प्रगति मैदान टनल को यात्रियों के लिए संभावित ख़तरा
नई दिल्ली: पिछले साल दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बहुत धूमधाम से एक किलोमीटर से अधिक लंबी प्रगति मैदान टनल (सुरंग) और अंडरपास तैयार किए गए थे, जिसका उद्देश्य मध्य, दक्षिणपूर्व और नई दिल्ली के बीच ‘कनेक्टिविटी’ बनाना था.
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा यात्रियों के जीवन को ‘संभावित खतरा’ बताया गया है.सके निर्माण के लिए जिम्मेदार विभाग ने छह लेन की सुरंग में पानी के रिसाव, सीमेंट और कंक्रीट में बड़ी दरारें और खराब जल निकासी का हवाला दिया है और निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को कई नोटिस जारी किए गए हैं. उन्हें “गंभीर तकनीकी और डिज़ाइन कमियों” के लिए 500 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया है.Pragati Maidan Tunnel a possible threat to passengers
अखबार के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की लागत 777 करोड़ रुपये बताई गई है. पिछले साल दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव के कारण टनल एक महीने से अधिक समय तक बंद रही थी.
अखबार ने एलएंडटी के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि वह सरकारी विभाग के खिलाफ जवाबी दावा कर रहा है.एलएंडटी को लिखे पत्र में पीडब्ल्यूडी ने कहा है, ‘…सबसे भयावह (और) चिंताजनक मुद्दा टनल/अंडरपास में विभिन्न जगहों पर पानी भर जाने का था. इस समस्या ने, विशेष रूप से मानसून के दौरान, जनता के लिए इस पूरे प्रोजेक्ट को अप्रभावी बना दिया और अंततः पूरे नई दिल्ली क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर कहीं ज्यादा जाम और भीड़भाड़ पैदा कर दी, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य ही विफल हो गया.’
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रिपोर्ट के अनुसार, पीडब्ल्यूडी का दावा है कि बार-बार संपर्क किए जाने और कई अनुरोधों के बावजूद इन मुद्दों को ‘दो महीने से अधिक समय से सुलझाया नहीं गया है.’
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