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Punjab News-जीरकपुर प्रधान की कुर्सी पर बैठे रहेंगे उदयवीर सिंह ढिल्लों 

 जीरकपुर की नगर कौंसिल तोड़ने पर लगा रहे हैं  जोर विरोधी धीर, 21 डाले हैं 51 करेंगे वापस : दीपेंद्र सिंह ढिल्लों
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अटल हिन्द ब्यूरो /रोहित गुप्ता
जीरकपुर 5,जुलाई
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 नगर परिषद के 21 पार्षदों द्वारा प्रधान उदयवीर ढिल्लों के खिलाफ आविश्वाश मता डाला था। जिसके बाद शुक्रवार को प्रधान उदयवीर द्वारा एक मीटिंग रखी गई थी जिसमें विरोधी पक्ष का कोई भी पार्षद नही पहुंचा। यह मीटिंग सवा 3 बजे परिषद प्रधान की मौजूदगी में रखी गई थी। जिस में 4 बजे तक कोई अधिकारी भी नही पहुंचा। लेकिन 4 बजे कार्यकारी अधिकारी के दफ्तर से मीटिंग को मुलत्वी करने का लेटर नगर परिषद प्रधान को सौंपा गया। जिसके जवाब में नगर परिषद प्रधान एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया के विरोधी पक्ष के पास दो तिहाई मैंबर पुरे ना होने के कारण यह मीटिंग सियासी दबाव के नीचे मुल्तावी की जा रही है, जिसे मुल्तावी करने का अधिकारी केवल प्रधान को है और यह मीटिंग सभी मानकों को पूरा करती है।
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करीब दो घंटे के इंतजार के बाद विरोधी पक्ष का कोई पार्षद व सरकारी अधिकारी नही पहुंचा जिसका मता डालकर परोसीडिंग डाल कर मता सरकार को भेज दिया गया है। बता दें की बीती 28 जून को आम आदमी पार्टी, अकालीदल व भाजपा से सबंधित 21 पार्षदों ने परिषद प्रधान के खिलाफ अविश्वाश मता पेश किया था। जिसके बाद कार्यकारी अधिकारी ने 14 दिनों के अंदर अंदर मीटिंग बुलाने का नोटिस नगर परिषद के प्रधान को भेजा था। जिसके चलते 5 जुलाई दिन शुक्रवार को प्रधान उदयवीर ढिल्लों द्वारा यह मीटिंग बुलाई गई थी।
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 मीटिंग में उदयवीर ढिल्लों के समर्थन में 8 से 10 पार्षद मौजूद थे। जबकि विरोधी पक्ष का कोई भी पार्षद मौजूद नही था। इस दौरान कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया द्वारा सुरक्षा प्रबंध ना होने का हवाला देकर मीटिंग पोस्टपोन कर दी गई है। मीटिंग के बाद उदयवीर ढिल्लों के पिता व कांग्रसी नेता दीपइंदर ढिल्लों ने कहा की आज सच की जीत हुई है। जबकि विरोधी पक्ष ने उनके पार्षदो को डराया धमकाया जा रहा है। उनके परिवारिक लोगों को थाने में बिठाकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा के विरोधियों के पास 21 मैंबर पुरे नही हुए है इस लिए वह नही आए है। सच की जीत हुई है।
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विरोधियो ने कहा समय पर नही मिला एजेंडा : इस दौरान बात करते हुए अकाली पार्षद यादविंदर शर्मा, आरती शर्मा, तेजी सिद्धू ने बताया की हॉउस की कोई भी मीटिंग बुलाने के लिए कम से कम 48 घंटे पहले एजेंडा देना होता है लेकिन उनको 14 – 15 घंटे पहले एजेंडा मिला है। हमारे कई पार्षद शहर से बाहर है जो समय पर नही पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा का आगे जब भी इस सबंध में मीटिंग होगी तो वह जरूर शामिल होंगे।
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यदि विरोधी पक्ष के दो तिहाई मैंबर पुरे होते तो वह आज मीटिंग में जरूर आते। इसके इलावा प्रसाशनिक अधिकारी भी सियासी दबाव के चलते मीटिंग में नही आए। अदलात के आदेशों के बाद ही यह मीटिंग रखी गई थी। इस सबंध में कार्यकरी अधिकारी ने सुरक्षा प्रबंधो को लेकर यह मीटिंग केंसिल की गई है। जबकि यहां कोई भी खतरा नही था। हमारे पक्ष के सभी मैंबर मीटिंग में मौजूद थे और हमारी तरफ से सभी कार्रवाई पूरी की गई थी। इस लिए यह मीटिंग वेलिड मानी जाएगी, जिसकी प्रसिडिंग डालकर सरकार को भेज दी गई है। इसके इलावा यह बताना नही जरूरी है के एजेंडा भेजना नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी की होती है। यदि उनके द्वारा एजेंडा लेट भेजा गया है तो वह सियासी चाल हो सकती है।
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उदयवीर ढिल्लों, नगर परिषद प्रधान
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नगर परिषद ने 5 जुलाई को होने वाली मीटिंग के लिए अदालत के आदेशों के अनुसार दफ्तर के 200 मीटर दायरे में पुलिस को सुरक्षा प्रबंध करने के आदेश दिए थे। इस के लिए अदालत ने डियूटी मैजिस्ट्रेट भी तैनात करने के आदेश दिए थे। लेकिन डियूटी मैजिस्ट्रेट द्वारा मीटिंग में ना पहुंचने और पुलिस द्वारा इतने कम समय में सुरक्षा प्रबंध ना होने के कारण ही यह मीटिंग पोस्टपोन की गई है। प्रधान द्वारा बुलाई गई आज की मीटिंग वेलिड है या नही यह म्युनिसिपल एक्ट चैक करने के बाद ही कुझ कहा जा सकता है।
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अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर ।
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