AtalHind
टॉप न्यूज़पंजाब

Zirakpur News-जीरकपुर नगर कौंसिल  के अध्यक्ष के खिलाफ 21 पार्षदों ने किया अविश्वास प्रस्ताव पेश 

जीरकपुर नगर कौंसिल  के अध्यक्ष के खिलाफ 21 पार्षदों ने किया अविश्वास प्रस्ताव पेश
अविश्वास प्रस्ताव संबंधी नगर कौंसिल अध्यक्ष को कर दिया जाएगा सूचित : कार्यकारी अधिकारी
Advertisement
हमारे पास बहुमत सिद्ध करने के लिए पार्षदों की संख्या पूरी : उदयवीर सिंह ढिल्लों
Advertisement
अटल हिन्द ब्यूरो /रोहित गुप्ता
जीरकपुर 28,जून
Advertisement
 नगर कौंसिल जीरकपुर के पार्षदों में पिछले करीब एक हफ्ते से चल रही कशमकश आज उस समय सामने आ गई, जब काउंसिल के 21 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके यह अविश्वास प्रस्ताव आज नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को सौंप दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव पर जिन पार्षदों के हस्ताक्षर किए गए थे उनमें 8 पार्षद शिरोमणि अकाली दल के, आठ पार्षद आम आदमी पार्टी के, दो पार्षद भारतीय जनता पार्टी के तथा तीन पार्षद कांग्रेस पार्टी के है। यह तीन कांग्रेस के पार्षद वह है जिन्होंने पिछले करीब 2 वर्ष में तीन बार अपना पाला बदला है और मौका देखकर एक पार्टी से दूसरी पार्टी की तरफ चले जाते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों से पूछे जाने पर कि वह किस पार्टी का अध्यक्ष चूनेंगे तो उन्होंने कहा कि अब हमारा उद्देश्य सिर्फ कौंसिल अध्यक्ष को कुर्सी से उतरना है, कुर्सी हासिल करना नहीं। किसको समर्थन देंगे यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम ना तो किसी को समर्थन देंगे और ना ही अपना अध्यक्ष बनाएंगे। इस मौके बात करते हुए अकाली दल के पार्षद यादविंदर शर्मा ने कहा के नगर कौंसिल अध्यक्ष पर 120 करोड़ के घोटाले का आरोप है, इसके बारे में उन्होंने जांच करने की मांग रखी थी।
Advertisement
Advertisement
सरकार बदलने के बाद मौजूदा हलका विधायक कुलजीत सिंह रंधावा से इस संबंधी बात की थी और उन्होंने इस संबंधी लिखित रूप से देने को कहा था। इसके बाद तुरंत अकाली दाल के पार्षदों ने इस 120 करोड़ के घोटाले संबंधी जांच करने के लिए हलका विधायक कुलजीत रंधावा को एक पत्र दे दिया था। जिसके बाद उन्होंने भी कोई जांच नहीं करवाई और उसे ठंडे बस्ती में डाल दिया। उन्होंने कुलजीत रंधावा तथा नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर दिलों के बीच में सेटिंग की बात भी बोली है। उन्होंने आगे कहा कि शहर में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा, कोई स्ट्रीट लाइट नहीं चल रही, सड़क टूटी हुई है और जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, इसीलिए  शहर के रुके हुए विकास के कारण ही वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।
Advertisement
जीरकपुर नगर कौंसिल  के अध्यक्ष के खिलाफ 21 पार्षदों ने किया अविश्वास प्रस्ताव पेश , उदयवीर सिंह ढिल्लों बोले हमारे पास बहुमत
कोट्स :::
Advertisement
इस अविश्वास प्रस्ताव से हमें किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि हमारे पास बहुमत सिद्ध करने के लिए पार्षदों की संख्या पूरी है। दूसरी और नगर कौंसिल पहले की तरह बरकरार रहेगी और हम शहर में विकास कार्य पहले की तरह निरंतर जारी रखेंगे। 2 वर्ष पूर्व सरकार बदलने के बाद विकास कार्यों में बाधा डाली गई थी, इसके खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम शहर के विकास के प्रति वचनबद्ध है चाहे हमें पंजाब सरकार के साथ सीधी लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े, क्योंकि हमें जीरकपुर शहर के लोगों ने  बहुमत दिया था इसलिए हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
उदयवीर ढिल्लों, अध्यक्ष, नगर कौंसिल जीरकपुर
Advertisement
Advertisement
बॉक्स ::::
अगर किसी भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनता तो पार्षदों की खत्म होगी सारी शक्तियां :::::
Advertisement
यहां पर यह बात भी जिक्र योग्य है कि अगर मौजूदा अध्यक्ष अपना बहुमत सिद्ध करने में असफल रहता है और विरोधी पार्षद अगर किसी को भी अपना समर्थन नहीं देते और अपना अध्यक्ष घोषित नहीं करते तो इन हालातो में सरकार द्वारा नगर कौंसिल पर प्रशासक लगाया जा सकता है, जिससे नगर कौंसिल की सारी शक्तियां प्रशासक के पास होगी और पार्षदों की सारी शक्तियां खत्म हो जाएगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के चलते इस हल्का डेराबस्सी के विधायक भी आम आदमी पार्टी के हैं तो हलका विधायक के दोनों हाथों में लड्डू आने वाली बात हो जाएगी, क्योंकि अध्यक्ष की सीट खाली होने के बाद नगर कौंसिल में जो प्रशासक अथवा हलका विधायक चाहेंगे वही होगा और कोई भी पार्षद उसमें दखल नहीं दे सकेगा। जिससे शहर के पार्षदों को नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता ।
Advertisement
Advertisement
बॉक्स :::
पंजाब में सरकार बदलने के बाद भी की गई थी नगर कौंसिल को तोड़ने की कोशिश::::::
Advertisement
2022 के पंजाब विधान सभा चुनाव के तुरंत बाद भी नगर कौंसिल जीरकपुर को तोड़ने की कोशिश की गई थी और कांग्रेस के पार्षदों को तोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल किया गया था लेकिन कांग्रेस के पास अधिक संख्या में पार्षद होने के चलते यह कोशिश सिरे नहीं चढ़ सकी। लेकिन हल्के में लालरू तथा डेरा बस्सी की नगर कौंसिल को तोड़कर आम आदमी पार्टी ने अपना कब्जा कर लिया था। जीरकपुर के बहुत सारे काउंसलर सरकार बदलने के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे, जिनमें से कुछ पार्षद फिर से कांग्रेस में आ गए थे और कुछ बीजेपी में चले गए। कुछ पार्षदों द्वारा दो-तीन बार मौका देखते हुए पार्टियां बदलना निरंतर जारी रखा गया।
Advertisement
Advertisement

Related posts

MODI NEWS-कटाक्ष : पांच सौ भी पार क्यों नहीं?

editor

Ullu App की ये एक्ट्रेस लुवीना लोध बोल्डनेस में सोफिया अंसारी को कर देगी फेल,

editor

जाति जनगणना पर आरएसएस का यूटर्न, कहा- वह ख़िलाफ़ नहीं,

editor

Leave a Comment

URL