अदालत ने पलवल के तत्कालीन शहर थाना प्रभारी राधेश्याम को पीड़ित व्यक्ति जैसी ही सजा देनी चाहिए ?
राधेश्याम ने हवालाती के प्राइवेट पार्ट में हरी मिर्च का घोल डाला था
पलवल (अटल हिन्द ब्यूरो )
हरियाणा पुलिस हमेशा से बदनाम रही है निर्दोषों के साथ मारपीट ,महिलाओं से साथ जेल में दुर्वहार ,बलात्कार ,रिश्वतखोरी ,फर्जी केस बना कर निर्दोषों को जेल में डालना और उन्हें थर्ड डिग्री दे मार मार कर अधमरा करना ,कोठेबाजी चलाना ,और यह सब जानते हुए भी हरियाणा सरकार आँख बंद कर बैठी है खैर सरकार की बात अलग है क्योंकि राज्यों और भारत की केंद्र सरकार चल ही पुलिस के सहारे रही है लेकिन आम आदमी जिससे न्याय की उम्मीद रखता है वह अदालते भी सब कुछ जानते हुए भी हरियाणा सरकार की अपराधी पुलिस के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठा पा रही क्या सरकार की तरह अदालते भी हरियाणा की अपराधी पुलिस के खिलाफ कुछ कर पाने में असमर्थ है अगर ऐसा है तो फिर न्याय की उम्मीद किससे करेगा।
अगर देखा जाये जब भी पुलिस किसी को पकड़ कर थाने लाती है वह घर से अपने पाँव पर सही सलामत चल कर पुलिस थाने तक आता है लेकिन उसके बाद ऐसा क्या हो जाता है की सुबह जब पुलिस गिरफ्तार किये गए हवालाती को मीडिया और अदालत के सामने पेश करती है तो वह अपने पाँव पर खड़ा नहीं हो पाता कुछ पुलिस कर्मी फोटो खिंचवाते समय उसे जबरदस्ती खड़ा रखने के लिए सहारा देते नजर आते है ऐसा क्यों क्या हरियाणा के सविधान और फिर भारत के सविधान में ऐसा लिखा है की पुलिस किसी को भी जब चाहे मार सकती है या मार मार कर अधमरा कर सकती है लेकिन न्यायपालिका में आजकल न्याय कहाँ मिलता है अदालत के पास समय ही कहाँ है सच को खुली आँखों से देखते हुए भी निर्दोष को जेल और अपराधी पुलिस को सरंक्षण देती है ? घटना दिसंबर 2024 की बताई जा रही है जब पलवल पुलिस के खिलाफ राजस्थान के एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि थाना प्रभारी राधेश्याम ने उसके हाथ-पैर बांधकर मारपीट की. इतना ही नहीं उसे हरी मिर्च का घोल पिलाया और इंजेक्शन में भरकर यही घोल उसके प्राइवेट पार्ट में डाल दिया. एसपी चंद्रमोहन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए. सीसीटीवी फुटेज की जांच में आरोप सही पाए गए. इसके बाद आईजी रेंज रेवाड़ी ने 16 अप्रैल को ही राधेश्याम को निलंबित कर दिया था.
राजस्थान के इस पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ सौरभ ने शहर थाना में दी गई शिकायत में कहा था कि उसके पिताजी लकवा के मरीज है. चार दिसंबर को उसके पिता को एक व्यक्ति मिला जिसने कहा कि वो थेरेपी से लकवा को ठीक कर देगा. इसके बाद उनके घर दो व्यक्ति आए और उसके पिता का इलाज शुरू कर दिया. आरोपियों ने उसके पिता से 12 हजार रुपए जबरन ले लिए और वहां से भागने लगे, लेकिन एक आरोपी को उन्होंने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
इसके बाद शहर थाने में राजस्थान के रहने वाले दो व्यक्ति के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं शिकंजे में आए एक आरोपी को पूछताछ कर कोर्ट में पेश कर दिया गया था. आरोपी ने ही एसपी को दी शिकायत में कहा था कि शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राधेश्याम ने उसके साथ मारपीट कर मिर्च का घोल पिलाया और इंजेक्शन से उसके प्राइवेट पार्ट में डाला था. मामले में चार माह बाद शहर थाना पुलिस ने आरोपी की शिकायत पर तत्कालीन थाना प्रभारी राधेश्याम के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर किया है.
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