पदम की गुड़ वाली स्पेशल चाय के दीवाने है बड़े-बड़े अधिकारी
बठिंडा शहर के सिटी मॉल के पीछे पिछले 25 सालों से लगा रहा है चाय की स्टाल पीने के बाद कह नहीं पाएंगे…मजा नहीं आया
-अटल हिन्द ब्यूरो —
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बठिंडा। यूं तो चाय के दीवाने पूरी दुनिया में मिल जाएंगे पर भारत की बात ही कुछ और है। यहां बस चाय पीने का बहाना चाहिए। जरा सी टेंशन है तो चाय, खुश हैं तो चाय, तबीयत ठीक नहीं तो चाय, यानी यहां हर मर्ज की दवा है चाय। बठिंडा में में भी आपको थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चाय की टपरी मिल जाएंगी। यहां चाय की टपरियां ही नहीं, बल्कि कॉफी हाउस की तर्ज पर टी-हाउस भी बड़ी संख्या में मिल जाएंगे, लेकिन, शहर के सिटी माल के पीछे पदम सिंह की गुड वाली स्पेशल चाय (Special Tea)की बात अलग है। पदम सिंह की गुड़ वाली चाय(Padma’s Jaggery Special Tea) की खुशबू दूर-दूर तक फैली है। इनकी चाय का जायका कुछ ऐसा है कि अगर कोई एक बार चख ले तो दोबारा इनकी चाय पिए बिना जा नहीं पाता। पदम अपनी चाय के कर्नाटक का स्पेशल गुड, इलायची के अलावा शुद्ध दूध का इस्तेमाल करते हैं। लोगों का कहना है कि जब तक वह दिन में एक बार पदम के हाथ की बनी चाय नहीं पी लेते दिन पूरा नहीं होता। इतना ही नहीं इनकी चाय के पुलिस विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी दीवाने है, जबकि मिनी सचिवालय से लेकर कई सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दिन एक से दो बार इनकी स्पेशल गुड वाली चाय पीने के उनकी टपरी पर जरूर पहुंचते है। परसराम नगर के रहने वाले पदम सिंह ने पिछले 25 सालों से सिविल लाइन एरिया नजदीक सिटी माल के पीछे गुड वाली स्पेशल बेच रहे हैं। वह चाय शुद्धता और गुणवत्ता उनकी प्राथमिकता रहती है। पदम सिंह ग्राहकों को अपने हाथों से खुद चाय तैयार कर परोसते हैं। इसके पीछे उनका मकसद आने वाले ग्राहकों का दिल जीतना होता है, जो भी पदम सिंह की चाय का स्वाद चख लेता है, वह स्वाद का दीवाना हो जाता है। उनका व्यवहार चाय के स्वाद को और भी बढ़ा देता है। लोगों का कहना है कि पदम सिंह बेहद प्यार से चाय तो पिलाते ही हैं और अगर तृप्ति नहीं होती तो बिना कहे ग्लास में चाय से भर देते हैं। पदम सिंह ने बताया कि साल 1999 में उन्होंने चाय की स्टाल शुरू की थी, तब वह 2 रुपये कप चाय बेचते थे। बढ़ते समय के साथ-साथ उन्होंने चाय के रेट में बढ़ाएं है, लेकिन वह पिछले चार साल से 15 रुपये गुड़ वाली चाय का कप बेच रहे है।
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