था, जिन्होंने उसी दिन बयान दिया था कि महाभारत के समय भी इंटरनेट और सैटेलाइट तकनीक मौजूद थीं. उस समय अनेक लोगों ने इस पर मीम बनाए थे, जिन्हें यहां देखा जा सकता है.
3. अप्रैल 2018 में, संबित पात्रा ने एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘बलात्कार कानून से बचने के दो आसान तरीके: 1) किशोर बन जाओ, 2) धर्मांतरण कर लो, मेरा मतलब धर्मनिरपेक्ष बन जाओ’.. सुरक्षित बलात्कार करने की गाइड बुक.’
इस ट्वीट पर जुबैर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, ‘रामराज्य में बलात्कार कानून से बचने का आसान तरीका इसकी भगवान राम से तुलना करना है. जैसा के उन्नाव के भाजपा विधायक ने कहा, ‘मेरे ऊपर तो आरोप लगा है, आरोप तो भगवान राम पर भी लगा था.’
हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह ट्वीट भगवान राम का अपमान है, जबकि जुबैर ने केवल भाजपा विधायक का हवाला दिया था जो कि सामूहिक बलात्कार के मामले में आरोपी ठहराए गए थे. ( 2019 में विधायक को इस मामले में दोषी ठहराया गया.)
चार साल पुराने इस ट्वीट पर कार्रवाई के लिए, हिंदुत्ववादियों के अकाउंट से इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस को टैग किया गया था.
जुबैर के ऐसे और भी ट्वीट हैं जिनमें उन्होंने तत्कालीन घटनाक्रमों को लेकर कटाक्ष किया है, जिनका आशय हिंदू धर्म का अपमान करना नहीं था, लेकिन अब वर्षों बाद हिंदुत्ववादी बिना तत्कालीन संदर्भ दिए उन पोस्ट को जुबैर द्वारा हिंदू धर्म के अपमान से जोड़ रहे हैं.
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